शहर की नौकरी छोड़ गांव में शुरु किया ये काम, सलाना कमा रहे तीस लाख रुपये

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नागेंद्र ने बताया कि अब हालात बदल चुके हैं, बाजार में उनके ब्रांड को लोग पसंद करने लगे हैं, जिसकी वजह से उनका कारोबार कई गुना बढ गया है।

New Delhi, May 29 : नौकरी की तलाश में जहां लोग गांव से शहरों की तरफ भाग रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो शहर से गांव में आकर काम कर लाखों रुपये कमा रहे हैं। यूपी के सुल्तानपुर जिला मुख्यालय से करीब 28 किमी दूर लंभुआ ब्लॉक के प्रतापपुर कमैचा गांव में एक फैक्ट्री में टोमैटो और चिली सॉस बनाया जा रहा है। इस फैक्ट्री को चलाने वाले युवा मालिक नागेंद्र कुमार यादव ने बताया कि वो इस बिजनेस से सलाना 25 से 30 लाख रुपये कमा रहे हैं।

कई लोगों को मिला रोजगार
नागेंद्र की इस छोटी ही फैक्ट्री में करीब तीन दर्जन महिलाएं प्रत्यक्ष रुप से काम करती हैं, इसके साथ ही किसान और ग्रामीण युवाओं के लिये वो मिसाल पेश कर रहे हैं। Tomato56फैक्ट्री के मालिक नागेंद्र पिछले कुछ सालों से गुजरात और महाराष्ट्र में बड़ी कंपनियों में काम कर रहे थे, लेकिन तीन साल पहले वो घर लौटे और अपना काम शुरु कर दिया। हालांकि जब उन्होने बिजनेस शुरु किया था, तो सबकुछ आसान नहीं था।

आसान नहीं था रास्ता
युवा व्यवसायी ने बताया कि जब उन्होने फैक्ट्री खोला था, तो उनके सामने कई चुनौतियां थी, सबसे बड़ी चुनौती तो माल को बेचने का था क्योंकि उनका मुकाबला बड़ी कंपनियों से था। Tomato4लेकिन उन्होने हिम्मत नहीं हारी, तो पूरी मेहनत से जुटे रहे, नतीजा धीरे- धीरे बाजार में उनकी प्रोडक्ट की भी मांग बढने लगी, लोग उनके उत्पाद को पसंद करने लगे।

घर वालों ने किया था विरोध
जब नागेंद्र अच्छी सैलरी की नौकरी छोड़ गांव में बिजनेस करने आ गये, तो उनके घर वालों ने भी उनके इस फैसले का विरोध किया था, Tomato3उन्होने बताया कि जब उन्होने घर वालों को अपना फैसला बताया तो उन्होने कहा कि उनका फैसला गलत है, नौकरी छोड़ दी, तो अब क्या करोगे। जिसके बाद मैंने अपने ननिहाल के पास जमीन खरीदकर प्रोसेसिंग यूनिट लगा दी।

बदल गये हैं हालात
हालांकि नागेंद्र ने बताया कि अब हालात बदल चुके हैं, बाजार में उनके ब्रांड को लोग पसंद करने लगे हैं, जिसकी वजह से उनका कारोबार कई गुना बढ गया है। Tomato1नागेंद्र के फैक्ट्री खोलने की वजह से आस-पास के किसानों के भी अच्छे दिन आ गये हैं, क्योंकि कद्दू, टमाटर और आलू उगाने वालों किसानों को फसल की सही कीमत मिल जाती है, कई किसान तो उनकी वजह से ये फसल उगाने लगे हैं।

फूड प्रोसेसिंग में किया पोस्ट ग्रेजुएशन
आपको बता दें कि नागेंद्र कुमार यादव ने लखनऊ में दो वर्षीय फूड प्रोसेसिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, जिसके बाद उन्हें गुजरात की एक बड़ी कंपनी में काम मिल गया। tomato-sauce6 साल तक गुजरात में नौकरी करने के बाद उन्हें लगा कि अपने गांव में ही जाकर कुछ काम करना चाहिये। नागेंद्र ने बताया कि कई साल बाहर नौकरी करने के बाद उन्हें लगा कि कब तक दूसरों के यहां नौकरी करेंगे। जिसके बाद वो घर वापस आ गये।

दूसरों जिलों में भी बढ रहा है सप्लाई
आज उनके ब्रांड की मांग सुल्तानपुर जिले के अलावा प्रतापगढ, अमेठी और जौनपुर जैसे जिले में बढ रहे हैं। Tomato5उनके यहां आस-पास के गांव की करीब तीन दर्जन महिलाएं काम करती है, जिससे उन्हें भी गांव में ही रोजगार मिल रहा है। करीब रोजाना उनकी फैक्ट्री में तीन सौ बोतल सॉस की सप्लाई होती है, उनके पूरे संघर्ष में उनकी पत्नी मीना यादव ( 32 साल) ने पूरा साथ दिया, वो आज भी दूसरी महिलाओं के साथ प्रोसेसिंग यूनिट में काम करती है।