हद है, भारत की इन जगहों में भारतीय ही बैन है !

पढ़कर हैरान ना हो, अंग्रेजों से आजाद हुए हमें 70 साल बीत गए हैं लेकिन अब भी यहां कुछ जगहें है जहां भारतीयों का आना मना है ।

New Delhi, Oct 18 : डॉग्‍स एंड इंडियन्‍स आर नॉट अलॉउड । ब्रिटिश राज में ये बोर्ड भारत की कई जगहों पर दिखाई देता था । लेकिन अपने ही देश में अगर आपको नो एंट्री का बोर्ड देखना पड़े तो कैसा लगेगा । हम सड़क के साइन बोर्ड्स की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि कुछ ऐसी जगहों की बात कर रहे हैं जहां भारतीयों का आना बैन है । एक नहीं ऐसी कई जगहें हैं जहां भारतीयों के प्रवेश पर आज भी पाबंदी है ।

फ्री कसौल कैफे, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के कसौल जाएं तो इस नाम के कैफे की ओर बिलकुल जाने की मत सोचिएगा । यहां आने वाले लोगों को कैफे में आने के लिए अपना पासपोर्ट दिखाना पड़ता है । अगर आपके पासपोर्ट में इंडियन लिखा है तो सॉरी आप इस कैफे में एट्री नहीं कर सकते । रेस्‍टोरेंट के इस नियम को लेकर कई बार बवाल हो चुका है ।

मीडिया में ऐसे आई खबर
2015 में ये कैफे उस वक्त सुर्खियों में आ गया था जब यहां एक इंडियन महिला को आने से मना कर दिया गया था, जबकि दूसरे विदेशी पर्यटकों का स्‍वागत किया गया था । तब इस पर जमकर विवाद हुआ था । यहां के मालिक के मुताबिक भारतीय पुरुष विदेशी पर्यटकों से बुरा बर्ताव करते हैं इसलिए उनके प्रवेश पर बैन लगा दिया गया है ।

उनो-इन होटल, बेंगलुरू
बेंगलुरु का ये होटल अपनी 5 सटार रैंकिंग के लिए जाना जाता था । 2012 में बना ये होटल सिर्फ जापानियों के लिए था । यहां सिर्फ जापान के नागरिक ही आ सकते थे । इस होटल में भारतीयों की नो एंट्री थी । इस होटल के मालिक का जापानियों से विशेष प्रेम था, आईटी हब होने के चलते बेंगलुरु में जापान से आने वालों की कमी नहीं ।

2014 में ही बंद हो गया होटल
सिर्फ जापानी पर्यटकों के लिए खुले इस होटल के मालिक को उनका ये फैसला भारी पड़ा । भारतीयों को बैन करने की स्‍ट्रेटजी उनके लिए मुनाफे नहीं घाटे की वजह बनी । साल 2014 में ही इस होटल को बंद कर दिया गया । भेदभाव, राष्‍ट्रीयता को लेकर हुई कुछ घटनाओं ने इस होटल के मालिक को सवालों के घेरे में ला दिया । बेंगलुरु सिटी कॉर्पोरेशन के आदेश पर इसे बंद कर दिया गया ।

देश के कुछ “Foreigners Only” बीच
गोवा और पॉन्डिचेरी में कई ऐसे समुद्री किनारे हैं जो सिर्फ विदेशियों के लिए हैं । भारतीयों के यहां जाने पर बैन है । “Foreigners Only” बीच के नाम से मशहूर ये समुद्री किनारे विदेशी सैलानियों से गुलजार रहते हैं, इनकी सुंदरता देखते ही बनती है । लेकिन कुछ कारणों से इन बीचेज पर इंडियन्‍स को नहीं आने दिया जाता ।

“Foreigners Only” बीच पर भारतीयों के बैन का तर्क
इन बीचेज के मालिकों का इस पर अपना ही तर्क है । उनके मुताबिक गोवा और पॉन्डिचेरी में हर साल हजारों विदेशी सैलानी आते हैं । विदेशी कल्‍चर और भारतीय कल्‍चर में जमीन आसमान का अंतर है । उनके मुताबिक समुद्र किनारे लेटे,बैठे विदेशी असहज ना हों इसलिए भारतीयों को यहां नहीं आने दिया जाता । उनकी घूरने की आदत विदेशियों को परेशान करती है ।

हाईलैंड लॉज, चेन्नई
इस लॉज में भारतीयों को भारतीय पासपोर्ट पर आने की अनुमति नहीं है । हां आपके पास फॉरेन पासपोर्ट है तो आपका इस लॉज में वेलकम है । यहां केवल विदेशियों को ही आने की अनुमति, भारतीय लोगों का प्रवेश यहां बैन है । यहां भारतीयों के No Entry का नियम सख्ती से लागू किया जाता है ।

बेहद खूबसूरत है हाईलैंड लॉज
इस लॉज में भारतीयों पर बैन है इसलिए वो इसकी खूबसूरती का मजा नहीं ले सकते । चेन्‍नई का ये लॉज बेहद खास शैली में बनाया गया है । यहां की हरियाली दिल को मोह लेती है । खास विदेशी सैलानियों के लिए बने इस लॉज में हर सुख सुविधा का पूरा ख्‍याल रखा गया है । लेकिन अफसोस भारतीय यहां नहीं आ सकते हैं ।