ये IPS अधिकारी बनें यूपी पुलिस के नये डीजीपी, पिता की मौत के समय खाते में थे सिर्फ 603 रुपये

op singh

ओपी सिंह बिहार के गया जिले के मीरा बिगहा गांव के मूल रुप से रहने वाले हैं, वो यूपी पुलिस में डीजीपी होने से पहले सीआईएसएफ में डीजी के पद पर तैनात थे।

New Delhi, Jan 01 : यूपी के नये डीजीपी ओ पी सिंह ने आज पदभार संभाल लिया, आपको बता दें कि आईपीएस अधिकारी मूल रुप से बिहार के गया जिले के रहने वाले हैं, उनके अनुसार यहां तक पहुंचने में उनकी मां का काफी योगदान रहा है, दरअसल उनकी मां कभी दरवाजे से बाहर कदम नहीं रखती थी, लेकिन बेटे की पढाई की वजह से उन्हें दस साल तक खेती-बाड़ी का पूरा काम देखना पड़ा था, हालांकि उनकी मेहनत रंग लाई और आज उनका बेटा यूपी पुलिस के सर्वोच्च की कुर्सी पर विराजमान है।

कौन हैं ओ पी सिंह ?
आपको बता दें कि ओपी सिंह बिहार के गया जिले के मीरा बिगहा गांव के मूल रुप से रहने वाले हैं, वो यूपी पुलिस में डीजीपी होने से पहले सीआईएसएफ में डीजी के पद पर तैनात थे, op_singh1वो 1983 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, केन्द्र के साथ-साथ वो यूपी में भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं।

मिल चुका है बहादुरी पुरस्कार
यूपी पुलिस के नये डीजीपी ओपी सिंह को साल 1993 में बहादुरी के लिये इंडियन पुलिस मेडल, 1999 में सराहनीय सेवा के लिये राष्ट्रपति पुलिस मेडल और साल 2005 में विशिष्ट सेवा के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक प्राप्त हो चुका है।OP-Singh2 आपको बता दें कि ओ पी सिंह अनुशासन और बेहतर लॉ एंड ऑर्डर के लिये जाने जाते हैं।

बिहार के मूल निवासी
ओ पी सिंह बिहार के गया जिले के मीरा बिगहा गांव के रहने वाले हैं, उनके बड़े भाई प्रकाश सिंह ने बताया कि अभी भी उनके परिवार का नाता गांव से टूटा नहीं है, op_singh12करीब दस-पंद्रह दिन पहले ही एक शादी में शामिल होने के लिये ओपी गांव पहुंचे थे, जब भी मौका मिलता है, या फिर कोई काम होता है, तो वो जरुर गांव आते हैं।

डीयू के गोल्ड मेडेलिस्ट रहे हैं ओपी
ओपी सिंह के बड़े भाई ने बताया कि उनकी शुरुआती पढाई गया से ही हुई है, फिर रांची के संत जेवियर से इंटर पास किया, OP Singh1फिर ग्रेजुएशन करने के लिये वो दिल्ली चले आए, उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए किया, जिसमें उन्होने गोल्ड मेडल हासिल किया, फिर यही पढाने लगे। फिर उनका चयन यूपीएससी में हो गया, और वो आईपीएस बन गये।

अचानक हुआ पिता का निधन
ओपी सिंह के बड़े भाई प्रकाश सिंह ने बताया कि उनके पिता शिवधारी सिंह की अचानक ही मौत हो गई थी, तब उनके पिता के खाते में सिर्फ 603 रुपये थे, OP-singh-1दोनों भाई पढाई कर रहे थे, उस दौर में घर-परिवार चलाने में भी काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर परिवार कैसे चलेगा, क्योंकि घर में कमाने वाला कोई नहीं था।

मां ने संभाली जिम्मेदारी
जब परिवार मुश्किल दौर से गुजर रहा था तो उनकी मां प्यारी देवी ने जिम्मेदारी संभाली, उन्होने दोनों बेटों को पढाई पर ध्यान देने को कहा और खुद खेती-बाड़ी की जिम्मेदारी संभाली, op_singhडॉ. प्रकाश सिंह ने कहा कि उनकी मां कभी घर से भी बाहर नहीं निकलती थी, लेकिन परेशानी देख उन्होने सारी जिम्मेदारी संभाल ली, जिससे दोनों भाई के पढाई का खर्चा चलने लगा।

फिर बड़े भाई ने संभाली जिम्मेदारी
डॉ. प्रकाश सिंह ने कहा कि ये सिलसिला कुछ महीने नहीं बल्कि दस साल तक चला, 1973-83 तक मां ने सारी जिम्मेदारी संभाली, Prakash Singhफिर मैं एमबीबीएस की पढाई करने के बाद अपने गांव लौट आया, और परिवार की जिम्मेदारी संभालने की कोशिश करने लगा, तभी ओपी ने डीयू में एमए गोल्ड मेडलिस्ट बन गया। जिसके बाद एक के बाद एक परेशानियां कम होने लगी।

कानून-व्यवस्था बड़ी जिम्मेदारी
ओपी सिंह को यूपी पुलिस डीजीपी का कार्यभार दिया है, उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है, UP Policeक्योंकि सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले प्रदेश में क्राइम भी ज्यादा होता है, साथ ही पॉलिटिकल प्रेशर भी भरपूर रहता है, क्योंकि प्रधानमंत्री भी इसी प्रदेश से नुमाइंदगी करते हैं, इसलिये नयी जिम्मेदारी उनके लिये किसी चुनौती से कम नहीं है।