हाथ से चिठ्ठी लिखकर रतन टाटा के असिस्टेंट बने शांतनु नायडू कौन हैं?

दुनिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन के कंधे पर हाथ रखने वाला ये शख्‍स कौन है, ये सवाल अगर आपके मन में भी कौंध रहा है तो आइए इसका जवाब आपको बताते हैं ।

New Delhi, Jan 25: दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों में से एक हैं भारत के बिजनेसमैन रतन टाटा । 28 दिसंबर, 2021 को उन्‍होंने अपना 84वां जन्मदिन मनाया है, उनका बर्थडे सेलिब्रेट करते हुए उनका एक वीडियो वायरल हुआ । ये वीडियो खूब चर्चा में रहा, दरअसल वीडियो में रतन के साथ एक युवा नजर आया । घुंघराले बालों वाले इस युवा ने केक कटने पर तालियां बजाई, खड़े होकर रतन टाटा के कंधे पर हाथ भी रखा । इसके बाद वह वहीं बैठकर उन्‍हें कप केक का टुकड़ा खिलाता भी नजर आया । वीडियो को लेकर सभी के मन में यही सवाल है, कि आखिर ये युवक कौन है ।

वीडियो में दिख रहे युवक का नाम है शांतनु नायडू
सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि रतन टाटा से इस लड़के का कोई भी पारिवारिक संबंध नहीं है । इस युवक का नाम है शांतनु नायडू । शांतनु रतन टाटा के निजी सचिव हैं । ये तो सभी जानते हैं कि रतन टाटा युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं, उनकी स्पीच और कहानियां सोशल नेटवर्क पर लगातार वायरल होती रहती हैं । लेकिन शांतनु के टाटा के लिए काम करने की बात बहुत कम लोग जानते हैं । मुंबई के रहने वाले शांतनु नायडू ऐसे खुशनसीब युवा हैं, जिनसे प्रभावित होकर रतन टाटा ने खुद फ़ोन कर कहा कि आप जो करते हैं मैं उससे बहुत प्रभावित हूं. क्या मेरे असिस्टेंट बनोगे।

क्या करते हैं शांतनु नायडू?
रतन टाटा के साथ काम कर रहे शांतनु ने अपनी कामयाबी की कहानी फेसबुक पेज ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे पर लिखी है । शांतनु बताते हैं कि 2014 में उनकी ज़िंदगी बदल गई थी । करीब पांच साल पहले उन्होंने एक कुत्ते को सड़क पर एक्सीडेंट में मरते हुए देखा,  शांतनु ने कुत्तों को इस तरह से मरने से बचाने को लेकर सोचना शुरू कर दिया । इसके बाद शांतनु को कुत्तों को गले पर कॉलर बनाने का आइडिया आया । एक ऐसा चमकदार कॉलर, जिसे वाहन चालक दूर से देख सकें। शांतनु नायडू अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर ‘ऑन योर स्पार्क्स’ के साथ लाइव आते हैं वहीं उनकी कंपनी मोटोपॉज है, जो कुत्ते के कॉलर का डिजाइन और निर्माण करती है ।

पिता के कहने पर लिखी रतन टाटा को चिठ्ठी
शांतनु से पहले उनके परिवार के और भी लोग रतन टाटा के लिए काम कर चुके हैं । अपने पिता के कहने पर ही शांतनु ने टाटा को लेटर लिखा था, जिसके जवाब में उन्हें रतन टाटा से मिलने का न्योता मिला । इस मुलाकात के दौरान टाटा ने स्ट्रीट डॉग्स प्रोजेक्ट की मदद के लिए पूछा लेकिन शांतनु ने मना कर दिया बाद में रतन टाटा ने जोर देकर निवेश किया और उसके बाद मोटोपॉज की पहुंच देश के कई अलग-अलग शहरों तक हो गई है।
2019 से रतन टाटा के साथ काम कर रहे हैं शांतनु
शांतनु ने कॉर्नेल में एडमिशन लिया, यहां से शांतनु ने एमबीए किया कोर्स खत्म करने के बाद उन्हें रतन टाटा के साथ काम करने का मौका मिला। साल 2019 में टाटा की ओर से अपना ऑफिस जॉइन करने का न्यौता आ गया शांतनु कहते हैं कि उनके साथ काम करना सम्मान की बात है, इस तरह का मौका जिंदगी में एक ही बार मिलता है। दिग्गज कारोबारी रतन टाटा शांतनु के अच्छे आइडियाज के फैन हैं ।