ज्‍यादातर हवाई जहाज सफेद रंग के ही क्‍यों होते हैं ? वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

आसमान में उड़ते हवाई जहाज आखिर लाल, नीले, पीले या किसी और रंग के क्‍यों नहीं होते । ये सवाल कभी मन में उठा हो तो आज जानिए इसकी वजह ।

New Delhi, Nov 03 : बचपन में आसमान में उड़ते हुए जहाजों को देखकर खूब मन मचलता है । मन करता है काश हम भी हवा में उड़ते उस उड़न खटोले में बैठ जाते और बादलों की सैर कर लेते । आसमान में उड़ते हवाई जहाज की आवाज आज भी कइयों के मन में इसे देख लेने की इच्‍छा पैदा करती है । हवाई जहाज को लेकर एक सवाल जो शायद सभी के मन में आता होगा वो ये है कि आखिर इनका रंग सफेद ही क्‍यों होता है । भारत ही नहीं हर देश में इसी रंग को क्‍यों पमुखता दी जाती है । आगे जानिए इस सवाल का जवाब ।

प्‍लेन क्रैश होने की स्थिति में आसानी से खोजा जा सके
हवाई जहाज को सफेद रंग से रंगने का जो सबसे पहला कारण है वो ये है कि अगर कोई आपातकालीन स्थिति आ जाए, जिसमें जहाज क्रैश हो जाए तो उसे ढूढ़ने में आसानी हो । सफेद रंग का होने की वजह से ये दूर से ही चमकने लगता है । ऐसे में अगर कभी जहाज ऐसी निर्जन जगह पर दुर्घटनाग्रस्‍त हो जाए तो उसे रेस्‍क्‍यू करने में मदद मिलती है ।

गर्मी से बचाता है सफेद रंग
सफेद रंग ऊष्‍मा का कुचालक होता है । इसी वैज्ञानिक कारण की वजह से हवाई जहाजों को सफेद रंग में रंगा जाता है । आसमान में ऊंचाई पर उड़ने वाले जहाजों पर सूरज की तेज किरणें पड़ती है । ज्‍यादतर गर्मी का जहाज का सफेद रंग वापस रिफ्लेक्‍ट कर देता है और जहाज का तापमान सामान्‍य बनाए रखने में मदद करता है । अगर किसी दूसरे रंग का इस्‍तेमाल किया जाए तो जहाज का तापमान अधिक हो सकता है ।

वाइट कलर अन्‍य रंगों के मुकाबले सस्‍ता होता है
एक बड़े जहाज को अच्‍छी तरह पेंट करने में एक महीने का समय लगता है । इसमें खर्च भी बहतु अधिक आता है । एक अनुमान के अनुसार हवाई जहाज को पेंट करने में 3 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का खर्च आ सकता है । ऐसे में दूसरे रंगों के मुकाबले सफेद रंग ही सबसे अच्‍छा और सस्‍ता विकल्‍प बचता है । दूसरे रंगों के मुकाबले इससे पेंट करने में लागत कम पड़ती है ।

सफेद रंग पर धूप का असर नहीं पड़ता
भारत में सबसे ज्‍यादा बिकने वाली गाडि़यों का रंग सफेद ही होता है । जानते हैं क्‍यों, क्‍योंकि ये रंग हल्‍का नहीं पड़ता और धूप में खराब नहीं होता । इसलिए हवाई जहाज को भी सफेद रंग में ही रंगा जाता है । एयरोप्‍लेन, हमेशा धूप में ही रहता है । एयरपोर्ट पर भी इसे बाहर धूप में ही रखा जाता है । इसलिए सफेद रंग से रंगने में ही समझदारी रहती है ।

चोट या डेन्ट का तुरन्त पता चल जाता है
सफेद रंग का होने के चलते प्‍लेन के रख रखाव में भी सरलता होती है । जहाज में लगी हुई छोटी से छोटी चोटें, डेन्‍ट आदि का तुरंत पता चल

जाता है । जिसके चलते इसकी मरम्‍मत समय से हो जाती है । जहाज को लेकर बरती गई थोड़ी सी भी लापरवाही मुश्किल में डाल सकती है, सफेद रंग ऐसी किसी भी संभावना से काफी हद तक बचाता है ।

प्लेन का वजन कम रहता है
हवाई जहाज निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों के अनुसार सफेद रंग लगाने से प्‍लेन का वजन भी कम रहता है । दूसरे रंगों के इस्‍तेमाल से प्‍लेन का जहाज बढ़ जाता है । ज्‍यादा वजन वाले प्‍लेन में फ्यूल भी अधिक लगता है । सफेद रंग इस्‍तेमाल करने से ईंधन और वजन दोनों ही नियंत्रण में रहता है । सफेद रंग का इस्‍तेमाल विमानन कंपनियों को किफायती पड़ता है ।

रीसेल वैल्‍यू अधिक
कमर्शियल जहाजों को सफद रंग करने का एक कारण ये भी माना जा सकता है कि इन्‍हें बेचना खरीदना आसान होता है । जहाज की पेंटिंग पर आने वाले खर्च को देखकर कोई भी कंपनी दोबारा इसे पेंट कराने में अपना नुकसान नहीं चाहेगी । सफेद रंग के ऊपर जहां थोड़ी बहुत फेर बदल की जा सकती है वहीं दूसरे रंगों पर ये काफी खर्चीला साबित होता है ।
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