5 काम जिनकी वजह से लक्ष्‍मी जी आपसे रूठी हुई हैं

शास्‍त्रों में कहा गया है, मनुष्‍य के दैनिक व्‍यवहार से जुड़ी कुछ बातें हैं जो उनके धन प्राप्ति की राह में अड़चन बनती हैं । जानें अनजाने ये गलतियां सभी से हो जाती हैं । आगे जानिए इन बातों के बारे में और इससे कुछ सीख भी जरूर लीजिए ।

New Delhi, May 17 : धन कमाने के लिए मनुष्‍य सुबह से शाम तक मेहनत करता रहता है । अपने-अपने स्‍तर पर सभी को काम के मौके मिलते हैं वो उसमें अपना बेहतर कर अधिक से अधिक सफल होना चाहता है । लेकिन इस दौड़ भाग वाली जिंदगी में कई बार हाड़ तोड़ मेहनत भी कम पड़ने लगती है । शास्‍त्रों में इसकी वजह हमारी कुंडली के अशुभ योग, ग्रह दशा या फिर मनुष्‍य द्वारा जाने अनजाने में की जा रही गलतियों को माना जाता है । कुछ एकदम साधारण सी बातें हैं जिनके बारे में आप सोचते भी नहीं लेकिन वो आपके धन प्राप्ति और सफलता की राह में रोड़े बन रही है ।

ऊंघना, जम्‍हाई लेना
अगर आप अपने काम की जगह पर जम्‍हाई लेते रहते हैं तो आप से ‘लक्ष्‍मी जी’ रूठ सकती हैं । शास्‍त्रों में कहा गया है जो व्‍यक्ति अपने काम की जगह पर एकाग्र मन से, प्रसन्‍नचित्‍त होकर काम नहीं करता वो कभी सफल नहीं हो सकता । आप अपने काम से खुश हैं या नहीं इसकी परवाह किए बिना जो भी कर रहे हैं उसमें अपना 100 प्रतिशत दें । काम में पदोन्‍नति भी होगी और मनचाही जगह जाने का साहस भी मिलेगा ।

ज्‍यादा सोना
मनुष्‍य के लिए 6 घंटे की नींद पर्याप्‍त बताई गई है । लेकिन उससे अधिक सोने वाले व्‍यक्ति को जीवन में कुछ भी ना कर पाने लायक बतायाSleep गया है । शास्‍त्रों में कहा गया है जो व्‍यक्ति बहुत अधिक सोता है वो असुर समान है । ईष्‍वर ने जीवन सोने के लिए नहीं बल्कि अच्‍छे कार्यों को करने के लिए दिया है । अधिक सोना दरिद्रता की निशानी है, ‘लक्ष्‍मी जी’ ऐसे घर के अंदर भी नहीं आती ।

डरना
जो डरता है वो मरता है, ये ऐसे ही नहीं कहा गया है । किसी कार्य को डर-डर के करने से वो खराब हो जाता है । ज्‍यादा संभलकर चलने के चक्‍कर में व्‍यक्ति गिर जाता है । शास्‍त्रों में कहा गया है डर से आत्‍मविश्‍वास कम होता है, कार्य कुशलता पर भी असर पड़ता है । जब आप काम ही अच्‍छा नहीं कर पाओगे तो ‘लक्ष्‍मी जी’ अर्थात धन कैसे कमा पाओगे । डरो नहीं, निर्भीकता और आत्‍मविश्‍वास के साथ किसी भी काम को करने का जतन करो ।

आलस
जो आालसी है वो धनवान कैसे हो सकता है । आलस्‍य को त्‍यागिए और काम में मन लगाइए । ‘लक्ष्‍मी जी’ द्वार पर खड़ी हैं कि कब आप उनके लिए दरवाजा खोलने का कष्‍ट करोगे । आलसी व्‍यक्ति जीवन में कुछ नहीं कर पाता । आलसी व्‍यक्ति के द्वार पर अवसर ना जाने कितनी बार आते हैं लेकिन अपने अंदर के आलस, नकारात्‍मकता के कारण वो कुछ कर ही नहीं पाता है । जिसका जिम्‍मेदार वो अपने भाग्‍य को देता है ।

क्रोध
गुस्‍सैल स्‍वभाव के व्‍यक्ति पसंद नहीं किए जाते हैं । ऐसा स्‍वभाग सामाजिक रिश्‍तों पर भी असर डालता है । ज्‍यादा क्रोध करने से मन अशांत हो जा है और अशांत मन से काम अच्‍छा नहीं हो पाता । क्रोधी व्‍यक्ति को खुद पर काबू नहीं रहता और वो जीवन में इसके चलते कई तरह की ऐसी गलतियां कर देता है जो अक्षम्‍य होती हैं । ऐसी स्थिति में व्‍यक्ति से ऐसी गलतियां भी हो सकती है जो मां लक्ष्‍मी को आप से दूर कर दें ।