बसंत पंचमी के त्यौहार को सरस्वती पूजा के नाम से भी मनाया जाता है । देवी सरस्वती की आराधना के लिए इस दिन खास तैयारी कर छात्र-छात्राएं अच्छे परीक्षा परिणाम प्राप्त कर सकते हैं ।
New Delhi, 20 Jan : 22 जनवरी, सोमवार को को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा । ये पर्व प्रत्येक वर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है । इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है । मां शारदे का ये प्राकट्य पर्व हर तरह की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है । इस दिन आपके द्वारा किए गए कुछ कार्य आपकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं । मां सरस्वती ज्ञान की देवी मानी जाती हैं इस दिन उनको प्रसन्न करना मतलब ज्ञान का अकूत भंडार प्राप्त करने जैसा है । ज्ञान की प्राप्ति के साथ ही आपके लिए धन प्राप्ति के मार्ग भी खुल जाते हैं ।
देवी सरस्वती का स्थान
मां सरस्वती ब्रह्मा जी की पत्नी हैं, वह ज्ञान की देवी कहलाती हैं । त्रिदेवी कही जाने वालीं सरस्वती लक्ष्मी और पार्वती की बहन मानी जाती हैं । जिस प्रकार ब्रह्मा ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति की उसी प्रकार ज्ञान की देवी सरस्वती ने ब्रह्मांड को ज्ञान के भंडार से भरा । ज्ञान बिना ना अर्थ की प्राप्ति संभव है और ना ही किसी प्रकार की समृद्धि ही संभव है । किसी भी चीज की प्राप्ति से पहले मनुष्य को ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक माना गया है ।
मां सरस्वती की पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें
इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से छात्र-छात्राओं को बहुत लाभ होता है । ज्ञान की देवी उन पर कृपा करती हैं ओर आशीर्वाद स्वरूप ज्ञान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं । इस दिन पूजा करने से पहले ये ध्यान रखें कि आप सच्चे मन से प्रार्थना करें, मां सरस्वती की पूजा करते हुए इधर-धर मन ना भटकने दें । पूजा के साथ सरस्वती चालीसा का पाठ अवश्य करें । ये पूजन में महत्वपूर्ण है ।
इस प्रकार करें बसंत पंचमी की पूजा
बसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें । पीले वस्त्र धारण कर पीले फूलों के साथ मां सरस्वती की आराधना करें । मां की आरती उतारें और अपनी मनोकामना मां सरस्वती को बताएं । मां सरस्वती को पीला रंग अति प्रिय है, इस दिन पीले रंग के वस्त्र, पीले रंग का भोग, हल्दी का तिलक आदि माता को अर्पित करें । मां प्रसनन होंगी तो आपको भी आपका मनचाहा वरदान प्राप्त होगा ।
ग्रंथों का दान करें
इस दिन देववाणी संस्कृत भाषा में लिखे हुए शास्त्रीय ग्रंथों का दान पावन माना जाता है । इन ग्रंथो का दान संकल्प लेकर विद्वान ब्राह्मणों को करें । आपका कल्याण होगा । ब्राह्मणों से मिला आशीर्वाद आपके जीवन में समृद्धि लाएगा । संस्कृत भाषा में लिखी हुई पुस्तकें आप स्कूलों में भी दान कर सकते हैं । संस्कृत को देवभाषा कहा गया है, ये सबसे प्राचीन भाषा मानी जाती है ।
इस मंत्र का जाप करें
मां सरस्वती की पूजा और दान आदि के बाद एकांत में बैठकर देवी सरस्वती के मंत्र का 1100 बार जाप करें । मंत्र इस प्रकार है – ॐ ऐं सरस्वत्यै नम: । इस मंत्र के जाप के साथ ही आपको तत्त्वज्ञान की प्राप्ति होगी और आप जीवन में विकास पथ पर अग्रसर होंगे । पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए इस मंत्र का जाप अचूक है । ये मंत्र आपको एकाग्रता प्रदान करता है, सकारात्मक ऊर्जा से भरता है साथ ही आत्मविश्वास में वृद्धि करता है ।
दिमाग तेज होता है
मां सरस्वती जिसपर कृपा करती हैं, वह व्यक्ति जितना भी मंद बुद्धि का हो, जल्दी ही बुद्धिमान होकर जीवन में सही निर्णय लेने में सफल हो जाता है। ऊपर दिए हुए इस श्लोक के प्रभाव से आपकी बुद्धि निर्मल होती है । श्लोक का जप यदि प्रतिदिन किया जाए तो दिमाग तेज होता है । बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को खुश करने के लिए देवी के 12 नामों का उच्चारण करना चाहिए। ये नाम हैं – भारती, सरस्वती, शारदा, हंसवाहिनी, जगती, वागीश्वरी, कुमुदी, ब्रह्मचारिणी, बुद्धिदात्री, वरदायिनी, चंद्रकांति, भुवनेश्वरी ।
मां के नामों के साथ करें इस श्लोक का उच्चारण
इन 12 नामों का सिमरन करने से आपकी बुद्धि कुशाग्र होगी और आप धन प्राप्ति की ओर बढ़ेंगे । मां शारदे का आराधना का श्लोक है –
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
यानी जो कुंद के फूल, चंद्रमा और बर्फ के हार के समान श्वेत हैं, जो श्वेत वस्त्र पहनती हैं, जो हाथों में वीणा धारण किए हैं और श्वेत कमलों के आसन पर विराजमान हैं, ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देवता जिनकी सदा स्तुति करते हैं, जो हर प्रकार की जड़ता हर लेती हैं, वह सरस्वती हम सभी का उद्धार करें। इस आराधना से आप मां शारदे का आशीर्वाद प्राप्त कर लेंगे ।