भूलकर भी ना करें तुलसी के साथ ऐसी गलती, दैवीय शक्ति हो जाती है नाराज, लगता है पाप

क्‍या आप अपने घर में लगे तुलसी के पौधे को अन्‍य पौधों की तरह ही देखते हैं । इसके पत्‍ते कभी भी तोड़ लेते हैं । अगर ऐसा है तो शायद आप जानते नहीं लेकिन हमारा शास्‍त्र इसकी इजाजत नहीं देता ।

New Delhi, Mar 14 : तुलसी एक पौधा ही नहीं हिंदू धर्म में इसकी महत्‍ता पूजनीय देवी से कम नहीं । तुलसी को तुलसा देवी या तुलसी माता भी कहा जाता है । इसे लगाने का अर्थ है इसकी नियमित पूजा-अर्चना करना । तुलसी का पौधा आपको नजर दोष से भी बचाता है । लेकिन, अगर आप तुलसी के साथ असावधानी बरतें तो आपको पापी भी बना सकता है । तुलसी की पत्तियां दैवीय मानी जाती हैं इसलिए गलत समय में तोड़ी गई तुलसी, बिना किसी काम के लिए तोड़े गए तुलसी के पत्‍ते शास्‍त्र में वर्जित हैं ।

रविवार को तुलसी तोड़ना अशुभ
तुलसी से जुड़े शास्‍त्रीय नियमों के मुताबिक चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और एकादशी के दिन तुलसी केपत्‍ते नहीं तोड़ने चाहिए । रविवार को तुलसी तोड़ना भी अशुभ होता है, इसे धार्मिक अपराध कहा जा सकता है । ऐसे पाप के लिए ईश्‍वर दंडित जरूर करते हैं । अन्‍य नियमों के अनुसार अगर आप के घर पर तुलसी का पौधा लगा हुआ है तो आप इसकी अनदेखी नहीं कर सकते । नियमित रूप से तुलसी के सामने दीया जलाना अनिवार्य है । सुबह और शाम दोनों समय, तुलसी मां के सामने दिया जरूर प्रज्‍वलित करें ।

प्रतीकात्‍मक आज्ञा
ये तो आप मानते ही होंगे कि पेड़-पौधें जीवित होते हैं । तो इसे ही आधार मानकर तुलसी की पत्तियां तोड़ने से पहले उनसे आज्ञा जरूर लें । तुलसी माता को पूछें कि हम आपकी पत्तियां तोड़ना चाहते हैं, क्‍या तोड़ लें । ये प्रतीकात्‍मक आज्ञा लेने जैसा है । तुलसी की पत्तियां तभी तोड़े जब आपको इनकी जरूरत हो । अकारण पत्तियां तोड़कर पाप के भागी ना बने । सेहत खराब हो तब और किसी धार्मिक अनुष्‍ठान के लिए तुलसी की पत्तियों को तोड़ना उचित माना जाता है ।

विपत्ति और नजर दोष का संकेत
घर में लगी तुलसी अगर अचानक सूखने लगे तो ये इशारा होता है कि आपके घर पर कोई विपत्ति आने वाली है या कोई नजर दोष है । मौसम के प्रभाव से तुलसी की पत्तियां सूखकर स्वयं गिर रही हों तो परेशान ना हों । हालांकि तुलसी की गिरी हुई पत्तियों को भी फेंकने नहीं गाड़ने का प्रावधान है, आप उसे उसी मिट्टी में दबा दीजिए । तुलसी का पौधा सूख जाए तो उसे घर में रखने की बजाय बहते पानी में प्रवाहित कर दें ।