मनोकामना पूर्ति के लिए भोलेनाथ की ऐसी मूर्तियों की करें आराधना, इच्छित फल की होगी प्राप्ति

भगवान भोलेनाथ की आराधना केवल शिवलिंग पर जल चढ़ाकर ही नहीं बल्कि उनकी कुछ विशेष मूर्तियों की पूजा करके भी की जाती है । ऐसा करने से व्‍यक्ति को इच्छित फल की प्राप्ति होती है ।

New Delhi, Feb 13 : श्रीलिंग महापुराण के अनुसार भगवान शिव की पूजा शिवलिंग से अलग मूर्ति रूप में करने का भी अपना ही लाभ है । भोलेनाथ के अलग-अलग मुद्राओं में बैठे हुए, परिवार के साथ, पुत्रों के साथ या नंदी के साथ बनी मूर्तियों की पूजा मनोकामना पूर्ति के लिए की जाती है । श्रीलिंग महापुराण में भगवान शिव की अलग-अलग मूर्तियों के पूजन के बारे में बताया गया है । आपको जो भी समस्‍या हो, जिस भी परेशानी से आप मुकित चाहते हों उसके अनुसार मूर्ति पूजा करें और लाभ प्राप्‍त करें ।

धन लाभ की कामना
हर मुनष्‍य को धन की कामना होती है । सुख-दुख को पाने और दूर करने के साथ धन को कमाने के लिए मनुष्‍य क्‍या नहीं करता । धन लाभ प्राप्‍त करना चाहते हों तो भगवान कार्तिकेय के साथ भोलेनाथ-पार्वती की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए । ऐसा करने से मनुष्य को धन का लाभ होता है साथ ही जीवन में सुख-सुविधा की सभी वस्तुओं की प्राप्ति होती है । भौतिक रूप से सुखी रहने के हर संसाधन मनुष्‍य जुटा पाता है ।

अच्‍छी सेहत की कामना
यदि आपके घर में सेहत को लेकर समस्‍या बनी रहती है तो आपको शिव की ऐसी मूर्ति की आराधना करनी चाहिए जिसमें भोलेनाथ एक पैर, चार हाथ और तीन नेत्रों वाले और हाथ में त्रिशूल लिए हुए हों । जिनके उत्तर दिशा की ओर भगवान विष्णु और दक्षिण दिशा की ओर भगवान ब्रह्मा की मूर्ति हो । भोलेनाथ की ऐसी मूर्ति की पूजा करने से आप परिवार समेत रोगों से मुक्‍त रहते हैं ।

अन्‍न से भरे रहेंगे भंडार
भोलेनाथ की तीन पैरों, सात हाथों और दो सिरों वाली मूर्ति जिसमें भगवान शिव अग्निस्वरूप में हों, ऐसी मूर्ति की पूजा करने से मनुष्‍य के घर में कभी अन्‍न की कमी नहीं होती है । ऐसे घर में कभी दरिद्रता का वास नहीं होती । भगवान शिव की इस मूर्ति की आराधना करने से आपका घर हमेशा खुशियों से भरा रहता है । धन-धान्‍य का वैभव उस घर में सदैव बना रहता है ।

संतान की काम 
संतान प्राप्ति के लिए कई उपाय करने वाले दंपति अगर मनोकामना पूरी ना हो पाने के कारण संतान प्राप्‍त नहीं कर पा रहे हैं तो श्रीलिंग महापुराण के अनुसार उन्‍हें भगवान भोलेनाथ की आराधना रकनी चाहिए । ऐसे व्‍यकित को माता पार्वती और भगवान शिव की बैल पर बैठी हुई मूर्ति की पूजा करनी चाहिए । इस मूर्ति की पूजा करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है ।

यश और सफलता की प्राप्ति
नन्दी और माता पार्वती के साथ सभी गणों से घिरे हुए भोलेनाथ की ऐसी मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य को मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है। ऐसा व्‍यकित कभी किसी कार्य में असफल नहीं होता । ऐसी मूर्ति की आराधना करने से व्‍यक्ति को समाज में बहुत सफलता प्राप्‍त होती है । दफ्तर में भी मान और सम्मान मिलता है ।

सुख की कामना, परेशानियों से मुक्ति 
निरंतर हो रहे घटनाक्रम यदि आपको दुखी कर रहे हैं तो भोलेनाथ की शरण में जाएं । माता पार्वती सहित नृत्य करते हुए, हजारों भुजाओं वाली भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करें । ऐसी मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य को जीवन के सभी सुखों का लाभ लेता है । काले रंग की, लाल रंग के तीन नेत्रों वाली, चंद्रमा को गले में आभूषण की तरह धारण किए हुए, हाथ में गदा और कपाल लिए हुए शिव मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य की सभी परेशानियों खत्म हो जाती है।

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए
भोलेनाथ की अर्द्धनारीश्वर मूर्ति की पूजा करने से अच्छी पत्नी और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। दंपति इस मूर्ति की पूजा प्रतिदिन साथ में करें तो उनके बीच सांमजस्‍य अच्‍छा रहता है, जीवन के किसी भी मोड़ पर वो एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते हैं । ऐसे घर जहां सदा कलेश होते हों, लड़ाई झगड़े होते हैं वहां शिव और मां पार्वती के इस रूप की आराधना जरूर की जानी चाहिए ।

विद्या और ज्ञान की प्राप्ति
जो मनुष्य भोलेनाथ की उपदेश देने वाली स्थिति में बैठे भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करता है, उसेshivling3 विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है ।
शत्रुओं का नाश – ध्यान की स्थिति में बैठे हुए, शरीर पर भस्म लगाए हुए भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य के सभी दोषों का नाश होता है। दैत्य जलंधर का विनाश करते हुए, सुदर्शन चक्र धारण किए भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करने से शत्रुओं का भय खत्म होता है।