चैत्र नवरात्र 2022, घोड़े पर सवार होकर आएंगी अंबे मां, जान लें घट स्‍थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्र के नौ दिन बेहद ही पावन माने गए हैं । पहले दिन घट स्‍थापना आदि का विधान है । आगे जानिए नवरात्र के पहले दिन से जुड़ी सारी जानकारी ।

New Delhi, Apr 01: शनिवार से नवरात्र का पावन पर्व शुरु हो रहा है । चैत्र नवरात्र का अपना एक विशेष महत्‍व है । नवरात्र के पहले दिन घट स्‍थापना का विधान है, ऐसा करना शुभ माना गया है । साथ में माता का दरबार सजाया जाता है । पूजा सामग्री के साथ इन नौ दिनों में कई भक्‍त जन व्रत आदि रखते हैं । दिन भर उपवास कर एक समय का भोजन या फलहार करते हैं । कई भक्त कठोर व्रत का प्रण कर सिर्फ पानी पर ही रहते हैं । आगे जानिए नवरात्र से जुड़ी कुछ और खास बातें ।

कलश स्‍थापना का महत्‍व, सामग्री
नवरात्र के पहले दिन जब आप मां का दरबार सजाएं उसी दिन घट स्‍थापना भी करें । घट अर्थात कलश की स्‍थापना । इसके लिए मिट्टी का कलश सबसे उपयुक्‍त होता है । शुद्ध और प्रकृति के करीब । कलश स्थापना, जौ बोने के लिए आपको जिन सामग्रियों की आवश्‍यकता होगी वो आगे जानिए । मिट्टी का कलश, लाल रंग का आसन, जौ, कलश के नीचे रखने के लिए मिट्टी, कलश, मौली, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, चावल, अशोका या आम के 5 पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, माता का श्रृंगार और फूलों की माला ।

कलश स्थापना इस प्रकार करें
नवरात्रि के पहले दिन नहाकर अपने घर के मंदिर की सफाई करें, तस्‍वीरें जमाएं । आप माता की चौकी अलग से भी लगा सकते हैं । अब भगवान गणेश का नाम लेकर पूजा शुरू करें । मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योत जलाएं और मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालें । उसमें जौ के बीज डालें । अब कलश या लोटे पर मौली बांधें और उस पर स्वास्तिक बनाएं । कलश में कुछ बूंद गंगाजल डालकर उसमें दूब, साबुत सुपारी, अक्षत और सवा रुपया डालें । अब के ऊपर आम या अशोक 5 पत्ते लगाएं और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर रख दें ।

जौ पात्र का महत्‍व
कलश को मिट्टी वाले जौ पात्र के बीचों बीच रख दें । अब माता के सामने व्रत का संकल्प लें । आप पहला और आखिरी व्रत भी कर सकते हैं । संकल्‍प लेकर प्रण करें कि आप माता के दरबार में प्रतिदिन दीपक जलाएंगे, नौ दिन सदाचार का पालन करेंगे । नवरात्र में जौ उगाना शुभ माना जाता है । जौ जितना अच्‍छा होती हैं, उतना ही समृद्ध आपका घर परिवार भी होता है । जो लगाते हुए अति सावधानी रखें, आपके हाथ गंदे नहीं होने चाहिए, मन में भी राग-द्वेष जैसे विचार नहीं आने चाहिए ।

शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त दो अप्रैल प्रात: 05:51 से 08:22 तक विशेष शुभ है। उसके बाद अभिजित मुहूर्त 11:36 से 12:22 के मध्य शुभ है। देवी का आगमन अश्व (घोड़ा) पर है, इस कारण राजाओं में शत्रुता रहेगी। आइए आपको बताते हैं कलश स्थापना क्‍यों की जाती है । ऐसा कहा जाता है कि घट स्थापना मां दुर्गा का आह्वान है, इसे स्‍थापित कर आप मां दुर्गा का आह्वाहन करते हैं उन्‍हें कहते हैं कि मां आपका मेरे घर में स्‍वागत है  । आप आएं और आशीर्वाद दें । शक्ति की देवी दुर्गा नवरात्रि के पावन दिनों में अपने भक्‍त जनों पर विशेष आशीर्वाद देती हैं ।