लंबी बीमारी से मुक्ति दिलाती है हनुमान जी के इस स्‍वरूप की पूजा-अर्चना

हनुमान जी के कई स्‍वरूप हैं जिनकी पूजा अर्चना करके भक्‍त मनचाही मुराद पाते हैं । आज जानिए बजरंग बली के कुछ विशेष स्‍वरूपों के बारे में ।

New Delhi, Feb 20 : राम भक्‍त हनुमान की आराधना मंगलवार के दिन करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है । मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन की समस्‍यत बाधाएं दूर हो जाती हैं । हनुमान जी की आराधना करने वाला, उनका सच्‍चा भक्‍त कभी भी उनके द्वार से खाली हाथ नहीं लौटता । बजरंग बली सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं, उनकी आराधना का मूल मंत्र है तन-मन-धन और निस्‍वार्थ भाव से हनुमंत भक्ति । आप हनुमान को सिर्फ बूंदी का भेग लगाकर मना सकते हैं । जानिए हनुमान जी के किन स्‍वरूपों की आराधना कर आप मनचाही मुराद प्राप्‍त कर सकते हैं ।

राम दरबार में हनुमान, सेवक हनुमान जी
हनुमान जी का ये रूप उनके सेवा भाव को दर्शाता है । भगवान राम के श्रेष्‍ठ भक्‍त होते हुए और स्‍वयं रुद्रावतार होते हुए भी प्रभु राम की

भक्ति  में लीन हनुमान जी भक्‍त में समर्पण भाव जगाते हैं । हनुमान जी के इस स्‍वरूप की पूजा करने वाले भक्‍त के मन में रिश्‍तों और अपने काम के प्रति सेवा और समर्पण के भाव उत्‍पन्‍न होते हैं । सेवक हनुमान का ये स्‍वरूप अपने घर के मंदिर में जल्‍द लगाएं ।

संजीवनी बूटी वाले हनुमान
यदि आपके घर में कोई लंबी बीमारी से पीडि़त है या आपके घर में सदैव बीमारियों का आना जाना बना रहता है तो हनुमान जी के एक स्‍वरूपhanuman ji (1) की पूजा करना आपके लिए शुभ हो सकता है । भगवान का संजीवनी बूटी लाते हुए वाला चित्र घर में स्‍थापित करें । ऐसा करने से आप निरोगी होंगे और परिवार के सदस्‍यों को भी रोगों से मुक्ति होगी । संजीवनी बूटी वाले हनुमान स्‍वस्‍थ काया का आशीर्वाद देते हैं ।

गदाधरी वीर हनुमान
वीर हनुमान के स्‍वरूप की पूजा करने से भक्‍तों को साहस, बल, पराक्रम और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है । पढ़ने वाले छात्रों के लिए भगवान के इस स्‍वरूप की उपासना करने आत्‍मविश्‍वास की प्राथ्‍पत होती है । हनुमान जी ने जिस प्रकार अपने पराक्रम से राक्षसों का नाश किया था उसी प्रकार उनके भक्‍त भी अपने डर से लड़कर उस पर जीत हासिल करते हैं । वीर हनुमान की पूजा करने से आत्मविश्वास चेहरे पर नजर आता है ।

भक्मिय हनुमान
भक्‍त हनुमान स्वरूप प्रभु का सबसे मनोहारी रूप है । इस स्‍वरूप में हनुमान जी श्रीराम की भक्ति में लीन दिखाई देते हैं । वो सभी लोग जोबजरंग बली के इस स्‍वरूप की आराधना करते हैं उनके सभी कार्य सफल हो जाते हैं ।  उन्‍हें एकाग्रता और मानसिक रूप से स्थिरता की प्राप्ति होती है । भगवान के ये स्‍वरूप आपकी उन समस्‍याओं को दूर करता है जिनमें आप लगातार विफल हो रहे हैं ।

पंचमुखी हनुमान
हनुमान जी का पंचमुखी स्‍वरूप मनुष्‍य की हर मनोकामना को पूर्ण करता है । इस स्‍वरूप की आराधना कर आप इस प्रकार से प्रभु का आशीर्वाद प्राप्‍त कर सकते हैं । बजरंग बली के इस पंचमुखी विग्रह की आराधना से कोई भी व्यक्ति नरसिम्ह मुख की सहायता से शत्रु पर विजय, गुरुड़ मुख की सहायता से सभी दोषों पर विजय वराहमुख की सहायता से समस्त प्रकार की समृद्धि एवं संपत्ति तथा हयग्रीव मुख की सहायता से ज्ञान को प्राप्त कर सकता है।

सूर्यमुखी हनुमान
सूर्य देव को हनुमान जी का गुरू माना गया है । सूर्य पूर्व दिशा से उदयमान होते हैं । सूर्य और सूर्य का प्रकाश गति और ज्ञान का प्रतीक माना गया है । ऐसी तस्‍वीर जिसमें भगवान हनुमान सूर्य देव की उपासना कर रहे हों या सूर्य की ओर देख रहे हों, उसकी आराधना करने से भक्‍त को मान-सम्‍मान की प्राप्ति होगी है । सूर्यमुखी हनुमान की पूजा से विद्या, प्रसिद्धि, उन्नति भी मिलती है ।

दक्षिणामुखी हनुमान
हनुमान जी की ऐसी प्रतिमा जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर हो, वह हनुमानजी का दक्षिणमुखी स्वरूप कहलाता है । दक्षिण दिशा, यमराज (मृत्यु के देवता) की दिशा मानी गई है । लेकिन हनुमान तो स्‍वयं रुद के अवतार हैं जो काल के भी नियंत्रक हैं । इसीलिए भगवान हनुमान के ऐसे रूप की आराधना करने से भय पर विजय प्राप्‍त होती है और मृत्‍यु से भी डर नहीं लगता है ।

उत्तरामुखी हनुमान
उत्तर दिशा देवी-देवताओं की दिशा मानी गई है । इस दिशा में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है । हनुमान जी की प्रतिमा का मुख यदि उत्‍तर दिशा की ओर हो तो यह उत्‍तरमुखी हनुमान कहलाते हैं । इस स्‍वरूप की पूजा करने से समस्‍त देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है । घर में सब कुद मंगलकारी होती है  और वातावरण शुभ रहता है ।