दिवाली पूजा वो लोग कैसे करें जो अपनों से दूर हैं । आपके इस सवाल का जवाब हमारे पास है, इस दिवाली आप बताए गए तरीके से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें ।
New Delhi, Oct 14 : दिवाली त्यौहार है रौशनी का, खुशियों का । खुशियां तब मिलती हैं जब हम परिवार के साथ होते हैं । दिवाली पर हर आदमी चाहता है कि वो अपने घर-परिवार के बीच रहे और इस दीपों के त्यौहार का मजा ले । लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो काम की वजह से या फिर छुट्टियां ना मिलने की वजह से अपने परिवार के पास नहीं जा पाते । ऐसे लोगों को दिवाली के दिन अकेले ही रहना पड़ता है लेकिन कोई बात नहीं आप निराश ना हो । अकेले तो हैं लेकिन दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा कैसे करें ये हम आपको बताते हैं ।
मां लक्ष्मी की बरसती है कृपा
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है । मां लक्ष्मी धन की देवी हैं, माना जाता है कि इस दिन वो अपने भक्तों को विशेष आशीर्वाद देती है । इस दिन की गई पूजा आपके लिए फलदायी होती है और इसका असर पूरे वर्षभर के लिए बना रहता है । इस दिन वो लोग जो घर पर अकेले हैं, परिवार से दूर हैं वो भी माता लक्ष्मी की पूजा करें और उनकी कृपा प्राप्त करें ।
बाजार से लक्ष्मी-गणेश खरीदकर लाएं
दिवाली के दिन होने वाली पूजा की तैयारी धनतेरस पर ही कर लें । इस दिन लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी की बनी मूर्ति ले आएं । वैसे तो बाजार में चांदी और अन्य धातुओं की मूर्तियां भी उपलब्ध होती हैं लेकिन सबसे शुद्ध और सबकी पहुंच में होती है मिट्टी की मूर्तियां । आप अपनी सामर्थ्यानुसार लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदें ।
दिए और पूजा का सामान भी खरीद लें
7 से 11 दीपक खरीद लें । लक्ष्मी गणेश की मूर्ति के लिए एक माला खरीद लें । कुछ फल, मिठाई आदि ले लें । दिवाली पर चीनी के खिलौने और खील आदि भगवान को चढ़ाए जाते हैं । आपके आसपास की दुकान में मौजूद हों तो इन्हें भी खरीद सकते हैं । इसके अलावा पूजा के सामान में रुई, रोली, धूप बत्ती, नारियल,कलावा और अक्षत भी खरीद लें । पूजा में एक कलश की भी आवश्यकता होगी ।
शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें
दिवाली पूजा का समय सूर्य ढलने के बाद का होता है । इस दिन घोर अमावस्या होती है, काली रात होती है इसीलिए इस रात को दीपों से रौशन करते हैं । यदि आपको पूजा का शुभ मुहूर्त ना पता हो तो आप सूर्यास्त के बाद रात 9 बजे तक पूजा कर सकते हैं । ईश्वर आपकी मनोकामना जरूर पूरी करेंगे ।
ऐसे करें दिवाली की पूजा
दिवाली के दिन अपने घर के मंदिर में, अगर आपने मंदिर नहीं बनाया है तो उत्तर पूर्व दिशा में जगह को साफ कर लें । अब एक आसन या चौकी रखें । इस पर गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें । ध्यान रहे कि लक्ष्मी जी गणेश जी के बाईं तरफ नहीं बल्कि दाईं तरफ स्थापित हों । मूर्ति रखते हुए ये सावधानी विशेष रूप से रखें ।
कलश और भोग की थाल ऐसे रखें
प्रतिमा के सम्मुख कलश में पानी भरकर रखें । इसके ऊपर एक कच्चा नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रख लें । अब भोग की थाल में मिठाई और फल आदि रखें और ईश्वर को सच्चे मन से प्रार्थना कर भोग अर्पण करें । अब लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा को टीका लगाएं और फूलों की या लाई हुई मोतियों की माला पहनाएं ।
चौमुखा दीपक जलाएं
दिवाली के दिन पूजा में चौमुखा दीपक जलाएं । सामर्थ्यानुसार सरसों या तिल का तेल इस्तेमाल करें । दीप प्रज्वलित कर भोग की थाल से भगवान को भोग लगाएं और सुख समृद्धि की प्रार्थना करें । लाए हुए 7 दीपक भी पूजा के दौरान प्रज्वलित कर लें, इनमें भी सरसों या तिल का तेल डालें । पूजा में रखा चौमुखा दीपक जलता रहे इसका ध्यान रखें ।
गणेश जी और लक्ष्मी जी की आरती करें
अब सबसे पहले गणेश जी की आरती करें और इसके बाद लक्ष्मी जी की आरती करें । अगर पूजा में शंख रखा है तो उसे भी बजाएं । घर में शंख बजाने से वास्तु दो ष खत्म होते हैं । पूजा के बाद 7 दीपक घर के मुख्य दरवाजों, खिड़की, बालकनी आदि पर रखें । पूजा का प्रसाद स्वयं भी ग्रहण करें और यदि आपके साथ कोई मौजूद हो तो उसे भी खिलाएं । भगवान से पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे ।