शास्त्रों में कहा गया है गायत्री मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति को दुख छू भी नहीं सकता । लेकिन इस मंत्र को जपने से पहले कुछ सावधानियों के बारे में जरूर जान लें ।
New Delhi, Dec 14 : शास्त्रों में कई उपाय, कई बातें लिखी हैं जिनको अगर रोजमर्रा के जीवन में उतारा जाए तो जीवन में सफलता होनी तय है । दिन की शुरुआत से लेकर भोजन तक और फिर शयन तक ऐसे कई कार्यकलाप हैं जो अगर शास्त्रानुसार किए जाएं तो व्यक्ति को कभी कोई कष्ट हो ही ना । आज आपको हम एक ऐसे मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अगर आप रोजाना जपेंगे तो इसका शुभ फल आपको जल्दी मिलेगा । लेकिन इसका गलत उच्चारण और जाप आपको मुसीबत में भी डाल सकता है ।
सिद्ध वैदिक मंत्र
गायत्री मंत्र स्वयं सिद्ध वैदिक मंत्र है । इसके जप से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है । मंत्र के साथ ईश्वर की साधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है । ये मंत्र मनुष्य को सांसारिक दुखों से ऊपर रखता है । मोह-माया की छाया भी नहीं पड़ने देता । इस मंत्र को जपकर आप जीवन की सभी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं । इस मंत्र का जाप कभी भी किया जा सकता है ।
गायत्री मंत्र से नुकसान
इस मंत्र का उच्चारण सही से करना आवश्यक है । ये मंत्र व्यक्ति को ऊंचाई पर पहुंचा सकता है तो वहां से गिराने की क्षमता भी रखता है । इस मंत्र का जाप निरंतर करने वाला राजा भी दरिद्र बन जाता है । मंत्र में वो शक्ति होती है कि आप स्वयं ही भौतिकता से विरक्त होते चले जाएंगे । शास्त्रों में कहा गया है, जो गायत्री मंत्र का जितना अधिक जाप करता है वह उतना ही मोह-माया के बंधनों को काटकर ऊपर आता है।
धर्म के साथ स्वास्थ्य लाभ
बच्चे-बच्चे को इस मंत्र का उच्चारण सिखाया जाना चाहिए, इस मंत्र को कहने से ही जीवन में आने वाली कठिन से कठिन परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है । इस मंत्र को सही तरीके से कहने से धर्म के साथ स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं । धार्मिक रूप से आप आस्थावान होते हैं और मंत्र के उच्चारण से आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।
मंत्र कहने का समय
गायत्री मंत्र को साधने को कोई विशेष समय नहीं है लेकिन सूर्यास्त या सूर्योदय से पहले के समय में इसे कहने से लाभ मिलता है । किसी भी समय गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए बस ये ध्यान रखें कि आप शुद्ध हों और किसी अपवित्र स्थान पर ना खड़े हों । ये मंत्र आपकी नकारात्मकता को दूर कर आपको जीवन के सकारात्मक पहलू दिखाता है ।
मंत्र इस प्रकार है
गायत्री मंत्र : ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् । गायत्री मंत्र का अर्थ : सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा
के तेज का हम ध्यान करते है, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें । या उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।
रोजाना जाप करने वाले को लाभ
शास्त्रों में बताया गया है कि इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने वाले में उत्साह बढ़ता है, सकारात्मक सोच का संचार होता है । त्वचा में चमक आती है, इसके साथ ही वो किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम होता है । मंत्र के जाप से व्यक्ति गुस्से पर भी नियंत्रण पा लेता है । इस मंत्र को रोजाना जपने वाले व्यक्ति को रोग से मुक्ति मिलती है, विद्या की प्राप्ति होती है ।
संतान प्राप्ति और उन्नति का मंत्र
इस मंत्र को नियम पूर्वक जपने से निसंतान दंपतियों की मुराद पूरी होती हैं । व्यक्ति की गरीबी भी दूर होती है । इस एक मंत्र में मनुष्य जीवन का सार छिपा है, उसके किसी भी कष्ट को हरने में सक्षम है ये एक मंत्र । विद्यार्थी गण इस मंत्र का उच्चारण जरूर करें, पढ़ाई में बहुत लाभ होगा । विशेष तौर पर परीक्षा के समय 5 मिनट ध्यान लगाकर मंत्र को अंत:करण से बोलें, मन अच्छा होगा ।
शादी में देरी हो रही हो तो
कुंवारे युवक – युवतियों की शादी में कोई समस्या आ रही हो तो इस गायत्री मंत्र का ये उपाय करें और विवाह से जुड़ी समस्त बाधाओं को दूर कर लें । सोमवार को सुबह के समय पीत वस्त्र धारण कर माता पार्वती का ध्यान करें, अब ह्रीं बीज मत्र का सम्पुट लगाकर 108 बार मंत्र का जाप करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं । यह उपाय स्त्री – पुरुष दोनों कर सकते हैं।