घर में अनुष्ठान करने जा रहे हैं ? पहले इन बातों का ध्यान रखें, घर में आएंगी खुशियां

PIC-1

अगर आप घर में अनुष्ठान करने जा रहे हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। जी हां कई मायनों में यज्ञ करना शुभ होता है, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

New Delhi, Nov 31 : हिंदू मान्यताओं को अनुष्ठान की एक अलग जगह है। बार बार कहा जाता है कि घर में होम-हवन करवाने से घर की सभी विपदाएं दूर होती हैं। बुरी शक्तियां घर से चली जाती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में हम आपके लिए कुछ खास बातें लेकर आए हैं। इन बातों के जरिए आपको पता चल सकेगा कि घर में यज्ञ करवाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।  

देवी-देवताओं का स्थान
दूसरी सबसे जरूरी बात ये है कि इस दिन भगवान के स्थान पर विशेष रूप से सजावट करें। पूजा अर्चना का स्थान में शुद्धता और सफाई का ध्यान रखें। फूलों से घर को सजाएं। याद रखिए आप भगवान का आह्वान कर रहे हैं। इसलिए भगवान को जिस जगह पर बुलाना चाहते हैं, उसे उनके मुताबिक सुसज्जित करें। ये सबसे जरूरी काम है और इसका ध्यान जरूर रखें।

यज्ञ से पहले
घर में यज्ञ का दिन हो तो एक बात का ध्यान रखें। सुबह नित्य कर्म से निवृत्त होकर खाली पेट प्रभु की आराधना में जुट जाएं। अपने मन को शांत रखें और बुरे विचारों को खुद से दूर रखें। इसके साथ ही किसी गरीब और जरूरतमंद को भोजन अवश्य करवाएं। किसी गरीब व्यक्ति को कपड़े भी दान करेंगे तो शुभ होगा। भगवान भी चाहते हैं कि इंसान ही इंसान के काम आए।

शुभ वक्त में ही करें यज्ञ
शुभ वक्त की बात हम इसलिए कर रहें हैं क्योंकि अशुभ ग्रह और नक्षत्रों के वक्त ऐसे काम नहीं करने चाहिए। शुभ वक्त में यज्ञ ना करने से अशुभ फलों की प्राप्ति भी हो सकती है। इसे कुछ इस तरह समझें कि आप भी हर काम के लिए वक्त तय करते हैं। इसलिए प्रभु ने भी अपनी साधना करने का वक्त तय किया है। जैसे कहा जाता है कि सुबह और शाम के वक्त ही दीपक जलाना चाहिए।

पंचांग जरूर देखिए
कहा जाता है कि शुभ वक्त में किए गए काम शुभ फल दायक होते हैं। इसलिए अगर यज्ञ के बारे में सोच रहे हैं तो किसी पंचाग विशेषज्ञ को घर में बुलाएं। उनका आदर सत्कार करें और पंचाग के हिसाब से ही किसी शुभ समय का चयन करें। कहा जाता है कि शुभ समय में यज्ञ करने से घर में असीम सुखों का वास होता और मन कभी भी विचलित नहीं होता।

यज्ञ के लिए ये लकड़ियां
यज्ञ के काम आने वाली लकड़ियों का ध्यान रखें। आम नीम, पैंया, पीपल की सूखी लकड़ियों का इस्तेमाल करें। दरअसल इन लकड़ियों में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो हवा को शुद्ध करने का भी काम करते हैं। यज्ञ में कपूर का इस्तेमाल जरूर करें। कहा भी गया है कि अगर स्मॉग, प्रदूषण और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से बचना है, तो कपूर का इस्तेमाल करना चाहिए।

सही ब्राह्मण ही करे पूजा
एक और खास बात ये है कि यज्ञ करने के लिए एक सही ब्राह्मण का ही चुनाव करें। जी हां एक वेद के ज्ञाता को ही मालूम होता है कि यज्ञ किस विधि से कराया जाता है। आज के दौर में हर कोई प्रोफेशनल हो गया है। कई बार तो ब्राह्मण ही गलत मंत्रों का उच्चारण करते हैं, जिससे यज्ञ पर गलत असर भी पड़ सकता है। एक प्रकांड पंडित से ही यज्ञ करवाएंगे तो बेहतर होगा।

यज्ञ के बाद ये काम
अब सवाल ये है कि आखिर यज्ञ के बाद क्या करें। यज्ञ के बाद जितना भी प्रसाद बचा है, उसे सभी में बांट दें। हो सके तो आसपास जाकर भी लोगों को भगवान का ये प्रसाद दें। चरणामृत को सभी में बांटे। गरीबों को कुछ दान करें, ब्राहमणों को भोग करवाएं। ऐसे अनुष्ठान करने सले घर में सुख और शांति का प्रवेश होता है। आप जिंदगी में हर बाधा को पार कर जाएंगे।