घर के मंदिर में ये मूर्तियां ना रखें, बिगड़ जाएंगे बने हुए काम

घर के मंदिर में कुछ मूर्तियां किसी भी हाल में नहीं रखनी चाहिए। इससे अशुभ नक्षत्रों का घर में प्रवेश होता है और कई बने हुए काम बिगड़ जाते हैं।

New Delhi, Nov 11 : आपके घर में पूजा का कमरा एक ऐसी जगह होती है, जहां बैठकर इंसान को असीम शांति मिलती है। ये वो जगह होती है, जिस हर हाल में शुद्ध रखना चाहिए। कहा जाता है कि शांति और सुकून के लिए हर दिना पूजा करना शुभ होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर के मंदिर में किन मूर्तियों को नहीं रखना चाहिए। जी हां ज्योतिष शास्त्र में कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं।

मां लक्ष्मी की खड़ी मूर्ति ना रखें
सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के कमरे में मां लक्ष्मी की खड़ी मूर्ति ना रखें। यानी जिस तस्वीर में मां लक्ष्मी खड़ी मुद्रा में हों, उस तस्वीर को पूजा के कमरे में नहीं रखना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि जिस तस्वीर में मां लक्ष्मी बैठी हुई मुद्रा में हो, उसी तस्वीर को पूजा के कमरे में रखें। जी हां इसके पूछे कुछ खास बातें बताई गई हैं।

विराजमान मूर्ति को ही रखें
कहा जाता है कि पूजा के कमरे में मां लक्ष्मी की विराजमान मूर्ति कई शुभ कारकों को जन्म देती है। इससे आपके द्वारा की गई पूजा सफल हो पाती है। साथ ही खास बात ये है कि घर में धन के अशुभ योग के कारकों का प्रवेश नहीं होता है। घर हमेशा धन धान्य से परिपूर्ण रहता है। स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी का विराजमान रूप ही घर में रखना चाहिए।

मां दुर्गा के रौद्र रूप की तस्वीर ना रखें
इसके अलावा पूजा के कमरे में मां दुर्गा के रौद्रा रूप की तस्वीर कभी भी ना लगाएं। शास्त्रों और ज्योतिष में इसे शुभ नहीं माना गया है। कहा जाता है कि पूजा के कमरे में मां दुर्गा के रौद्र रूप वाली तस्वीर लगाने से घर पमें हमेशा झगड़े और विवाद होते हैं। घर मेंं हमेशा मां के शांत स्वरूप को स्थापित करना चाहिए। इससे कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है और शांति बनी रहती है।

शनिदेव की मूर्ति ना रखें
इसके अलावा सबसे जरूरी बात का भी ध्यान रखें। पूजा के कमरे में कभी भी शनिदेव की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। दरअसल इसके पीछे कुछ खास तथ्य भी हैं। कहा जाता है कि शनिदेव की पूजा के वक्त कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाता है। घर में ये बातें संभव नहीं हैं। इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि शनिदेव की मूर्ति की स्थापना घर के बाहर के मंदिरों में करनी चाहिए।

नटराज की प्रतिमा ना लगाएं
इसके अलावा एक और बात का ध्यान रखें। पूजा के कमरे में कभी भी नटराज की प्रतिमा ना लगाएं। नटराज की प्रतिमा को लेने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसका महत्व क्या है। कहा जाता है कि नटराज मुद्रा भगवान शिव का सबसे क्रोधित रूप होता है। जब महादेव गुस्से में होते हैं तो तांडव करते हैं। जिस मूर्ति में शिवजी अपने पूरे परिवार के साथ हों, वो शुभ मानी गई हैं।

एक ही देवी-देवता की दो तस्वीरें ना रखें
इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि घर के मंदिर में एक ही देवी या फिर एक ही देवता की दो मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। जी हां एक ही देवता या देवी की दो मूर्तियों को पूजा के कमरे में स्थापित ना करें। अगर ऐसा हो तो दोनों मूर्तियों को एक दूसरे के आमने सामने रखें। एक ही देवी या देवता की दो तस्वीरों को आस पास नहीं रखना चाहिए।