मां सरस्वती का ध्यान करें । पूजा में पीले पुष्प और सफेद चंदन का प्रयोग करें । मां को तिलक करें और स्वयं भी चंदन का तिलक लगाएं ।
New Delhi, Jan 22 : माघ माह, शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है बसंत पंचमी का त्योहार । इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है । सरस्वती, त्रिदेवों में से एक ब्रह्मा जी की पत्नी हैं, वह ज्ञान की देवी कहलाती हैं । ज्ञान की देवी सरस्वती ब्रह्मांड में ज्ञान की द्योता मानी जाती हैं । ज्ञान बिना ना अर्थ की प्राप्ति संभव है और ना ही किसी प्रकार की समृद्धि ही संभव है । किसी भी चीज की प्राप्ति से पहले मनुष्य को ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक माना गया है ।
बाधा मुक्ति
यदि आपकी कुंडली में बुद्धि और शिक्षा की बाधा का योग है तो आप बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना उसे ठीक कर सकते हैं । मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को इस दिन मां सरस्वती की आराधना कर विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति करानी चाहिए । ज्ञान की देवी आपकी सच्ची और निर्मल भक्ति से प्रसन्न होती हैं आगे जानिए आप देवी मां की आराधना कैसे कर सकते हैं ।
पीले या सफेद वस्त्र धारण करें
मां सरस्वती पीले और सफेद रंग को पसंद करती हैं । इस दिन नहा धोकर पीले और सफेद रंग के वस्त्र धारण करें । भूलकर भी लाल वस्त्र ना पहनें । मंदिर में सरस्वती का एक चित्र स्थापित करें और उसके सम्मुख बैठ जाएं । मां सरस्वती का ध्यान करें । पूजा में पीले पुष्प और सफेद चंदन का प्रयोग करें । मां को तिलक करें और स्वयं भी चंदन का तिलक लगाएं ।
पूजा का समय
सरस्वती पूजा किसी भी समय नहीं की जा सकती है । सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद कुछ ही समय इस विशेष पूजा के लिए निधारित किए जाते हैं । सूर्योदय के ढाई घंटे बाद और सूर्यास्त के ढाई घंटे बाद तक ही मां सरस्वती की पूजा की जा सकती है । माता को पीले और सफेद पुष्पों की बनी हुई माला चढ़ाएं । मां के प्रसाद में दही, मिश्री और लावा अर्पित करें ।
माता का बीज मंत्र
पूजा के समय माता के बीज मंत्र का जाप करें । मंत्र इस प्रकार हैं – “ॐ ऐं नमः” या “ॐ सरस्वत्यै नमः” । इन मंत्रों का जाप एकाग्र होकर 108बार करें । इसके लिए सफेद चंदन की माला प्रयोग करें । मंत्र जाप के बाद सफेद चंदन की माला को गले में धारण करें । और पूरा दिन नियम से बिताएं । कोई भी गलत कार्य, क्रोध आदि किसी पर ना दिखाएं ।
कॉन्सनट्रेशन ऐसे बढ़ाएं
जो लोग एकाग्रता की समस्या से परेशान हैं उन्हें मां सरस्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए । बसंत पंचमी की सुबह सरस्वती वंदना का पाठ करें । आज से प्रतिदिन पूजा के समय सरस्वती मां के श्लोक पढ़े और आरती गाएं । बुधवा के दिन माता को सफेद फूलों की बनी माला चढ़ाएं । गणेश मात्र के साथ सरस्वती मां का मंत्र कहें । इससे आपको बहुत लाभ होगा ।
सुनने और बोलने में दिक्कत
ऐसे व्यक्ति जिन्हें सुनने या बोलने में परेशानी होती है उन्हें बसंत पंचमी के दिन माता की आराधना करनी चाहिए । इसके लिए इस मंत्र का जाप करें । साथ ही सोने या पीतल के चौकोर टुकड़े पर मां सरस्वती के बीज मंत्र को लिखकर धारण कर सकते हैं । ये मंत्र है – “ऐं”, इस मंत्र का धारण करने के पश्चात मांस मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए । किसी प्रकार के गलत कार्य में लिप्त नहीं रहना चाहिए ।
ये करने से मां होंगी प्रसन्न
मां सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, पूजा के समय उन्हें एक नई कलम अर्पित करें । वर्ष भर इस कलम को अपने पास रखें ये आपके लिए शुभ रहेगी । आज पूरा दिन सात्विक भोजन करें । परिवार के साथ मधुर वाणी में बात करें । यदि आप कोई रत्न विशेष धारण करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज धारण कर सकते हैं । आज का दिन पुखराज और मोती धारण करने के लिए शुभ माना जाता है ।