हिंदू धर्म में है इन पेड़-पौधों की है बहुत मान्‍यता, ऐसे करें दुर्भाग्‍य दूर करने के लिए प्रयोग

तुलसी, दूर्वा, केले का पेड़, बरगद का पेड़, पीपल का पेड़, शमी का वृक्ष, बेल पत्र ये कुछ ऐसे पौधे हैं जिनको कई प्रकार से हिंदू धर्म में पूजा कार्यों में उपयोग में लाया जाता है । आगे जानिए इन पौधों की महत्‍ता और प्रयोग के तरीके ।

New Delhi, Apr 16 : सभी धर्मों में पेड़-पौधों को बहुत ही महत्‍व दिया गया है । ये प्राण वायु ऑक्‍सीजन देते हैं साथ ही कई प्रकार से मनुष्‍यों के काम आते हैं । भोजन से लेकर दवाओं तक में इनका प्रयोग किया जाता है । एक समय में पेड़ – पौधे ही चिकित्‍सा का सबसे बड़ा तरीका हुआ करते थे । ऐसी कई जड़ी- बूटी हैं जिनके औषधीय गुण उन्‍हें खास बनाते हैं । हिंदू धर्म में कुछ पेड़ पौधों की बहुत ही मान्‍यता है, इनका प्रयोग हर धार्मिक कार्य में किया जाता है । इनके स्‍पर्श के बिना पूजा अधूरी ही रह जाती है ।

पेड़-पौधों का महत्‍व
प्राणदायक वायु देने के अलावा ये पौधे चिकित्‍सा पद्धति में भी सहायक होते हैं । आज हम आपको कुछ ऐसे ही पेड़-पौधों के बारे में बता रहे हैं । जो पूजा कार्य में उपयोगी होते हैं और जिनकी धार्मिक महत्‍ता बहुत अधिक है । तुलसी, दूर्वा, केले का पेड़, बरगद का पेड़, पीपल का पेड़, शमी का वृक्ष, बेल पत्र ये कुछ ऐसे पौधे हैं जिनको कई प्रकार से पूजा कार्यों में उपयोग में लाया जाता है । आगे जानिए इन पौधों की महत्‍ता और प्रयोग के तरीके ।

तुलसी
तुलसी एक पौधा ही नहीं हिंदू धर्म में इसकी महत्‍ता पूजनीय देवी से कम नहीं । तुलसी को तुलसा देवी या तुलसी माता भी कहा जाता है । इसे लगाने का अर्थ है इसकी नियमित पूजा-अर्चना करना । तुलसी का पौधा आपको नजर दोष से भी बचाता है । घर में लगी तुलसी अगर अचानक सूखने लगे तो ये इशारा होता है कि आपके घर पर कोई विपत्ति आने वाली है या कोई नजर दोष है । इसका प्रयोग चरणामृत बनाने, ईश्‍वर को भोग लगाने में किया जाता है ।

पान के पत्‍ते
पूजा में पान के पांच पत्‍तों का प्रयोग होते आपने जरूर देखा होगा । पान के पत्‍तों को स्‍वच्‍छ कर उन पर सुपारी रखी जाती है । ये गणेश जी का प्रतीक माना जाता है । पान के पततों का तांबूल भी कहा जाता है । ये बहुत ही पवित्र होता है और पूजा में इसका प्रयोग करना आवश्‍यक माना गया है ।
दूर्वा और आम के पत्‍ते –  पान के पत्‍तों की ही तरह दूर्वा को गोबर में प्रयोग कर गणपति को स्‍थापित किया जाता है । दूर्वा का प्रयोग हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यों को संपन्‍न करने में किया जाता है । वहीं आम के पत्‍तों का प्रयोग कलश स्‍थापना, घर को शुद्ध करने, हवन में घी डालने और तोरण के रूप में किया जाता है ।

केले का पेड़
केला एक बहुत ही पवित्र पेड़ माना जाता है । इसके जड़ से लेकर पत्‍ते, फल आदि तक सब कुछ व्‍यक्ति प्रयोग में ला सकता है । केले का प्रयोग धार्मिक कार्यों में हमेशा से होता आ रहा है । केले के पत्‍ते बहुत ही शुभ माने जाते हैं इसमें भोजन भी किया जाता है । केला ईश्‍वर को भी अर्पित किया जाता है । शादी की वेदी में केले का पेड़ होना बहुत ही शुभ और जरूरी माना गया है । ये आपको आयुष का वरदान देता है ।

बेल पत्र
बेल पत्र बहुत ही लाभदयक और पवित्र पेड़ है । भगवान भोलेनाथ को प्रसन्‍न करने का एक ही तरीका है, उन्‍हें बेलपत्र अर्पित करें ओर निश्चिंत हो जाएं । शिव शंभू के पावन दिनों में जैसे सोमवार या फिर शिवरात्रि के समय आप सिर्फ सच्‍चे मन से बेल पत्र भी प्रभु को अर्पित कर दें तो आपके सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं । बेल पत्र कभी अकेले नहीं चढ़ाए जाते हैं एक शाखा में तीन पत्‍ते होते हैं इन्‍हें ही प्रभु को अर्पित किया जाता है ।

शमी का वृक्ष
घर में शमी का वृक्ष नजर दोष से आपकी रक्षा करता है । ये वास्‍तु के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है । घर के वास्‍तु में कोई भी गड़बड़ हो तो शमी का वृक्ष अपने मुक्ष्‍य द्वार के दाहिने ओर लगा दें । आपके घर में सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होने लगेगा । शमी का वृक्ष आपको शनी के प्रकोप से भी बचाता है । आप भगवान भोलेनाथ की पूजा में इस वृक्ष की पत्तियों को भी प्रयोग में ला सकते हैं ।

बरगद का पेड़
बरगद के पेड़ को ही शास्‍त्रों में वट वृक्ष कहा गया है । ये पेड़ बहुत ही शुभ माना गया है । इसकी पवित्रता इस बात से पता चलती है कि वट वृक्ष की पूजा करने के लिए विशेष तौर पर वट सावित्री का व्रत मनाया जाता है, इस व्रत में सुहागिन स्त्रियां बरगद के पेड़ के चारों ओर धागा बांधकर अपने सुहाग की रक्षा की कामना करती हैं । इस दिन बरगद के वृक्ष की पूजा करने से दांपत्‍य जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है ।