सोमवार से पितृपक्ष शुरु, भूलकर भी ना करें ये काम, नहीं तो पड़ेगा पछताना

पितृपक्ष में श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को पान, किसी दूसरे घर पर भोजन और शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिये।

New Delhi, Sep 21 : श्राद्धपक्ष 24 सितंबर से शुरु होकर 8 अक्टूबर तक चलेगा, शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि पितृपक्ष में पितरों की आत्मा धरती पर आती है, और अपने परिजनों के साथ रहती है, पितरों को खुश रखने के लिये श्राद्ध के दिनों में विशेष कार्य करना चाहिये, इसके साथ ही कुछ चीजों को वर्जित भी बताया गया है, यानी पितृपक्ष में कुछ चीजों से परहेज करना चाहिये, आइये आपको बताते हैं कि किन चीजों को परहेज करें।

दूसरे के घर खाना
पितृपक्ष में श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को पान, किसी दूसरे घर पर भोजन और शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिये। इसके साथ ही पूरे पितृपक्ष में बह्मचर्य का पालन करें। शास्त्रों के अनुसार लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। इन दिनों में पत्तल पर स्वयं भोजन करें और बाह्मणों को भी कराएं, ये उत्तम माना गया है।

खरीददारी
पितृपक्ष में कोई भी शुभ कार्य या नई चीजों की खरीददारी करने से बचें, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार ये शोक व्यक्त करने का समय होता है। पितृपक्ष में आपको पितर किसी भी रुप में आपसे श्राद्ध मांगने आ सकते हैं, इसलिये किसी भी जानवर या भिखारी का अनादर ना करें।

भोजन दें
पितृपक्ष में बिना पितरों को भोजन दिये खुद भोजन नहीं करना चाहिये, जो भी आप भोजन करें, उसमें से एक हिस्सा निकाल कर गाय, कुत्ता, बिल्ली और कौआ को खिला दें। श्राद्ध में बनाया जाने वाला भोजन घर की महिलाओं को नहीं खिलाना चाहिये, नहीं तो बुरा असर होता है।

दाढी ना बनवाएं
पितृपक्ष में पुरुषों को दाढी और मूंछ नहीं कटवाना चाहिये। श्राद्ध के पिंडों को गाय, बकरी और ब्राह्मण को खिलाना चाहिये, साथ ही चतुर्दशी को श्राद्ध नहीं करना चाहिये, हालांकि अगर किसी शख्स की युद्ध में मृत्यु हुई हो, उनके लिये चतुर्दशी को श्राद्ध करना बेहद शुभ माना जाता है।