मकर संक्रांति पर इस समय स्‍थापित करें सूर्य यंत्र, सफलता के साथ धन की होगी बरसात

सूर्य का मकर राशि में गोचर मकर संक्रांति कहलाता है, हिंदुओं के लिए ये पर्व नव वर्ष के आगमन के रूप में मनाया जाता है । इस दिन सूर्य उपासना और सूर्य से जुड़ी वस्‍तुओं को घर में लाने से लाभ होता है ।

New Delhi, Jan 14 : मकर संक्रांति का पर्व इस बार बहुत ही दुर्लभ संयोग लेकर आया है । आज स्‍वार्थ सिद्धि और परिजात योग के साथ रवि प्रदोश का भी संयोग बन रहा है । ऐसा संयोग पूरे 6 साल बाद बन रहा है, 17 साल बाद सूर्य का पर्व रविवार को पड़ रहा है । निश्‍चय ही ये संयोग सभी के लिए शुभ फल लेकर आया है । इस विशेष संयोग के समय कुछ विशेष उपाय करने से आपकी समस्‍याएं खत्‍म होती हैं, साथ ही आपकी मुश्किलों के आसान से समाधान आपको नजर आने लगते हैं । जानें, इस मकर संक्रांति पर क्‍या विशेष कर सकते हैं ।

सूर्य यंत्र की स्‍थापना
सूर्य संसार में समस्‍त जीवित वस्‍तुओं के लिए एकमात्र ऊर्जा का स्रोत है । प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में सूर्य को देवता की तरह पूजा जाता

हे, इनकी उपासना की जाती है । सूर्य भगवान की विशेष कृपा की प्राप्ति के लिए घरों में सूर्य यंत्र स्‍थापित करने की सलाह दी जाती है । इस दिन दान आदि का विधान है, जिसे पूरा करने बाद घर में सूर्य यंत्र स्‍थापित किया जा सकता है ।

ये लोग स्‍थापित करें सूर्य यंत्र
सूर्य यंत्र उन लोगों को स्‍थापित करना चाहिए जिनकी कुंडली में सूर्य खराब दशा में हो या कमजोर हो । सूर्य प्रमुख ग्रहों में से एक माना जाता है,

यदि व्‍यक्ति का सूर्य खराब हो तो उस व्‍यक्ति के जीवन में संघर्ष कभी खत्‍म नहीं होता । ऐसा माना जाता है सूर्य से उस व्‍यकित को आगे बढ़ने की ऊर्जा ही नहीं प्राप्‍त हो पाती । मकर संक्रांति के पावन पर्व पर आप अपने घर में सूर्य यंत्र की स्‍थापना किसी भी समय कर सकते हैं ।

ऐसे करें सूर्य यंत्र की स्थापना
सूर्य यंत्र बाजार में आसानी से प्राप्‍त हे, किसी भी ज्‍योतिष की रजिस्टर्ड दुकान से आप इसे प्राप्‍त कर सकते हैं । इसे मकर संक्राति के

दिन बाजार खरीद कर ले आए । सुबह नहा धोकर तैयार हों, बिना सिले वस्‍त्र धारण करें, जेसे धोती । अब पूजा स्‍थल में बैठें, लाल आसन के ऊपर बैठकर पूजा शुरू करें । गणेश जी के ध्‍यान से पूजा आरंभ करें । सभी देवी-देवताओं का ध्‍यान करें और सूर्य यंत्र को दूध से अभिषेक कराएं ।

यंत्र को स्‍थापित करते हुए पढ़े ये मंत्र
इसके बाद मंदिर में पीलारेशमी वस्‍त्र बिछाकर उसके ऊपर सूर्य यंत्र रख दें । इस पर चंदन, रोली, केसर और लाल पुष्‍प चढा़एं । अब इस मंत्र का जाप करें । मंत्र इस प्रकार है – ऊं घृणि सूर्याय नमः । इस मंत्र का जाप 7 बार जाप करें । इसके बाद यंत्र को मंदिर में ही रहने दें । प्रतिदिन पूजा के समय सूर्य मंत्र की पूजा करें, जल चढ़ाकर चंदन से टीका करें ।

सूर्य लॉकेट भी कर सकते हैं प्रयोग
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर हो उन्‍हें सूर्य लॉकेट पहनने की सलाह दी जाती है । तांबे का सूर्य बनवाकर ले आएं । सूर्य यंत्र की ही

तरह इसकी भी पूजा, आराधना, अभिषेक करें । इसके बाद लाल धागे में पिरोकर इसे गले में धारण कर लें । ऐसा माना जाता है कि सूर्य यंत्र की स्‍थापना और सूर्य लॉकेट को धारण करने के 7 दिन के अंदर ही असर दिखना शुरू हो जाता है ।

संक्राति पर ये ना करें
इस बार संक्रांति का पुण्यकाल 3 घंटे 55 मिनट का है, इस समय में कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए । ऐसे काम जो अवैध हों उन्‍हें नहीं करना चाहिए । इसके अलावा दांत मांजना, किसी से कठोर बोलना, फसल या वृक्ष को काटना, गाय –  भैंस का दूध निकालना ये काम बिलकुल नहीं करने चाहिए । दंपति इस बात का ख्‍याल रखें, उन्‍हें इस पुण्‍य काल में शारीरिक संबंध नहीं बनाने है । ऐसा करने से आपको पुण्‍य फल की प्राप्ति नहीं होगी ।

मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान
मकर संक्रां‍ति के पर्व को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है । इस दिन दान का विशेष महत्‍व है । गरीब लोगों को दक्षिणा और खिचड़ी का दान करें । चावल और दाल अलग-अलग भी दान कर सकते हैं । इस दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध और अनुष्ठान का बहुत महत्व है । संक्राति पर किया गया दान 100 गुना अधिक फलीभूत होता है । इस दिन घी, कंबल का दान करना भी शुभ माना जाता है  ।