कुंडली में यहां छिपा होता है मृत्यु योग, पहले से पता चल जाता है

kundali death

आप की कुंडली में मृत्यु योग छिपा होता है, उसी के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं, ग्रहों की दशा और जयोतिषी गणना से पता लग सकता है।

New Delhi, Feb 26: आप ने अक्सर ये महसूस किया होगा कि जब किसी करीबी की मौत होती है तो दिल धक रह जाता है, अजीब से घबराहट होने लगती है। आपको ये लगने लगता है कि कुछ खत्म हो रहा है, ये सब संकेत होते हैं, ज्योति और कुंडली की भाषा में बात करें तो ये वो संकेत होते हैं जिनसे मृत्यु योग के बारे में पता चलता है, हर इंसान की कुंडली में मृत्यु योग होता है, हम उसी के बारे में बताने वाले हैं। असमय मौत के बारे में भी पता चल जाता है, ज्योतिष में इस विषय पर कई बार रिसर्च हुई है, जिनसे कुछ लक्षणों के बारे में पता चला है, जो आपके सामने रख रहे हैं।

कैसे पता चलता है मौत का योग
पहले आपको ये बताते हैं कि कुंडली में मौत का योग कैसे पता चलता है, शास्त्रों के मुताबिक जन्म कुंडलीका आठवां घर मौत के बारे में जानकारी देता है। तीसरा और दसवां घर भी मृत्यु के संकेत बताता है। कुंडलीमें इन घरों में जो ग्रह होते हैं जिनको घरों के स्वामी कहा जाता है, उसके अनुसार भी मौत के बारे में बताया जा सकता है।

शनि ग्रह खतरनाक या फिर खास
शनि ग्रह को लेकर बहुत सारी बातें की जाती हैं, कई लोग आपको डराने की भी कोशिश करते हैं। लेकिन ऐसा है नहीं, शनि ग्रह इस मामले में बहुत खास है। शनि अगर आपकी कुंडली में शुभ ग्रह के साथ है तो आपकी उम्र लंबी होगी। लेकिन अगर शत्रु ग्रह के साथ शनि है तो असमय मौत हो सकती है।

आठवें घर में सूर्य
जिन लोगों की कुंडली के आठवें घर में सूर्य होता है उनकी मृत्यु अग्न‌ि, बुखार, मूत्र संबंधी परेशानी से होने की संभावना बनी रहती है। वैसे ये कभी भी साफ पता नहीं चल पता है कि किसी इंसान का अंत कितना नजदीक है, पुराणों के मुताबिक भगवान शिव ने स्वयं कुछ ऐसे लक्षण बताएं हैं जो मृत्यु के नजदीक होने की ओर इशारा करते हैं।

मौत के लक्षण
मौत के लक्षणों के बारे में बात करें तो हमें तेल या पानी में झांकते हुए अपनी परछाई उसमें नजर आती है, लेकिन अगर किसी शख्स की मौत होने वाली है तो उसे अपनी परछाई नहीं दिखाई देगी। इसके साथ जिनकी कुंडलीमें चंद्रमा आठवें घर में होता है  वो इस बात का संकेत है क‌ि उस इंसान की जल में डूबने, फेफड़ों में तकलीफ से मौत हो सकती है। वहीं क्षय रोग के कारण भी जीवन पर संकट आ सकता है।

मंगल दुर्घटना का कारण
जयोतिष में मंगल ग्रह को दुर्घटना का कारण माना गया है। अगर ये आठवें घर में है तो व्यक्त‌ि की मौत आग, दुर्घटना, जख्म, शल्य-च‌िक‌ित्सा, त्वचा रोग, वाहन दुर्घटना, जादू-टोना, ऊंचाई से ग‌िरने से होने की संभावना रहती है। माना जाता है कि जब किसी इंसान को हर जगह आग का भ्रम होने लगता है तो भी इसका अर्थ है कि उसकी मौत निकट है।

बुध ग्रह का आठवें घर में होना
अब बात करते हैं बुध ग्रह के आठवें घर में होने के बारे में। अगर ऐसा है तो नसों में कमजोरी, अंडकोश से संबंध‌ित रोग, लकवा, अपच से मौत का अंदेशा रहता है। वहीं गुरु के आठवें घर में रहने से इंसान की आकस्म‌िक मृत्यु हो सकती है। इसके साथ ही कमजोरी, क‌िडनी संबंधी परेशानी से भी मृत्यु की आशंका बनती है। ध्यान दें कि आठवें घर में शुक्र का होना उदर रोग, यौन रोग, मूत्र संबंधी रोग से मृत्यु का कारक बनता है।