जन्मदिन पर अवश्य करें ये काम, होगी दीर्घायु

भारत में आजकल जन्‍मदिन विदेशी संस्‍कृति के अनुसार मनाया जाने लगा है । केक काटना, मोमबत्‍ती बुझाना वगैरह-वगैरह । क्या आप जानते हिंदू मान्‍यताओं के अनुसार जन्‍मदिन कैसे मना चाहिए ।

New Delhi, Apr 15 : जन्‍मदिन वो दिन होता है जब आपका जन्‍म इस धरती पर हुआ था । ईश्‍वर ने आपको किसी के घर को रौशन करने के लिए चुना होता है । जन्‍मदिन हर वर्ष धूमधाम से मनाने की परंपरा शुरुआत से ही रही है । राजा हो या रंक अपने जन्‍मदिन के अवसर पर ईश्‍वर को जरूर याद करता है । ईश्‍वर को धन्‍यवाद देता है कि उसे इस मनुष्‍य योनि में जन्‍म दिया । इस दिन को मनाने के हर जगह के अपने तरीके हैं । जानिए हिंदू मान्‍यताओं के अनुसार इस दिन क्‍या करना चाहिए ।

ये काम बिलकुल ना करें
जन्मदिन के दिन दीपक व मोमबत्ती को बुझाना नहीं चाहिए । ये विदेशी परंपरा हे ओर उनकी मान्‍यताएं हमारे धर्म में स्‍वीकृत नहीं है । हिंदू मान्यता के अनुसार शुभ कार्यों में प्रज्वलित दीपक को बुझाने से व्यक्ति नरक की यातनाएं भोगता है । जन्मदिन के दिन जितने वर्ष की उम्र होती है उतने ही दीपक किसी मंदिर में दान करने शुभ होते हैं।

इनका स्‍मरण करें
हिंदू धम र्शास्‍त्रों के अनुसार इस दिन अष्टचिरंजीवी की पूजा और स्मरण करना चाहिए ।अष्‍टचिरंजीवी यानी हमारे प्राचीन समय के वो लोग जिन्‍हें कभी ना परास्‍त होने, कभी मृत्‍यु को प्राप्‍त ना होने का वरदान प्राप्‍त था, ये अष्‍टचिरंजीवी हैं – अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि ये आठ चिरंजीवी हैं जिन्हें अमरत्व प्राप्त है। अष्टचिरंजीवी को प्रणाम करें। जितनी बार हो सके इस मंत्र का जाप करें ।

इस मंत्र का जाप करें
इस दिन अष्‍टचिरंजीवी मंत्र का जाप करें और पूरी कोशिश करें कि आप कम से कम 21 बार इस मंत्र का जाप जरूर कर पाएं । उच्‍चारण को शुद्ध रखें ।
अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषणः। कृपः परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविनः।।
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

इस मंत्र का अर्थ ये है
अर्थात: अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि को प्रणाम है। प्रतिदिन सुबह इन नामों के स्मरण से सारी बीमारियां दूर होती हैं और व्यक्ति को दीर्घायु की प्राप्ति होती है। ये मंत्र व्‍यक्ति में नई ऊर्जा का संचार करता है, शारीरिक रूप से व्‍यकित और अधिक ऊर्जा के साथ कार्य कर पाता है । अपने जन्‍मदिन पर ब्राह्मणों को भेज जरूर कराएं ।

रूठों को मना लें
आपका जन्‍मदिन आपके लिए त्‍यौहार से कम नहीं, ये दिन खुशियां माने का है । इस दिन दुश्‍मनों को भी गले से लगा लें । किसी से लड़ाई झगड़ा ना करें । अगर आपका किसी से विवाद हुआ हो, लड़ाई झगड़ा हो रखा हो, या कोई दोस्‍त रूठा हुआ हो तो आपका जन्‍मदिन उन्‍हें मनाने के लिए, माफी मांगने के लिए सबसे सही दिन है ।