सोमवार और एकादशी का अद्भूत संयोग, 9 जुलाई को जरुर करें ये काम, बदल जाएगी किस्मत

एकादशी के दिन पति और पत्नी दोनों सुबह जल्दी उठें, फिर स्नान करने के बाद घर के मंदिर में शिव-पार्वती के सामने एकादशी पूजा का संकल्प करें।

New Delhi, Jul 08 : सोमवार 9 जुलाई को आषाढ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है, इसे योगिनी एकादशी कहा जाता है, स्कंद पुराण में एकादशी महात्म्य अध्याय है, जिसमें सालभर की सभी एकादशियों का महत्व कृष्ण ने अर्जुन को बताया है। इस अध्याय के अनुसार एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और विशेष उपाय करने से सौभाग्य बढ सकता है। सोमवार और एकादशी का शुभ योग होने से इस दिन विष्णु जी के साथ पति और पत्नी को शिव-पार्वती की भी पूजा करनी चाहिये।

पूजा में शिवलिंग पर चढाएं 15 चीजें
सोमवार एकादशी के दिन चंदन, धतूरा, आंकड़े के फूलस, बिल्वपत्र, जनेऊ, प्रसाद के लिये फल, मिठाई, दूध, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, पान, मिश्री, दक्षिणा शिवलिंग पर जरुर चढाएं, इसके साथ ही ऊं उमामहेश्वराभ्यां नमः का जाप करें, इस मंत्र के जाप से भोले शंकर और मां पार्वती दोनों प्रसन्न होती हैं।

सुबह उठकर संकल्प करें
एकादशी के दिन पति और पत्नी दोनों सुबह जल्दी उठें, फिर स्नान करने के बाद घर के मंदिर में शिव-पार्वती के सामने एकादशी पूजा का संकल्प करें, यानी इस दिन आपको शिव-पार्वती की पूजा करनी है, साथ ही एकादशी का संकल्प करना है। घर के मंदिर में या फिर बाहर किसी मंदिर में शिव-पार्वती की पूजा का प्रबंध करें, पति-पत्नी आसन पर बैठकर सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, मालूम हो कि पत्नी को पति के बायें हाथ की ओर बैठना चाहिये।

गणेश जी की पूजा
पूजा सबसे पहले गणेश जी की करें, पहले उन्हें स्नान कराएं, फिर वस्त्र अर्पित करें। गंध, हार-फूल, चावल, प्रसाद, जनेऊ इत्यादि चीजें उन्हें चढाएं। गणेश पूजा के बाद फिर शिव-पार्वती की पूजा करें। शिव-पार्वती की प्रतिमा या शिवलिंग का स्नान कराएं।

शिवलिंग को स्नान कराएं
जल से पहले शिवलिंग को स्नान कराएं, फिर पंतामृत से और उसके बाद एक बार फिर से जल से स्नान कराएं। पंचामृत को दूध, दही, घी, मिश्री और शहद मिलाकर तैयार करें। शिव-पार्वती को वस्त्र अर्पित करें, वस्त्रों के साथ-साथ उन पर फूल भी चढाएं।

तिलक करें
भगवान को चंदन से तिलक करें, माता पार्वती को कुमकुम से तिलक करें, फिर पूजा के दौरान शिव-पार्वती के मंत्रों का जाप करते रहें। lord shivaचंदन, धतूरा, चावल, आंकड़े के फूल, बिल्वपत्र, जनेई, प्रसाद के लिये फल, मिठाई, दूध, नारियल, पंतामृत, सूखे मेवे मिश्री, पान, दक्षिणा पूजा के दौरान शिवलिंग पर चढाएं।

घी की दीपक जलाएं
तिलक लगाने के बाद अब धूप-दीप जलाएं, फिर घी या तेल का दीपक भी जला सकते हैं। भगवान की आरती जरुर करें और आरती में कर्पूर जरुर जलाएं, शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें। और आखिरी में पूजा के दौरान हुई भूल के लिये भगवान से क्षमा याचना करें, पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों में वितरित करें, स्वयं भी ग्रहण करें, ध्यान रखें कि इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा जरुर करें।