अपनी चिंता करें कम, इन ज्‍योतिष उपायों से होगा आपका बच्‍चा पढ़ाई में होशियार

बच्‍चे पढ़ाई में मन नहीं लगा पा रहे हैं, एकाग्रता की कमी है, मन बहुत चंचल है । अभिभावकों की इस चिंता को समझा जा सकता है । आगे जानिए वो उपाय जिनसे आपकी इस चिंता का समाधान हो जाएगा ।

New Delhi, Aug 02 : प्रतियोगिता के इस जमाने में हर मां बाप चाहते हैं कि उनका बच्‍चा पढ़ाई में अच्‍छा बने ताकि वो आगे चलकर अपने पैरों पर खड़ा हो सके । इसके लिए हर माता-पिता काफी चिंतित भी रहेते हैं । खासतौर पर जब बच्‍चा पढ़ने में अच्‍छा ना हो, मन ना लगाता हो तो माता-पिता की चिंता और भी बढ़ जाती है । कई बार बच्चे बहुत कोशिश के बाद भी अपनी पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते हैं । ऐसे में आपके लिए आगे बताए जा रहे उपाय कारगर हो सकते हैं । वास्‍तु और ज्‍योतिष के इन उपायों को अपनाएं और अपने बच्‍चे को पढ़ाई में अव्‍वल आने में मदद करें ।

पढ़ाई का कमरा ऐसा होना चाहिए
बच्‍चों के स्‍टडी रूम को डिज़ाइन करते समय या फिर कंस्ट्रक्शन के दौरान इस बात को ध्यान में रखें कि कमरा पूर्वी उत्तर कोने में हो। अगर यह संभव न हो तो उत्तर दिशा में भी आप अपना कमरा बनवा सकते हैं लेकिन याद रखिये कमरे का दरवाज़ा पूर्वी उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। कमरे की सिर्फ दिशा ही नहीं बल्कि आकार भी बहुत मायने रखता है। कहते हैं स्टडी रूम चौकौर होना चाहिए क्योंकि यह चारों तरफ से आने वाली ऊर्जा को संतुलित रखता है।

इस बात का रखें ध्‍यान
घर बनवाते समय एक अन्य बात आपको ध्यान में रखनी चाहिए कि कभी भी वाशरूम बच्चों के बैडरूम और स्टडी रूम के ऊपर न हो। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है जिसका प्रभाव आपके बच्चे पर भी पड़ता है। इसके अलावा वाशरूम न तो पलंग के सामने होना चाहिए और न ही स्टडी टेबल के सामने। यदि ऐसा हुआ तो वाशरूम का दरवाज़ा हमेशा बंद ही रखें।

पर्दे का रंग है महत्‍वपूर्ण
कमरे की दीवार का रंग और पर्दों का रंग हरा ही रखें। इससे आपको एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलेगी। साथ ही सभी बाधाएं दूर होंगी और आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा। आप पीले रंग का प्रयोग भी कर सकते हैं । पीला रंग आपको एनर्जी देता है और आगे बढ़ने के लिए अग्रसर करता है । इस रंग का प्रयोग भी बच्‍चे के कमरे में कर सकते हैं ।

एकाग्रता बढ़ाएगा ये उपाय
यदि लाख कोशिशों के बाद भी आपके बच्चे को पढ़ाई में एकाग्रता बनाए रखने में दिक्कत होती है तो आप उन्हें सोते समय अपने पैर उत्तर दिशा में रखने की सलाह दें। इससे उनके कॉन्सेंट्रेशन पावर में सुधार आएगा। इसके अलावा पूर्व दिशा में सिर रख कर सोना भी आपके बच्चे के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। इससे उन्हें सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी और जब वे सुबह उठेंगे तो तरोताज़ा महसूस करेंगे।

स्टडी रूम का वास्‍तु
स्टडी रूम में बुक शेल्फ कभी भी स्टडी टेबल के आगे या फिर बच्चे के सामने नहीं होना चाहिए। इससे उनकी एकाग्रता भंग होती है।  यदि स्टडी रूम में खिड़की है तो वह हमेशा पूर्व दिशा में होनी चाहिए। स्टडी टेबल पूर्व या फिर पूर्वी उत्तर दिशा में रखें ना कि खिड़की के ठीक सामने। टेबल के ऊपर स्टडी लैंप ज़रूर रखें चाहे आपका बच्चा इसे इस्तेमाल करे या नहीं। माना जाता है कि इससे पढ़ाई का माहौल बनता है साथ ही बच्चे का कॉन्सेंट्रेशन पावर भी बढ़ता है।

पॉजिटिव तस्‍वीरों का करें प्रयोग
कमरे में अच्छे चित्र लगाएं जैसे दौड़ते हुए घोड़े, उगता हुआ सूरज आदि इससे आपके बच्चे के कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा। भूलकर भी कमरे में नकारात्मक तस्वीरें ना लगाएं।  देवी सरस्वती ज्ञान की देवी होती है। कमरे के दक्षिण दिशा में माता का चित्र लगाना शुभ होता है। दक्षिण दिशा में आप अपने बच्चे के सर्टिफिकेट्स, ट्रॉफी, मेडल आदि जैसी चीज़ें रख सकते हैं। यह बेहद शुभ होता है साथ ही आपके बच्चे को प्रोत्साहित भी करता है।

इन बातों का रखें ध्‍यान
कमरे में जिस दिशा से हवा आ रही हो बच्चे को उस दिशा में बैठकर पढ़ना नहीं चाहिए। इसे उनकी एकाग्रता भंग होती है। इसी वजह से खिड़की और दरवाज़े के पास बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए। साथ ही ध्यान रहे कि पढ़ते समय बच्चे के ठीक सामने दीवार न हो या फिर आपका बच्चा कोने में बैठकर न पढ़ें। इससे उसे एकाग्रता बनाए रखने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।