ऐसे कीजिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा, मिलेगा लाभ, पूरा साल बीतेगा अच्छा

भगवान विश्वकर्मा की पूजा घर, ऑफिस और कारखानों में विशेष रुप से मनाई जाती है।

New Delhi, Sep 17 : हमारे देश में विश्वकर्मा पूजा का खास महत्व है, हर साल 17 सितंबर को ये त्योहार मनाया जाता है, मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि के रचयिता बह्मा के सातवें धर्मपुत्र के रुप में जन्म दिया था, विश्वकर्मा पूजा के दिन मशीनों और दुकानों की विशेष तौर पर पूजा की जाती है, इसे बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन खास पूजा करने पर साल भर मशीनें साथ देती है।

निर्माण के देवता
विश्वकर्मा को निर्माण का देवता माना जाता है, मान्यताओं के मुताबिक उन्होने देवताओं के लिये कई भव्य महल, आलीशान भवन, हथियारों और सिंहासनों का निर्माण किया था। इसलिये उन्हें देवताओं का शिल्पकार, वास्तुशास्त्र का देवता के नाम से भी जाना जाता है, इसी वजह से इस दिन को विश्वकर्मा पूजा, विश्वकर्मा दिवस या विश्वकर्मा जयंती के रुप में मनाया जाता है।

घर और ऑफिस में मनाये जाते हैं
विश्वकर्मा पूजा घर, ऑफिस और कारखानों में विशेष रुप से मनाई जाती है, वहीं इंजीनियरिंग, ऑर्किटेक्चर, चित्रकारी और मशीनों से जुड़े काम करने वाले लोग उस पर्व को खासा उत्साह के साथ मनाते हैं, कई जगहों पर तो इस दिन काम भी बंद रखा जाता है।

पूजन विधि
सुबह-सुबह गाड़ी, दुकान या मशीनों को साफ कर लें, फिर उसके बाद खुद स्नान करें, मंदिर में कमंडल या लोटे में पानी लेकर उसमें पुष्प डालें, फिर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें, इसके बाद जमीन पर आठ पंखुड़ियों का कमल बनाएं, उस जगह पर सात तरह के अनाज को रखें। अब उस पर कलश की स्थापना करें, फिर वरुण देवता का ध्यान करें। फिर सात तरह की मिट्टी, सुपारी और दक्षिणा को कलश में डाल दें, फिर उसे ढंक दें, अब भगवान विश्वकर्मा को फूल चढाएं और आशीर्वाद लें, आखिर में भगवान की आरती करें।

शुभ समय
ज्योतिषी के अनुसार कल पूरा दिन अच्छा है, शुभ मूहूर्त के अनुसार संक्राति का समय सुबह 7.01 बजे हैं। आपको बता दें कि यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली इत्यादि प्रदेशों में भगवान विश्वकर्मा की भव्य मूर्ति भी स्थापित की जाती है, इसके साथ ही उनकी अराधना की जाती है।