सौभाग्‍य में बदल जाएगा बरसों का दुर्भाग्‍य अगर रोज करेंगे शास्‍त्रों में बताए ये काम

जीवन में कुछ भी स्थिर नहीं है, बुरा समय जिस तरह आया है उसी प्रकार चला जाएगा । बस जरूरी है आप अपना कर्म करते रहें । शास्‍त्रों में बताई कुछ बातों का पालन करें और दुर्भाग्‍य से मुक्त हो जाएं ।

New Delhi, Dec 01 : पृथ्‍वी पर जन्‍म लेने वाले हर व्‍यक्ति को सुख-दुख दोनों का भार उठाना पड़ता है । मनुष्‍य योनि में आज सुख की अनुभूति है तो कल किसी बात का इतना दुख होगा कि उससे उबरना भी मुश्किल लगने लगेगा । लेकिन हमें ये ध्‍यान रखना चाहिए, जीवन में कुछ भी स्थिर नहीं है । कुछ भी ऐसा नहीं है जो बदला नहीं जा सकता है । अपने सत् कर्मों से हम अपना भाग्‍य स्‍वयं लिख सकते हैं । अच्‍छे कर्म और शास्‍त्रों में बताई कुछ बातों का पालन कर खुद को सौभाग्‍य शाली बना सकते हैं । दुख के दुर्भाग्‍य से कोसों दूर हो सकते हैं ।

सूर्य का अर्घ्‍य
सूर्य इस पूरे ब्रह्मांड में अकेली ऐसी वस्‍तु है जो ऊर्जा का असीम स्रोत है । वर्षों से ये संसार को अपनी रौशनी और गर्मी से ऊर्जावान बना रहा है । शास्‍त्रानुसार प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्‍य यानी जल चढ़ाने से आपकी आधी से ज्‍यादा परेशानियां हल हो जाती हैं । बस आपको तांबे के लोटे में जल लेकर सुबह उठकर, नहा धोकर भगवान सूर्य को इसे अर्पित कर देना है । सूर्य अपनी ऊर्जा से आपके रोगों का नाश करते हैं और आपको सौभाग्‍य का वरदान देते हैं ।

तुलसी की पूजा
हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा देवी समान होती है । इस पौधे को भगवान का सममान प्राप्‍त है । ये बेहद पवित्र पौधा होता है जिसे लेकर खास सावधानी बरतनी चाहिए । तुलसी की पूजा संध्‍या काल में दिया जलाकर करने से बरसों दुर्भाग्‍य दूर हो जाता है । प्रतिदिन तुलसी की पूजा करें और पुण्‍य फल की प्राप्ति करें । तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है इसलिए भी इसे पूजने की परंपरा है ।

गायत्री मंत्र
परम शक्तिशाली और चमत्कारी मंत्र है गायत्री मंत्र । प्रतिदिन इस मंत्र का जाप मनुष्‍य को मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाता है । इस एक मंत्र में सहस्‍त्रों दुर्भाग्‍य को सौभाग्‍य में बदलने की क्षमता है । इस मंत्र को जपने के लिए तीन समय उपयुक्‍त हैं, सूर्योदय से कुछ देर पहले, सूर्यास्‍त से कुछ समय पहले और दोपहर के समय । मंत्र का सही उच्‍चारण आवश्‍यक है । मंत्र इस प्रकार है – ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

गाय को रोटी दें
प्रात:काल बनने वाले भोजन में से पहली रोटी गाय के लिए जरूर निकालें । शास्‍त्रों में कहा गया है गौमाता को पहली रोटी बखलाने से घर में धन-धान्‍य की वर्षा होती है । गाय की सेवा से पुण्‍य की प्राप्ति होती है । प्रतिदिन गौसेवा करने वाले के पिछले जन्‍मों के पाप कर्म भी धुल जाते हैं । शास्‍त्रानुसार गाय के शरीर में सभी देवी देवताओं को वास होता है । इसीलिए सिर्फ एक गाय की सेवा आपको सभी देवी देवताओं से सौभाग्‍य का आशीर्वाद दिलवाती है । ऐसा करने से दुर्भाग्‍य आसपास भी नहीं फटकता ।

बड़े बुजुर्गो की सेवा, उनका आशीर्वाद
अगर आप अपने मात-पिता के साथ रहते हैं तो सुबह उठकर सबसे पहले उनका आशीर्वाद लें । बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद से घर पर खुशियां बनी रहती हैं । आप बुरी विपत्तियों से बचे रहते हैं । हिंदू धर्म में बड़े-बुजुर्गों को भगवान का दर्जा दिया गया है । अगर आप अपने माता-पिता की सच्‍चे मन से सेवा करते हैं तो आपको ईश्‍वर की आराधना की भी जरूरत नहीं । सौभाग्‍य की जो कामना आप करते हैं वो आपको अपने माता-पिता की सेवा से प्राप्‍त हो जाता है ।

बिस्‍तर से उठते ही जपें ये मंत्र
”कराग्रे वसते लक्ष्मीः, कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्‌‌।।” अर्थात् हथेलियों के अग्रभाग में भगवती लक्ष्मी, मध्य भाग में विद्यादात्री सरस्वती और मूल भाग में भगवान गोविन्द (ब्रह्मा) का निवास है। मैं अपनी हथेलियों में इनका दर्शन करता हूं।शास्‍त्रों में इस मंत्र का जाप किसी भी नित्‍य कर्म से सबसे पहले करने को कहा गया है । इस मंत्र का जाप करते हुए हथेलियों के अलावा किसी और चीज को ना देखें ।

ईश्‍वर का ध्‍यान और शास्‍त्रों का पठन
किसी भी व्‍यकित को धर्म उसके भगवान से जोड़ता है । धर्म की जानकारी होने से ज्‍यादा जरूरी है उससे जुड़ाव होना । यदि आप अपनी जड़ों के फैलव को जनते हैं तो ही आप ऊंचे गगन तक पहुंच सकते हैं । प्रतिदिन अपने ईश्‍वर का ध्‍यान जरूर करें । अपने धर्म से जुड़े ग्रथों का पाठ करें । वेद, पुराण, गीता, बाइबल, कुरान जो भी पसंद हो उसका पाठ करें । क्‍योंकि धर्म में वो ताकत है जो जीवन के किसी भी दुर्भाग्‍य को सौभाग्‍य में बदलने की क्षमता रखती है ।

जानवरों के प्रति प्रेम रखें, मछलियों को खाना खिलाएं
मनुष्‍य योनी सर्वश्रेष्‍ठ योनि है । करोड़ों पुण्‍य कर्म करने के बाद इस योनि में किसी जीव का जन्‍म होता है । अत: यदि आप मानव रूप में जन्‍मे हैं तो इसका सम्‍मान करें । अपने से छोटे जीवों के प्रति प्रेम दिखाएं । संभव हो तो मछलियों को आअे की गालियां खिलाएं । इन सभी कामों को करने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍ततम जीवन से कुछ पल निकालने होंगे । यही पल आपके दुर्भाग्‍य को सौभाग्‍य में बदल सकते हैं ।