बच्‍चे भी होते हैं डिप्रेशन के शिकार, उठा लेते हैं गलत कदम, इन लक्षणों से पहचानें

शायद आप ना जानते हों लेकिन भारत में टीनएजर्स सबसे ज्‍यादा डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं । अवसाद उनके अंदर पनप रहा है हमारे समाज की वजह से ।

New Delhi, Nov 27 : तुम्‍हारे नंबर इतने कम क्‍यों आए, तुम उसके जैसे क्‍यों नहीं हो, तुमसे अच्‍छा तो वो है, फलां के बच्‍चों को भी देखो, ऐसी ना जाने कितनी बाते हैं जो मां बाप अपने बच्‍चों से कहते रहते हैं, बिना ये जाने कि इसका उनपर कितना बुरा असर हो सकता है । बच्‍चों का आत्‍मविश्‍वास टूट जाता है ऐसी बातों से । आप चाहें या ना चाहें ये बातें बच्‍चों को धीरे – धीरे अवसाद के गर्त में ले जाती है, जहां से वापस लाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है ।

अवसाद
इस उम्र के बच्‍चे अवसाद के शिकार कब होते हैं, जब उनकी तुलना किसी और से की जाती है, जब   उन पर टिप्‍पणी की जाती है । फिर चाहे वो घर के सदस्‍य हों, मां-बाप हों या फिर शिक्षक । ऐसी बातों बच्‍चों का मनोबल तोड़ती हैं । अगर बच्‍चे का बार-बार नाकारा साबित किया जा रहा हो तो वो डिप्रेशन में जा सकता है, किसी चीज पर फोकस नहीं कर पाता है । अगर आप अपने बच्‍चे को इसी तरह के दबाव में रखते हैं तो जाकर उससे बात करें । क्‍या वो रात को ठीक से सो पाता है, इसकी खबर भी रखें । ऐसे बच्‍चे अकेलापन महसूस करते हैं और कुछ गलत कदम उठा लेते हैं ।

 बच्‍चा बेचैन रहता है, उसे भूख नहीं लगती
अगर आपको लग रहा है कि आपका टीनएजर बच्‍चा बेचैन रहता है, उसे भूख नहीं लगती, वो हमेशा कमजोरी महसूस करता है, सुस्‍त रहता है, पढ़ाई में कॉन्‍सनट्रेट नहीं कर पाता तो उससे इसकी वजह पूछें । हो सकता है कोई ऐसी बात उसे परेशान कर रही हो जो वो आपको बता ना पा रहा हो । माता या पिता दोनों में से एक को बच्‍चे का दोस्‍त बनकर रहना चाहिए । बच्‍चे को ऐसा ना लगे कि मां-बाप उसके दुश्‍मन हैं । अगर वो ऐसा सोचेगा तो धीरे-धीरे अवसाद के काले बादल उसे घेर लेंगे ।

गलत और सही में फर्क समझाएं
अगर बच्‍चा अपने घर में आराम महसूस नहीं करता तो आपके लिए परेशान होने की बात है । आपका बच्‍चा अवसाद का शिकार ना हो, इसके लिए कदम आपको ही बढ़ाना है । उसे प्रोत्‍साहित करें, वो जो भी करे उसमें उसका साथ दे । गलत और सही में फर्क समझाएं लेकिन सही तरीके से । बच्‍चे को झिड़ककर उसे दूसरों के उदाहरण देकर आप उसे अंधे कुंएं की ओर धकेल रहे हैं । आज नंबर अच्‍छे नहीं आए तो क्‍या अगर आप उसके साथ मेहनत करेंगे तो वो अगली परीक्षा में जरूर अच्‍छा करेगा ।