दिल्ली के ‘राम-रहीम’ का पर्दाफाश, छुड़ाई गई 41 लड़कियां, जिसमें 3 रिटायर्ड इंस्पेक्टर की बेटी

Rohini

दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित कथित बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित के आश्रम से 41 लड़कियों को छुड़ाया, जिनमें से ज्यादातर लड़कियां नाबालिग हैं।

New Delhi, Dec 22 : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्पिरिचुअल यूनिवर्सिटी नाम की संस्था में कोर्ट द्वारा नियुक्त सीबीआई टीम ने गुरुवार को कार्रवाई कर हैरान करने वाला खुलासा किया है, आपको बता दें कि टीम ने दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित कथित बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित के आश्रम से 41 लड़कियों को छुड़ाया, जिनमें से ज्यादातर लड़कियां नाबालिग थी, छुड़ाई गई लड़कियों में तीन तो रिटायर्ड इंस्पेक्टर की बेटियां थीं, इससे पहले जिस लड़की ने वीरेन्द्र देव दीक्षित के कारनामों का खुलासा किया था, उसका भाई सीबीआई में इंस्पेक्टर है।

2 आश्रमों के बीच सुरंग
स्पिरिचुएल यूनिवर्सिटी के दो आश्रम हैं, एक मुख्य और दूसरा वीवीआईपी आश्रम। आपको बता दें कि वीवीआईपी आश्रम को हाल ही में बनाया गया है, Rohini delhiदोनों आश्रमों को जोड़ने के लिये एक सुरंग भी बनाई गई है। इसी सुरंग के जरिये वीवीआईपी आश्रम में सुख-सुविधाओं के सामान पहुंचाये जाते थे, जिनमें लड़कियां भी शामिल है।

हर उम्र की लड़कियों के काम तय
वीरेन्द्र देव के बारे में जो खुलासा हुआ है, उसे सुन हर कोई हैरान है, वीरेन्द्र ने हर उम्र की लड़कियों के लिये काम तय कर रखा था, virendra-dev-dixitवो खुद आश्रम की तीसरी मंजिल पर रहता था, जहां 28 साल उम्र तक की लड़कियां ही रहती थीं, कथित बाबा इन लड़कियों का शोषण करता था। जबकि 28 से 40 साल की महिलाओं को चौथी मंजिल पर रखा जाता था, उन महिलाओं का काम कपड़े और बर्तन धोना था, साथ ही आश्रम की साफ-सफाई, खाना बनाना इत्यादि भी इनके जिम्मे ही रहता था, 40 साल से ज्यादा की महिलाओं का काम शिक्षा देना था।

बाबा के काफिले में लग्जरी कारें
कथित बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित लग्जरी कारों का शौकीन था, उसके काफिले में मर्सिडिज, ऑडी समेत 9 कारें शामिल है, जिनमें ज्यादातर काले रंग की है, baba-dixitvirendraसीबीआई रेड के दौरान स्पिरिचुअल यूनिवर्सिटी के बेसमेंट में बनी पार्किग में चार कारें खड़ी थी। स्थानीय लोगों ने कभी भी वीरेन्द्र को नहीं देखा, उनका कहना है कि वो हमेशा रात में ही आते थे, उनके आने की जानकारी अगले दिन कारों के काफिले से ही मिलती थी, जब वो आश्रम आता था तो वहां खूब चहल-पहल रहती थी।

6 राज्यों और नेपाल में आश्रम
स्पिरिचुअल यूनिवर्सिटी के कर्मचारी के अनुसार दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा और राजस्थान में भी वीरेन्द्र देव के आश्रम हैं, Dixitउनका हेडक्वार्टर राजस्थान के माउंट आबू में है, जहां वीरेन्द्र देव सबसे ज्यादा रहते हैं। इसके अलावा नेपाल में भी वीरेन्द्र देव का आश्रम है, वो कभी-कभी वहां भी जाते रहते हैं।

छत से कूदी थी एक लड़की
स्थानीय लोगों के अनुसार उन्हें आश्रम में गलत काम होने का शक पहली बार तब हुआ, जब आश्रम की छत से एक लड़की ने कूदकर खुदकुशी कर ली थी, ashramइसके कुछ दिन बाद ही एक और युवती ने भी सुसाइड करने की कोशिश की थी, लेकिन वो बच गई, इन दोनों घटनाओं के बाद स्पिरिचुअल यूनिवर्सिटी को जेल की तरह बदल दिया गया, जहां 24 घंटे कड़ा पहरा रहता था।

चादर की दीवार बनाकर बसों में चढाया
महिला आयोग और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के ज्वाइंट रेस्क्यू ऑपरेशन में आश्रम में मौजूद करीब 170 से ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को शेल्टर होम पहुंचाया गया है, Rohini delhi1मीडिया और लोगों की नजरों से बचाने के लिये पुलिस ने पहले ही माइक से एलान कर दिया, कि वहां पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पूरी तरह से बैन है, लेकिन बावजूद इसके विजय विहार के इस गली में कई दर्जन कैमरे लगातार आश्रम के गेट पर दिनभर नजरें जमाये थे। इसी वजह से पुलिस ने चादर और दरी की दीवार बनाई, फिर इसके बीच से लड़कियों को बस में चढाया गया ।

बच्ची से बात जारी
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि आश्रम में रेड के दौरान दवाओं का जखीरा मिला है, Swati Maliwalचाइल्ड वेलफेयर कमेट एक-एक बच्ची से बात कर रही है, उनकी मेडिकल जांच भी की जा रही है, सभी बच्चियां डरी हुई है, कई तो एक भी शब्द बोलने की स्थिति में नहीं है, कुछ बच्चियां बेहद धीमी आवाज में बात कर रही हैं, वो बता रही हैं कि वो ज्ञान पाने और मोक्ष के लिये आश्रम में आई थी।

बेटी से मिलने आया, तो 4 घंटे बैठाये रखा
तेलंगाना के रहने वाले एक पीड़ित के पिता ने बताया कि उनकी बेटी अमेरिका में पीएचडी कर रही थी, जुलाई 2015 में उनके पास फोन आया कि वो दिल्ली के एक आश्रम में आ गई है, Rohini Delhi11जब वो उनसे मिलने पहुंचे, तो आश्रम में उन्हें पहले तो 4 घंटे बिठाये रखा गया, फिर अकेले उन्हें आश्रम में ले जाया गया, जब उनकी बेटी उनके सामने आई, तो वो बिल्कुल हैरान रह गये, क्योंकि उनकी बेटी के अंदर इमोशन बिल्कुल खत्म हो चुका था, वो बातचीत भी नहीं करना चाहती थी। जब मैंने उससे पूछा कि वो वहां ठीक हैं, खुश है, तो बेटी ने कुछ भी नहीं बोला।