मध्य प्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर, एबीपी न्यूज के सर्वे में बीजेपी को मिल रही है इतनी सीटें

इस सर्वे के अनुसार मध्य प्रदेश में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, 41 फीसदी वोट बीजेपी तो 40 फीसदी वोट कांग्रेस को मिलने की संभावना है।

New Delhi, Nov 09 : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, पूरे देश की नजर एमपी, छत्तीसगढ और राजस्थान विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई है, तीनों ही राज्यों में फिलहाल बीजेपी की सरकार है, सत्ता बचाने और दमदार वापसी करने के लिये बीजेपी पूरे दम-खम से लगी हुई है, एबीपी न्यूज और लोकनीति सीएसडीएस ने मिलकर इन तीनों राज्यों में मतदान से पहले लोगों का मिजाज जानने की कोशिश की, इस सर्वे के अनुसार एमपी और छत्तीसगढ में तो बीजेपी की सत्ता बरकरार रहेगी, लेकिन राजस्थान में झटका लग सकता है, यहां कांग्रेस सत्ता में लौट सकती है।

लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को अगले साल लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। आपको बता दें कि अब लोकसभा चुनाव में 6 महीने से भी कम का समय रह गया है, इसलिये कहा जा रहा है कि जो पार्टी इस चुनाव में जीत हासिल करेगी, वो मनोवैज्ञानिक बढत के साथ लोकसभा चुनाव में उतरेगी, इसी वजह से बीजेपी और कांग्रेस के साथ क्षेत्रीय पार्टियां भी मजबूती से ताल ठोंक रही है।

मध्य प्रदेश
इस सर्वे के अनुसार एमपी में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, 41 फीसदी वोट बीजेपी तो 40 फीसदी वोट कांग्रेस को मिलने की संभावना है, इसके अलावा 19 फीसदी वोट अन्य के खाते में जाने का अनुमान है। 230 सीटों वाली एमपी विधानसभा में बीजेपी को 116 सीटें मिल सकती है, इसके बाद पिछले 15 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस को 105 सीटें तो अन्य के खाते में 09 सीटें जा सकती है।

एमपी की मौजूदा स्थिति
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिसमें से फिलहाल 166 बीजेपी, 57 सीट कांग्रेस के पास है। यानी कि एबीपी न्यूज के सर्वे के अनुसार भले बीजेपी सत्ता में लगातार चौथी बार लौट रही है, लेकिन उन्हें सीटों का नुकसान उठाना पड़ रहा है, कांग्रेस मजबूत तो होती दिख रही है, लेकिन इसके बावजूद उनका वनवास खत्म होता नहीं दिख रहा ।

चौथी बार सीएम बनेंगे शिवराज
एबीपी न्यूज के सर्वे के मुताबिक लगातार चौथी बार शिवराज सिंह चौहान सीएम बन सकते हैं, दूसरी ओर कमलनाथ, माधव राव सिंधिया और दिग्विजय सिंह की अगुवाई में कांग्रेस भी पुरजोर कोशिश कर रही है। हालांकि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह परदे के पीछे से काम कर रहे हैं, क्योंकि पार्टी को डर है कि उनके आगे आने पर पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।