शिवपाल यादव की पार्टी अखिलेश पर पड़ रही भारी, अगले महीने ‘बड़ा खेल’ कर सकते हैं अमर सिंह

शिवपाल यादव को जनाधार वाला नेता माना जाता है, उन्हें गांव के प्रमुख और मुखिया तक को जानने वाला नेता कहा जाता है।

New Delhi, Sep 26 : शिवपाल यादव का समाजवादी सेकुलर मोर्चा अखिलेश यादव को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी कर चुका है, सपा के जितने भी पुराने नेता था, जो इन दिनों हाशिये पर पड़े थे, वो सभी शिवपाल की पार्टी में एक-एक कर जुड़ रहे हैं। इटावा से दो बार और एक बार विधायक रहे रघुराज सिंह शाक्य अब शिवपाल के खेमे में आ गये हैं। उन्हें सेकुलर मोर्चा के कानपुर महानगर का प्रभारी बनाया गया है, रघुराज सिंह शाक्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी की अस्तित्व मुलायम और शिवपाल की वजह से थे, जितने भी सपा के संघर्षशील नेता हैं, वो सभी मोर्चे के साथ आ रहे हैं।

लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु
रघुराज सिंह शाक्य ने जानकारी दी, कि जल्द ही वो शहर आकर पार्टी से जुड़े लोगों के साथ बैठक करेंगे और इसे बढाने की कोशिश करेंगे। लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरु हो चुकी है। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा नई दिल्ली में अखिलेश के साथ मंच साझा करने के बाद से शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी की गतिविधियां और तेज कर दी है।

14 मंडल प्रभारियों के नाम घोषित
शिवपाल यादव को जनाधार वाला नेता माना जाता है, उन्हें गांव के प्रमुख और मुखिया तक को जानने वाला नेता कहा जाता है। उन्होने अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिये 14 मंडल प्रभारियों के नाम घोषित कर दिये हैं। इसके साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिये तरह-तरह की तैयारी कर रहे हैं। शिवपाल यादव ने मंगलवार से जिला सम्मेलन की शुरुआत कर दी है, ताकि उनकी पहुंच गांव-गांव तक हो।

अखिलेश के साथ हैं मुलायम सिंह यादव
अखिलेश यादव द्वारा अनदेखी किये जाने से नाराज चाचा शिवपाल यादव ने सपा छोड़ अलग पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया। सपा से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने दावा किया था कि उनके बड़े भाई मुलायम सिंह यादव उनके साथ हैं, उन्हें अपनी पार्टी के झंडे पर स्थान भी दिया था। लेकिन नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश के साथ नजर आये, जिससे स्थिति साफ हो गई है, कि नेताजी अपने बेटे के साथ हैं।

अमर सिंह की जल्द हो सकती है एंट्री
कहा जा रहा है कि मुलायम के स्थिति स्पष्ट करने के बाद अब शिवपाल यादव अकेले पड़ गये हैं, ऐसे में वो अमर सिंह को अपने मोर्चे में शामिल कर सकते हैं। दूसरी ओर अमर सिंह भी अपने खोये राजनीतिक रसूख को पाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। शिवपाल को जनाधार वाला नेता माना जाता है, उन्होने सपा के संगठन को चलाकर अपनी क्षमता भी दिखाई थी, लेकिन पार्टी चलाने के लिये पैसों की भी जरुरत होती है, जहां अमर सिंह उनकी मदद कर सकते हैं, ऐसे में दोनों के एक-दूसरे की जरुरत है। कहा जा रहा है कि अगर अगले महीने बीजेपी ने अमर सिंह को पार्टी ज्वाइन नहीं करवाया, तो वो शिवपाल के साथ चले जाएंगे।