पहले गांधी को पढा करते थे अमित शाह, नरेन्द्र मोदी ने इस महापुरुष को पढने की दी थी सलाह

अमित शाह कम उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गये, साल 1982 में वो कॉलेज में थे, तो उन्हीं दिनों उनकी मुलाकात नरेन्द्र मोदी से हुई।

New Delhi, Oct 22 : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का आज जन्मदिन है, मौजूदा राजनीति का उन्हें चाणक्य कहा जाता है। कभी गुजरात में आडवाणी जी के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालने वाले अमित शाह के राजनीतिक कौशल के बारे में बताने की शायद ज्यादा जरुरत नहीं है। अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई के एक व्यापारी परिवार में हुआ, वो गुजरात के रईस परिवार से ताल्लुक रखते हैं। राजनीति में आने से पहले शाह गुजरात के मनसा में प्लास्टिक के पाइप का अपना पारिवारिक बिजनेस संभालते थे।

17 साल की उम्र में संघ से जुड़े
अमित शाह कम उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गये, साल 1982 में वो कॉलेज में थे, तो उन्हीं दिनों उनकी मुलाकात नरेन्द्र मोदी से हुई, तब अमित शाह सिर्फ 17 साल के थे, 1983 में वो एवीबीपी से जुड़ गये, अमित शाह को बड़ा राजनैतिक मौका साल 1991 में पहली बार मिला, तब आडवाणी गांधीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, जिसके प्रबंधन की जिम्मेदारी अमित शाह ने संभाला, फिर 1996 में वो वाजपेयी के चुनाव प्रचार का जिम्मा भी संभाल चुके हैं।

पहला विधानसभा चुनाव
अमित शाह ने सबसे पहले 1996 में गुजरात के सरखेज विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता, इसके बाद वो सक्रिय राजनीति में आ गये, 6 साल बाद गुजरात में गृह राज्य मंत्री बनाये गये, 2010 तक ये जिम्मेदारी संभाली। 2013 में नरेन्द्र मोदी के पीएम उम्मीदवार बनाये जाने के बाद उन्हें यूपी का प्रभारी नियुक्त किया गया, तब यूपी में 80 सीटों में बीजेपी के पास 10 सीटें थी, 2014 में बीजेपी अकेले 71 सीटें जीती, इस जीत का श्रेय अमित शाह के प्रबंधन को दिया गया, पार्टी में उनका कद काफी बढ गया।

एक भी चुनाव नहीं हारे
1989 से 2014 तक अमित शाह गुजरात विधानसभा से लेकर विभिन्न स्थानीय निकाय चुनावों में भाग ले चुके हैं, वो अब तक 42 छोटे-बड़े चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन एक बार भी हार नहीं मिली। फिलहाल वो राज्यसभा के सदस्य हैं। अमित शाह के बारे में कहा जाता है कि वो अपने मां के बेहद करीब थे, कितनी भी व्यस्तता होने के बावजूद वो देर रात जब भी घर लौटते थे, तो उनकी मां जग रही होती थीं, फिर चाहें वो कितने ही थके क्यों ना हो, वो कुछ देर अपनी मां के पास जरुर बैठते थे, उनकी मां का निधन साल 2010 में हुआ, उसके कुछ दिनों बाद ही उन्हें जेल जाना पड़ा था।

मां थीं गांधी जी की भक्त
अमित शाह की मां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रशंसक थीं, अपनी मां से ही शाह को गांधी जी के बारे में पढने का शौक जगा, लेकिन जब कॉलेज के दिनों में उनकी नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई, तो उन्होने कहा कि तुम गांधी को पढते रहे, लेकिन साथ ही विवेकानंद को भी पढो, ये तुम्हारी विचार प्रक्रिया को विस्तृत फलक देगा। अमित शाह के बारे में कहा जाता है कि जब वो यूपी के प्रभारी बनाये गये थे, तो पांच घंटे से भी कम सोया करते थे।