इंग्लैंड से पढाई छोड़ पिता की रिहाई के लिये आया था बेटा, नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप

anand mohan

अंशुमन आनंद ने कहा, मैं अपनी उच्च शिक्षा के लिये पिछले साल इंग्लैड गया हुआ था, पापा के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ संघर्ष में साथ देने के लिये मैं एक महीने की छुट्टी पर आया था।

New Delhi, Jan 24 : गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड में पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह उम्र कैद की सजा काट रहे हैं, उनकी रिहाई तथा दूसरे मुद्दों को लेकर 29 जनवरी को पटना में सिंह गर्जना रैली का ऐलान किया गया था, इस रैली को लेकर आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद और उनके बेटे चेतन आनंद तथा अंशुमन आनंद ने लोगों को रैली में आने का न्योता दिया था, लेकिन बढते कोरोना की वजह से प्रदेश सरकार ने कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियों को 6 फरवरी तक के लिये बढा दिया है, इस पर आनंद मोहन के छोटे बेटे अंशुमन आनंद ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है।

मेरे पापा नीतीश के पतन की वजह बनेंगे
अंशुमन आनंद ने कहा, मैं अपनी उच्च शिक्षा के लिये पिछले साल इंग्लैड गया हुआ था, पापा के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ संघर्ष में साथ देने के लिये मैं एक महीने की छुट्टी पर आया था, पापा के साथ हो रहे अन्याय और वादाखिलाफी पर मैं चुप नहीं रहूंगा, मैं वापस आउंगा, लॉकडाउन के बाद सुपौल से जन अभियान की शुरुआत करुंगा, दुनिया जानती है, 1995 से पहले सीएम नीतीश कुमार मात्र नालंदा के नेता थे, जॉर्ज फर्नांडिस और पापा के संघर्षों के दम पर वो बिहार के नेता बने, लेकिन वो एहसान फरामोश निकले, कभी मेरे पापा नीतीश के उत्थान का कारण बने थे, लेकिन आने वाले दिनों में वही उनके पतन की भी वजह होंगे।

23 अप्रैल को सिंह गर्जना रैली
वहीं आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने कहा कि अगले आने वाले 23 अप्रैल को इससे भी ज्यादा लोगों के साथ सिंह गर्जना रैली होगी, उन्होने कहा कि हत्याकांड मामले में आनंद मोहन निर्दोष हैं, निर्दोष होते हुए भी उन्होने 14 साल से ज्यादा समय जेल में काट लिया है, विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ, स्वयं सीएम नीतीश कुमार भी मंच से उनकी रिहाई के बारे में बोलते रहे, लेकिन रिहाई अभी तक नहीं हो पाई है, अब साफ है कि बिहार सरकार उन्हें जेल से बाहर आने नहीं देना चाहती।

कोरोना के बहाने रैली को विफल किया गया
लवली आनंद ने कहा, पूरे देश के लोगों में काफी आक्रोश है, 29 जनवरी को सिंह गर्जना रैली रखी गई थी, इसे लेकर सभी राज्यों को न्योता भी दिया गया था, लोग काफी संख्या में रैली में आने को तैयार थे, हमारी पूरी तैयारी थी, लेकिन कोरोना के बहाने हमारी रैली को विफल करने के लिये बिहार सरकार ने कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियों को 6 फरवरी तक के लिये बढा दिया है, इससे हमारा लक्ष्य नहीं दबने वाला है, हम 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव के दिन पहले से भी ज्यादा तैयारी के साथ रैली करेंगे।