तेज तर्रार अधिकारियों में गिने जाने वाले एएसपी राजेश साहनी ने मंगलवार को विभूतिखंड स्थित एटीएस ऑफिस में कनपटी पर पिस्टल सटाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
New Delhi, May 29 : घरेलू कलह, बीमारी, विभाग से परेशान या फिर कोई और वजह ? यूपी पुलिस के तेज तर्रार अधिकारियों में गिने जाने वाले एएसपी राजेश साहनी ने मंगलवार को विभूतिखंड स्थित एटीएस ऑफिस में कनपटी पर पिस्टल सटाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। एकाएक राजेश साहनी के इस कदम से पूरा पुलिस महकमा हैरान है, उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पुलिस महकमे में हड़कंप
इस घटना की खबर मिलते ही यूपी पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। डीजीपी ओपी सिंह, एडीजी कानून व्यवस्था के अलावा एसएसपी दीपक कुमार समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामले की छानबीन शुरु की, हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिर राजेश साहनी ने ऐसा कदम क्यों उठाया ?
खून से लथपथ तड़प रहे थे साहनी
यूपी पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिये भेज दिया है। आपको बता दें कि विभूतिखंड थाना क्षेत्र स्थित एटीएस मुख्यालय में तैनात एएसपी राजेश साहनी ने मंगलवार को अपनी सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मार ली। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। गोली की आवाज सुनने के बाद ऑफिस में तैनात अन्य पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उनके ऑफिस की तरफ दौड़े, तो उन्होने देखा कि राजेश साहनी खून से लथपथ जमीन पर तड़प रहे थे।
साथी कर्मचारी ने पहुंचाया अस्पताल
राजेश साहनी जब जमीन पर तड़प रहे थे, तो उनके साथी अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें उठा कर लोहिया अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उन्होने दम तोड़ दिया। जब वो अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
2013 में बने थे एएसपी
आपको बता दें कि राजेश साहनी साल 1992 में पीपीएस सेवा में चुने गये थे, साल 2013 में उनका प्रमोशन हुआ था, जिसके बाद उन्हें अपर पुलिस अधीक्षक बनाया गया था। उनके साथ काम करने वाले पुलिसकर्मियों ने बताया कि एटीएस में रहते हुए उन्होने कई ऑपरेशन को सफलता से अंजाम दिया। इस दौरान उन्होने कई आतंकियों को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। उन्हें एटीएस के तेज-तर्रार पुलिस अधिकारियों में गिना जाता था।
पुलिस कर रही जांच
राजेश साहनी की मौत की खबर उनके परिजनों को दे दी गई है, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिये भेज दिया है। फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है, जैसे ही हम केस में आगे बढेगे, उसके बाद आपसे इस केस के बारे में बात करेंगे।
राजेश साहनी के चर्चित केस
23 मई 2018 को राजेश साहनी ने उत्तराखंड मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर आईएसआई एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया था। राजेश साहनी लंबे समय से आतंकी संगठनों के स्लीपर मॉड्यूल के खिलाफ काम कर रहे थे, उन्होने मार्च 2016 में लखनऊ में मारे गये आतंकी के ऑपरेशन को भी लीड किया था।