भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का निधन, पढिये उनसे जुड़े फैक्ट्स

अटल बिहारी वाजपेयी ही पहले विदेश मंत्री थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था।

New Delhi, Aug 16 : भारत रत्न और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की 93 साल की उम्र में निधन हो गया, उन्होने नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था, आपको बता दें कि अटल जी से मिलने के लिये पीएम मोदी खुद पहुंचे थे, साथ ही आज उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी उनसे मुलाकात की थी। उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

पत्रकार से प्रधानमंत्री तक
अटल बिहारी वाजयेयी
जन्म- 25 दिसंबर 1924
जन्म स्थान- ग्वालियर, मध्यप्रदेश
शिक्षा- BA,MA,LLB
पिता का नाम- पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी
माता का नाम- कृष्णा वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी ने विवाह नहीं किया, राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। 1968 से 1973 तक अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के अध्यक्ष रहे, वाजपेयी ने स्वतंत्रता संघर्ष में हिस्सा लिया और वे 1942 में जेल गए। 1975-77 में आपातकाल के दौरान अटल जी को बन्दी बनाया गया था। राजनीतिक जीवन 1955 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, पर सफलता नहीं मिली। 1959 में बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे। 1957 से 1977 जनता पार्टी की स्थापना तक अटल जी बीस वर्ष तक लगातार जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे।

मोरारजी देसाई की सरकार में वह 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे। 1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर इन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी। 6 अप्रैल, 1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद का दायित्व भी वाजपेयी जी को सौंपा गया. अटल बिहारी वाजपेयी दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए। अटल बिहारी वाजपेयी ने सन् 1996 में प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली. पहली बार 16 से 31 मई, 1996 तक वे प्रधानमंत्री रहे। 19 मार्च, 1998 को फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 13 दलों की गठबंधन की सरकार ने पांच वर्षों में कई आयाम छुए। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह के बाद अटल बिहारी वाजपेयी सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे हैं।

1999 का कारगिल युद्ध और 2001 में संसद पर हमला उनके कार्यकाल में ही हुआ। अटल ही पहले विदेश मंत्री थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था। अटल जी ने ही सौ साल से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया। दिल्‍ली से लाहौर के बीच बस सेवा शुरू की ।
पुरस्कार
वाजपेयी को उनकी राष्ट्र की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 1992 में पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्‍हें लोकमान्य तिलक पुरस्कार और सर्वोत्तम सांसद के लिए भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत पुरस्कार भी मिला।
1993 में उन्हें कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा फिलॉस्फी की मानद डाक्टरेट उपाधि प्रदान की गई। 2015 डी लिट (मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय)
2015 : ‘फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड’, (बांग्लादेश सरकार द्वारा प्रदत्त)
2015 : भारतरत्न से सम्मानित