नीतीश से सीटों के समझौते के बाद बीजेपी को झेलनी पड़ सकती है बगावत, इन सांसदों का टिकट कटना तय

बीजेपी हाईकमान के इस फैसले के बाद कई सांसद बगावत भी कर सकते हैं, और पाला बदल सकते हैं।

New Delhi, Nov 02 : बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अमित शाह ने ऐलान कर दिया है, कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी-जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी, पार्टी हाईकमान के इस फैसले के बाद बिहार बीजेपी के नेताओं में बेचैनी है। आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी 29 सीटों पर चुनाव लड़कर 22 जीतने में सफल रही थी, लेकिन इस बार 16 या 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यानी 6 सीटिंग सांसदों के टिकट कटना तय है।

शत्रुघ्न और कीर्ति आजाद पहले ही बागी बने हुए हैं
कहा जा रहा है कि बीजेपी हाईकमान के इस फैसले के बाद कई सांसद बगावत भी कर सकते हैं, और पाला बदल सकते हैं, बीजेपी के दो पुराने सांसद पटना साहिब से शॉटगन और दरभंगा से कीर्ति आजाद पहले ही बागी रुख अख्तियार किये हुए हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने तो खुलेआम ऐलान कर रखा है कि वो पटना साहिब सीट नहीं छोड़ेंगे, चाहें पार्टी कोई और ही क्यों ना हो, वो चुनाव इसी सीट से लड़ेंगे। कीर्ति आजाद के बारे में भी कहा जा रहा है कि वो दरभंगा से महागठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं।

ये भी हो सकते हैं बागी
इन दोनों दिग्गजों के अलावा मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद भी बगावत पर उतर सकते हैं, क्योंकि ये सीट पारंपरिक तौर पर जदयू की रही है, इस बार भी माना जा रहा है कि ये जदयू के खाते में जाएगी, अजय निषाद से पहले उनके पिता कैप्टन जय नारायण निषाद 1998, 1998 और साल 2009 में इस सीट से सांसद रहे हैं, 1998 में राजद और 1999 और 2009 में जदयू से चुनाव लड़ा था, फिर 2014 में उन्होने पाला बदल बीजेपी में शामिल हो गये, नरेन्द्र मोदी को पीएम बनवाने के लिये उन्होने यज्ञ भी किया था। जय नारायण निषाद की जगह बीजेपी ने उनके बेटे को टिकट दिया, सीट खतरे में पड़ता देख अजय निषाद इन दिनों जदयू से नजदीकियां बढाने में लगे हुए हैं, माना जा रहा है कि जदयू से उन्हें ही टिकट मिलेगा, इस इलाके में इनकी व्यक्तिगत पकड़ होने के साथ ही निषाद वोटरों की अच्छी संख्या है, इसलिये जदयू इन पर दांव लगा सकती है।

आर के सिंह को किया जा सकता है शिफ्ट
आरा संसदीय सीट पर भी जदयू ने अपना दावा ठोका है, इस सीट से केन्द्रीय मंत्री आर के सिंह सांसद हैं, कहा जा रहा है कि आरके सिंह को सुपौल शिफ्ट किया जा सकता है, वो मूल रुप से सुपौल के ही रहने वाले हैं, आर के सिंह के साथ एक प्लस प्वाइंट ये भी है कि वो नीतीश के गुड लिस्ट में शामिल हैं, आपको बता दें कि राजकुमार सिंह आईएएस अधिकारी रहे हैं, नीतीश ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल होने का पहले भी न्योता दिया था, अगर आरा सीट जदयू के खाते में जाती है और आरके सिंह इस सीट से चुनाव लड़ना चाहें, तो संभव है कि नीतीश उन्हें मना नहीं करेंगे।

इनका टिकट भी है खतरे में
सारण (छपरा) सीट से सांसद राजीव प्रताप रुढी, पश्चिमी चंपारण से संजय जायसवाल, बाल्मीकि नगर से सतीश चंद्र दूबे, झंझारपुर से बीरेन्द्र चौधरी और सिवान से ओ पी यादव के भी टिकट काटे जाने की चर्चा है, अगर इनका टिकट काटा जाता है, तो बीजेपी हाईकमान को इन नेताओं का विरोध झेलना पड़ सकता है, हालांकि पार्टी इनके लिये दूसरे रोल की तलाश कर रही है।