यूपी के लिये योगी है उपयोगी, यूं ही नहीं गढ दिया नया नारा, Inside Story

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2017 में बीजेपी अपने सहयोगी अपना दल एस और एसबीएसपी के साथ मिलकर 403 में से 325 सीटें जीती थी, 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी हाईकमान इस चुनाव को उसकी तैयारी के रुप में देख रहे हैं।

New Delhi, Jan 09 : यूपी में चुनावी बिगुल बज चुका है, 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी में इस बार करीब 15 करोड़ वोटर पहली बार वोट करेंगे, चुनाव तो वैसे 5 राज्यों में होने हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा यूपी की है, यूपी का रिकॉर्ड रहा है, पिछले 3 दशक से कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं लौटी है, ऐसे में योगी आदित्यनाथ के पास इस रिकॉर्ड को तोड़कर इतिहास रचने का मौका है। वैसे भी यूपी की राजनीति में कहा जाता है कि जो मुख्यमंत्री रहते नोएडा गया, उसकी सरकार चली गई, अखिलेश अपने कार्यकाल में एक बार भी नोएडा नहीं गये, फिर भी सरकार नहीं बचा सके, लेकिन योगी ने इस मिथक को तोड़ा और एक बार नहीं बार-बार नोएडा गये।

योगी पहली पसंद क्यों
2017 में बीजेपी अपने सहयोगी अपना दल एस और एसबीएसपी के साथ मिलकर 403 में से 325 सीटें जीती थी, 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी हाईकमान इस चुनाव को उसकी तैयारी के रुप में देख रहे हैं, इसे जीतकर वो एक मनोवैज्ञानिक लाभ लेने की पूरी कोशिश करेंगे। यही वजह है कि अमित शाह, मोदी और नड्डा की तिकड़ी यूपी में खूब पसीना बहा रहे हैं। योगी का सबसे बड़ा समर्थन खुद मोदी से आया, जब उन्होने हाल ही में यूपी प्लस योगी बहुत है उपयोगी का नारा गढा।

कानून-व्यवस्था
सीएम ने जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन किये, माफिया और अपराधियों पर कार्रवाई की, भले ही मुठभेड़ों पर सवाल उठते रहे, लेकिन उनकी छवि ने इस पर पर्दा डाल दिया, सीएम पर भाई-भतीजावाद का कई आरोप नहीं है, हालांकि कई बार उन पर उच्च जाति के ठाकुरों को बढावा देने का आरोप लगाया जाता है, हालांकि आरोपों को पूरी तरह से ठीक नहीं कहा जा सकता, क्योंकि मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) समेत सरकार के शीर्ष अधिकारी ब्राह्मण हैं, जबकि डीजीपी वैश्य समुदाय से हैं।

दूसरे प्रदेशों में भी योगी की पूछ
लगभग हर राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव के प्रचार में योगी की उपस्थिति की मांग की है, yogi (1) अपराध और भू-माफिया के खिलाफ उनके रुख और विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की तस्वीरें प्रदर्शित करने के उनके निर्देश ने उनकी छवि को एक सख्त नेता के रुप में स्थापित किया और उन्होने विकास लक्ष्यों को पूरा करते हुए लगातार भगवा एजेंडे को बरकरार रखा।