कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को इन चुनावों में पटखनी देने के लिये बांगड़े की अगुवाई वाले पैनल को शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने भी समर्थन दिया है, सत्तार प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं।
New Delhi, Jan 24 : महाराष्ट्र में अजब-गजब सियासत देखने को मिल रही है, प्रदेश की महाविकास अघाड़ी सरकार को शिवसेना चला रही है, एनसीपी तथा कांग्रेस समर्थन दे रही है, लेकिन औरंगाबाद में इसी शिवसेना ने विपक्षी बीजेपी से हाथ मिला लिया, ताकि कांग्रेस को हराया जा सके, आइये विस्तार से बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।
क्या है मामला
औरंगाबाद की दुग्ध उत्पादक समिति का चुनाव हुआ, अपने आप को प्रतिष्ठित समझी जाने वाली इस समिति की 14 सीटों के लिये रविवार को मतदान हुआ, इनमें से 6 सीटें जिस पैनल ने जीती है, उसे बीजेपी के साथ-साथ शिवसेना का भी समर्थन हासिल है, इसके बाद समिति के अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े की ताजपोशी तय हो गई, हरिभाऊ बीजेपी के नेता हैं, पूर्व में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
विधायक ने भी दिया समर्थन
हरिभाऊ बांगड़े ने खुद भी चुनाव लड़ा था, उन्हें भी निकटतम प्रतिद्वंदी सुरेश पठाड़े के 65 वोटों की तुलना में कुल 275 वोट मिले, टीओआई के मुताबिक कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को इन चुनावों में पटखनी देने के लिये बांगड़े की अगुवाई वाले पैनल को शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने भी समर्थन दिया है, सत्तार प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं।
फिर साथ आ सकते हैं
यहां दो विरोधाभासी लेकिन दिलचस्प चीजों को भी याद किया जा सकता है, पहला अब्दुल सत्तार का बयान, जो उन्होने पिछले दिनों कहा था, जिसमें उन्होने संकेत दिया था कि महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी फिर साथ आ सकती है, दूसरी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का बयान, जो उन्होने इसी रविवार को दिया है, बाल ठाकरे की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उद्धव ने शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा था, बीजेपी की नीति सहयोगियों का इस्तेमाल करो और छोड़ दो वाली है, शिवसेना ने उनके साथ गठबंधन करके अपने 25 साल बर्बाद कर दिये।
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