3 प्राइवेट पार्ट वाले बच्‍चे के जन्‍म से सन्‍न हुए माता-पिता, डॉक्‍टरों ने बताई ऐसी बात कि उड़ गए सबके होश  

डॉक्‍टरों के अनुसार ऐसी समस्‍या पिछले 600 सालों से महज 100 बार ही नजर आई हे, हालांकि इस मामले में बच्‍चे की सर्जरी कर दी गई हे ओर बच्‍चा अब पूरी तरह से स्‍वस्‍थ है ।

New Delhi, Sep 07 : साल 2015 में यूपी के एक घर में ऐसे बच्‍चे का जन्‍म हुआ जिसे देखकर माता-पिता सनना रहे गए । पड़ोसी घर में बच्‍चे को देखने पहुंचे तो उनकी भी आंखें फटी की फटी रह गईं । ऐसा बच्‍चा ना पहले किसी ने देखा था, ना सुना था । बच्‍चा जन्‍मजात एक ऐसी बीमारी से ग्रसित था जिसका इलाज भी संभव नजर नहीं आ रहा था । माता-पिता ने हिम्‍मत कर उसे डॉक्‍टरों को दिखाया और तब जाकर इस बीमारी की जड़ तक पहुंचकर इसे जड़ से ठीक किया गया ।

डिफालिया से पीडि़त था बच्‍चा
दरअसल ये बच्‍चा जन्‍मजात डिफालिया नाम की बीमारी से पीडि़त था । डिफालिया, मेडिकल भाषा में इसे उस समस्‍या के लिए इसतेमाल किया जाता हे जिसमें एक शख्‍स के दो या इससे अधिक प्राइवेट पार्ट होते हैं । इस बच्‍चे ने तीन प्राईवेट पार्ट के साथ जन्‍म लिया था । इस बच्‍चे का मल द्वार भी नहीं था जिसकी वजह से वो मल त्‍यागने में भी समर्थ नहीं था । डॉक्‍टरों ने इसके लिए बच्चे के पेट से एक ट्यूब को जोड़ा, जिसके बाद वो  अप्राकृतिक तरीके से मल त्यागने में समर्थ हो पाया ।

बच्‍चे का इलाज मुश्किल भरा
बच्‍चे की एक समस्‍या तो हल हुई लेकिन मूल समस्‍या अब भी जस की तस बनी हुई थी । बच्‍चे के जन्‍म के एक साल बाद तक माता-पिता दर-दर की ठोकरें खाते रहे । आखिरकार उन्‍हें उनके मुंबई में रहने वाले एक रिश्‍तेदार ने अपने घर बुलाया अज्ञैर बीएमसी के सायन अस्‍पताल में बच्‍चे को एडमिट कराया गया । डॉक्‍टरों ने सर्जरी द्वारा बच्‍चे के निजी अंगों को ठीक करने का फैसला किया था ।

लंबी सर्जरी के बाद बच्‍चा सुरक्षित
अस्‍पताल में प्रशिक्षित डॉक्‍टरों की टीम ने बच्‍चे के ऑप्‍रेशन की तैयारी की और बहुत ही कुशल तरीके से दो निजी अंगों को शरीर से अलग कर दिया गया । डिफालिया की भारत में ये पहली सर्जरी थी । अनोखी और सफल । डॉक्‍टरों की पूरी टीम को बहुत बधाई दी गई । माता-पिता को भी मानों एक नई जिंदगी मिल गई । डॉक्‍टरों ने बताया कि बच्‍चे के तीन प्राईवेट पार्ट नहीं बल्कि दो ही थे, एक मांस का लोथड़ा था जिसे काटकर बअलग कर दिया गया ।

सामान्‍य पुरुष की तरह जीवन कर सकता है व्‍यतीत
बच्चे की सर्जरी करने वाले पीड्रियाटिक सर्जन डॉक्‍टर विशेष दीक्षित के मुताबिक ये बच्चा बड़ा होकर साधारण पुरुषों की तरह महिला के साथ संबंध भी बना पाएगा और वह पिता भी बन सकेगा । बच्‍च्‍े के दो अंगों को एक साथ जोड़ दिया गया । एक जानकारी के अनुसार साल 1609 से 2015 के बीच पूरी दुनिया में ऐसे मामलों की कुल संख्या केवल 100 ही रही है । ये बीमारी 60 लाख बच्‍चों में से किसी एक को होती है ।