कोविड-19 ने एक बार फिर देश को अपनी चपेट में ले लिया है, केसेज घटने की जगह बहुत तेजी से बढ़ने लगे हैं । जानें लॉकडाउन को लेकर सरकार की क्या योजना है ।
New Delhi, Apr 03: कोरोना फिर लौट आया है, मामले थमते-थमते बढ़ने लग गए हैं । पूरे देश में जहां केसेस 10 हजार तक जा पहुंचे थे वो अब 1 लाख के आंकड़े को छूने वाले है । अब सबके मन में यहीं सवाल है कि क्या एक बार फिर लॉकडाउन की जरूरत आन पड़ी है । सवाल ये भी है कि पूरे देश में नहीं तो क्या उन राज्यों में लॉकडाउन लग सकता है जहां कोरोना विस्फोट हो रहा है । दिल्ली-महाराष्ट्र-पंजाब जैसे राज्यों में स्थिति गंभीर होती जा रही है । आगे जानें कोरोना प्रभावित राज्यों के हाल ।
दिल्ली में बैठक
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली की बात करें तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक आपात बैठक की, बैठक के बाद केजरीवाल ने साफ कर दिया कि दिल्ली सरकार का लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है । आने वाले समय में स्थिति देखकर लोगों से बातचीत करके ही निर्णय लिया जाएगा । केजरीवाल ने कहा कि- “दिल्ली ने सबसे ज्यादा मुश्किल कोरोना की स्थिति में एनकाउंटर किया है, देश के लिए कोरोना की ये दूसरी लहर हो सकती है लेकिन दिल्ली के लिए ये चौथी वेव है।”
महाराष्ट्र के हाल
वहीं बात करें महाराष्ट्र की तो इस राज्य में मुंबई सबसे ज्यादा प्रभावित है, इसके बाद पुणे शहर का बुरा हाल है । पुणे में आंशिक लॉकडाउन लगा दिया गया है, यहां एक सप्ताह के लिए शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है । मॉल और सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट, खाने की दुकानें सब बंद रहेंगे । स्कूल कॉलेज 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिए गए हैं । परेशान करने वाली बात ये कि कोरोना के जितने केस पूरे देश से आ रहे हैं उसका आधा हिस्सा महाराष्ट्र से ही पूरा हो रहा है । ऐसे में राज्य सरकार लॉकडाउन पर विचार कर रही है, लेकिन NCP इसके पक्ष में नहीं । वहीं राज्य में बीजेपी भी महाराष्ट्र में लॉकडाउन के खिलाफ है।
यूपी में भी सख्ती
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कक्षा आठ तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 11 अप्रैल तक बंद रखने के निर्देश दे दिए हैं । मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की । बैठक के बाद सीएम ने निर्देश दिए हैं कि, “सभी जिलों में अधिकारी तय करें कि कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के स्कूल में आगमन के दौरान स्कूलों में कोविड प्रोटोकल का सख्ती से पालन हो. अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने में जरा भी संकोच न करें।”
केन्द्र सरकार भी चिंता में…
वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों ने केन्द्र सरकार को भी चिंतित कर दिया है । कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कोरोना की स्थिति पर शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की । बैठक के दौरान विशेष तौर पर 11 राज्यों – महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु और चंडीगढ़ को लेकर बात की गई । महाराष्ट्र की हालत पर विशेष रूप से बात की गई । 31 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 14 दिनों में इन्हीं 11 राज्यों में कोरोना के 90 फीसदी मामले आए हैं. वहीं, कुल 90.5 फीसदी मौतें भी इन्हीं राज्यों में हुई हैं । सभी राज्यों को संक्रमण रोकने के लिए 8 सूत्री कदम उठाने को कहा गया है, इस बार अधिक सख्ती बरतने के आदेश दिए गए हैं ।