ऑपरेशन थिएटर में लापरवाही के कई मामले आपने सुने होंगे लेकिन ये घटना दिल दहलाने वाली है । तेलंगाना में हुई इस डिलीवरी की घटना ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए ।
New Delhi, Dec 23: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले के अछमपेट अस्पताल में हुई एक दर्दनाक घटना ने लोगों के होश फाख्ता कर दिए । यहां प्रसव के लिए आई नादिमपल्ली गांव की 23 वर्षीय युवती को 18 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था । डॉक्टरों के मुताबिक युवती की नॉर्मल डिलीवरी होनी थी । परिवार को भरोसा दिया गया था कि युवती के साथ कोई मेडिकल प्रॉब्लम नहीं है, सब कुछ सही होगा ।
डिलीवरी की प्रक्रिया के बीच ही कर दिया रेफर
23 साल की स्वाति के रिश्तेदारों को डॉक्टरों ने कहा था कि वो उसे डिलीवरी के लिए ले जा रहे हैं , लेकिन उसे प्रक्रिया के बीच में ही रेफर कर दिया गया । स्वाति ने पूरी घटना के बारे में खुद ही जानकारी देते हुए कहा कि अछमपेट अस्पताल में पहले उसे एक इंजेक्शन दिया गया, फिर लेबर रूम ले गए । वहां वहां डॉक्टर सुधा रानी दो अन्य पुरुष डॉक्टरों के साथ मेरी डिलीवरी करा रही थीं । लेकिन कुछ देर बाद ही उसे कहा गया कि उसकी कंडीशन बिगड़ गई है और उसे हैदराबाद के पेटलाबुर्ज मैटरनिटी अस्पताल में रेफर किया जा रहा है ।
दूसरे अस्पताल में डॉक्टरों ने किया खुलासा
जब स्वाति को दूसरे अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों ने बताया कि अछमपेट अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी नहीं कराई गई, स्वाति का सिजेरियन हो रहा था तभी बच्चे का सिर कट गया है । परिवार ये जानकर हैरान रह गया कि बच्च्े को धड़ अब भी गर्भवती के शरीर में ही छोड दिया गया था । हैदराबाद के पेटलाबुर्ज अस्पताल के डॉक्टरों ने इसके बाद वापस ऑपरेशन करके स्वाति के गर्भ से सिर कटे हुए बच्चे का धड़ निकाला ।
अछमपेट अस्पताल में हुई जमकर तोड़फोड़
घटना का जब खुलासा हुआ तो नाराज स्वाति के रिश्तेदारों ने नागरकुरनूल जिले के अछमपेट अस्पताल में जमकर तोड़फो़ड़ की । अस्पताल के फर्नीचर तोड़ दिए । परिजनों ने मामले में जिलाधिकारी और जिले के मेडिकल हेल्थ ऑफिसर से शिकायत की । डॉक्टर सुधा रानी को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया, और मामले में जांच कमेटी बनाई गई है ।