कार की अगली सीट पर बेटी की लाश रख पिता ने किया सफर, मजबूरी जानकर आप भी दर्द से कराह उठेंगे

father carry daughter dead body (2)

कोरोना से पीपीडि़त मरीजों की मौत के बाद भी परिजनों का संघर्ष कम नहीं,  ये खबर मरती मानवता के गाल पर किसी तमाचे से कम नहीं ।

New Delhi, May 26: कोरोना की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार मचा रखा है, हर राज्‍य में मेडिकल फैसिलिटीज इस बीमारी के आगे दम तोड़ रही है । आंकड़े भले सुधर रहे हैं, लेकिन व्‍यवस्‍था जस की तस बनी हुई है । अस्पतालों में मरीज अब भी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं । लेकिन ये समस्‍या यहीं तक नहीं है, मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों का संघर्ष भी कम नहीं, ऐ तो दुख का पहाड़ ऊपर से भ्रष्‍टाचार से लबरेज व्‍यवस्‍था । कुछ ऐसा ही हाल राजस्‍थान में इस पिता का भी हुआ ।

कार की सीट पर बेटी का शव
राजस्‍थान के कोटा में दिल को चीरने वाला एक ऐसा ही मामला सामने आया है । यहां बेटी की मौत के बाद पिता को उसका शव अपनी ही कार की अगली सीट पर रख कर घर लाना पड़ा । दरअसल मामले में परिजनों का आरोप है कि मरीज की मौत के बाद शव को वार्ड से बाहर लाने के लिए वार्डबॉय द्वारा रुपए मांगे जा रहे थे, रुपए न देने पर वार्डबॉय शव को हाथ तक नहीं लगाते । इतना ही नहीं, अस्पताल में खड़े एम्बुलेंस चालक शव भी शव को श्मशान तक पंहुचाने का मनमाना किराया वसूल रहे है । ऐसे में पीड़ित परिजन किसी तरह से खुद ही शव को शमशान तक लेकर जा रहे हैं ।

क्‍या है मामला ?
इस बेबस पिता का जब वीडियो सामने आया तो सब हैरान थे, दुख महसूस कर पा रहे थे । मृतक युवती के मामा मधुराजा ने मामले में पूरी जानकारी देते हुए बताया कि उनकी 34 वर्षीय भांजी सीमा को कोरोना पॉजिटिव आने पर 24 अप्रैल को नए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, यहां उसे आईसीयू में हाई फ्लो ऑक्सीजन पर रखा गया था । 3 दिन पहले उसे सामान्य वार्ड में शिफ्ट करने को कहा । परिवार स्टाफ और डॉक्टर से कहता रहा कि उसे ऑक्सीजन की जरूरत है, आईसीयू में ही रखने दें । लेकिन दूसरे गंभीर मरीज को शिफ्ट करने की बात कहकर सीमा को नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन वहां ऑक्सीजन सप्लाई प्रॉपर न होने के कारण उसकी तबीयत बिगड़ने लगी ओर रविवार को मौत हो गई ।

जमकर भ्रष्‍टाचार
मृत युवती के माम ने बताया कि सीमा का शव बाहर लाने के लिए हर आदमी को पैसे देने पड़े । शव वार्ड से बाहर लाने के लिए वार्ड बॉय ने 1 हजार रुपए की डिमांड की । पैसा न देने पर उसने शव को हाथ तक नहीं लगाया, शव को स्ट्रेचर परfather carry daughter dead body (2) खुद ही लाया गया, फिर जैसे तैसे सीमा के पिता ने कंधे पर शव रखकर गाड़ी तक पहुंचाया। यहां खड़े एम्बुलेंस चालक ने शव को झालावाड़ ले जाने के 35 हजार तो वहीं दूसरे ने 18 हजार तो तीसरे ने 15 हजार रुपए मांगे । जिसके बाद सीमा के पिता ने खुद की कार से बेटी का शव को ले जाने का फैसला किया, कार की आगे की सीट पर शव को रखा उसे सीट बेल्ट से बांधा और झालावाड़ लेकर पहुंचे । उस क्षेत्र में कई लोगों को ऐसा करना पड़ रहा है ।