टीम इंडिया के कप्तान से छिनी डीएसपी की नौकरी, अब जा सकती हैं जेल

हरमनप्रीत कौर से कोई बात नहीं हो पाई है, उनके मैनेजर ने दावा करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस की ओर से उन्हें डीएसपी की नौकरी से बर्खास्त करने की कोई चिट्ठी अब कर नहीं मिली है।

New Delhi, Jul 10 : भारतीय महिला टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को एक बड़ा झटका लगा है, पंजाब पुलिस ने महिला क्रिकेटर को दी गई डीएसपी की रैंक छीन ली है। आपको बता दें कि हरमनप्रीत कौर की ग्रेजुएशन डिग्री फर्जी पाई गई थी, अब उन्हें सिर्फ 12वीं पास ही माना जाएगा। ऐसे में पंजाब पुलिस में डीएसपी रैंक के वो काबिल नहीं है, खबरों के अनुसार उन्हें 12वीं पास होने के नाते कांस्टेबल की नौकरी दी जा सकती है।

अच्छे प्रदर्शन का मिला था ईनाम
आपको बता दें कि आईसीसी महिला विश्वकप में शानदार प्रदर्शन करने के बाद हरमनप्रीत कौर को पंजाब सरकार ने पुलिस में डीएसपी पद पर नियुक्त किया था, हालांकि उनकी ये खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी, जब उन्हें डीएसपी पद ऑफर किया गया था, तब भी काफी विवाद हुआ था, उन्हें रेलवे रिलीव ही नहीं कर रहा था, जिसके बाद उनके पिता का लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

धोखाधड़ी का केस
जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि महिला क्रिकेटर की ग्रेजुएशन की डिग्री का मेरठ की चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में रिकॉर्ड दर्ज नहीं है। इसी वजह से उनके डीएसपी रैंक पर तलवार लटक गई है, क्योंकि इस पद के लिये ग्रेजुएट होना जरुरी है। इतना ही नहीं हरमनप्रीत पर धोखाधड़ी का केस भी दर्ज हो सकता है।

मैनेजर ने क्या कहा ?
फिलहाल इस मामले में हरमनप्रीत कौर से कोई बात नहीं हो पाई है, उनके मैनेजर ने दावा करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस की ओर से उन्हें डीएसपी की नौकरी से बर्खास्त करने की कोई चिट्ठी अब कर नहीं मिली है, साथ ही मैनेजर ने ये भी दावा करते हुए कहा कि उनकी डिग्री फर्जी नहीं है।

रेलवे की नौकरी को लेकर भी विवाद
आपको बता दें कि विश्वकप 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रनों की शानदार पारी खेलने वाली हरमनप्रीत नौकरी की वजह से पहले भी विवादों में रह चुकी हैं, पंजाब के मोगा की रहने वाली हरमनप्रीत को 1 मार्च 2018 को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने प्रदेश पुलिस में डीएसपी के रुप में ज्वाइन कराया था। पंजाब पुलिस में ज्वाइन करने से पहले वो पश्चिम रेलवे में कार्यरत थी, वहां उनका 5 साल का बांड था, इसके बावजूद उन्होने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था।

रेलवे नहीं कर रहा था रिलीव
हरमनप्रीत कौर को रेलवे में नौकरी करते हुए तीन साल ही हुए थे, ऐसे में बांड की शर्तो के अनुसार उन्हें पांच साल का वेतन रेलवे को वापस देना था, इसी वजह से रेलवे उन्हें रिलीव नहीं कर रहा था। हालांकि बाद में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले को रेल मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष उठाया, जिसके बाद रेलवे ने उन्हें रिलीव कर दिया और उन्होने पंजाब पुलिस में नौकरी ज्वाइन की।

पिता ने जांच को बताया गलत
महिला क्रिकेटर के पिता ने इस जांच को गलत ठहराया है, उनकी कहना है कि उनकी बेटी की डिग्री सही है, हरमनप्रीत ने इसी डिग्री के आधार पर रेलवे में नौकरी की, अब ये कैसे फर्जी हो सकती है, हरमिंदर सिंह ने कहा कि वो खुद मेरठ जाकर सच पता लगाएंगे। आपको बता दें कि हरमनप्रीत की डिग्री रेगुलर थी, या पत्राचार से की गई, पिता ने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।