अटल जी के ‘हनुमान’ अभी भी हैं उनके निधन की खबर से अनभिज्ञ

अटल सरकार में विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय संभाल चुके जसवंत सिंह का कुछ साल पहले ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसकी वजह से वो कोमा में चले गये थे।

New Delhi, Aug 20 : पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इस दुनिया से विदा हो गये, 93 साल की उम्र में उन्होने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। शुक्रवार को अटल जी का अंतिम संस्कार किया गया, अब उनकी अस्थियां भी गंगा में प्रवाहित की जा चुकी है, अटल जी के देहावसान की खबर सुन देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले उनके प्रशंसक भी दुखी हैं, इन सबके बीच एक शख्स ऐसा भी है, जिन्हें अब तक अटल जी के निधन की जानकारी नहीं दी गई है।

जसवंत सिंह को नहीं पता
अटल जी की सरकार में विदेश और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके जसवंत सिंह खुद बीमारी से लड़ रहे हैं, वो अस्पताल में हैं, इसी वजह से उन्हें अब तक अटल जी की मौक के बारे में नहीं बताया गया है। जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह सिंह ने एनडीटीवी के लिये लिखे एक ब्लॉग में इस बात की जानकारी दी है।

स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर
मानवेंद्र सिंह ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि उनके पिता अस्पताल में भर्ती हैं, इसी वजह से उन्होने अब तक अपने पिता को इस बात की जानकारी नहीं दी है कि अटल जी इस दुनिया में नहीं रहे, मानवेंद्र ने लिखा है कि उनके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, अगर ऐसे में उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी जी के बारे में बताया गया, तो संभव है कि उन्हें झटका लग सकता है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर हो सकता है, इसी वजह से उनसे ये जानकारी छुपाई गई है।

कोमा में चले गये थे
मालूम हो कि वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय संभाल चुके जसवंत सिंह का कुछ साल पहले ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसकी वजह से वो कोमा में चले गये थे, तब से वो लगातार डॉक्टरों की निगरानी में हैं। मानवेंद्र सिंह ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि जिन्ना पर लिखी किताब पर दिये गये बयान की वजह से उनके पिता जी को बीजेपी से बाहर कर दिया गया था, तब वाजपेयी जी ही थे, जिन्होने ना सिर्फ जसवंत सिंह को मिलने के लिये बुलाया और इस फैसले के खिलाफ गुस्सा भी जाहिर किया। मानवेंद्र ने दावा किया कि वाजपेयी जी ने तब मेरे पिताजी से कहा था, मैं उसे सार्वजनिक नहीं कर सकता।

वाजपेयी -आडवाणी जैसी दोस्ती नहीं देखी
इस ब्लॉग में जसवंत सिंह के बेटे ने पिता के हवाले से लिखा है कि मेरे पिता अकसर कहा करते थे कि भारतीय राजनीति में मैंने अटल-आडवाणी जैसी दोस्ती नहीं देखी। मेरे पिताजी के साथ भी अटल जी का अटूट रिश्ता रहा, मेरे पिताजी वाजपेयी सरकार में संकटमोचक की भूमिका में थे, जिसकी वजह से अटल जी उन्हें मजाक से हनुमान कहते थे। लेकिन अब वो इस दुनिया से विदा हो गये, तो पिताजी ऐसी स्थिति में हैं, कि उन्हें हम बता भी नहीं सकते कि उनके प्रिय अटल जी अब इस दुनिया में नहीं रहे।