दुबारा खोया रुतबा पाने की कोशिश में हैं अमर सिंह, जया प्रदा इस तरह उनकी करेगी मदद

अमर सिंह का अभी चार साल का राज्यसभा कार्यकाल बचा है, वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

New Delhi, Sep 04 : अमर सिंह पिछले दो दशक के सियासी सफर में कई उतार-चढाव देखे, गुरुवार को रामपुर पहुंचे अमर सिंह ने यहां प्रेस कांफ्रेस की, इसके साथ ही उन्होने कई संकेत भी दे दिये। राज्यसभा सांसद करीब एक दशक बाद रामपुर आये थे, इससे पहले 2009 आम चुनाव में रामपुर पहुंचे थे, तब जया प्रदा यहां से चुनाव लड़ रही थी, उस दौर में अमर सिंह का बड़ा बोल-बाला था, वो दौर अमर-मुलायम जुगलबंदी का था, समाजवादी पार्टी में उनकी ऐसी धाक थी, कि उन्होने अपने पुराने प्रतिद्वंदी आजम खान को पार्टी से किनारे लगा दिया था।

दुबारा रुतबा पाने की कोशिश
10 साल बाद हालात ऐसे हैं, कि अमर सिंह को सपा से निकाला जा चुका है, जबकि आजम खान अखिलेश सरकार में पांच साल मंत्री रहे, उनकी पत्नी सपा से राज्यसभा सांसद हैं, तो बेटा भी विधायक है। इतने सालों बाद रामपुर लौटे अमर सिंह अपना रुतबा दुबारा हासिल करने के लिये बेताब हैं, हालांकि आजम खान के खिलाफ यहां उनकी रणनीति और हालात कुछ पिछली बार जैसी ही लगती है।

आजम ने जया प्रदा को दिया था न्योता
रामपुर के सियासी हालात को जानने के लिये आपको 15 साल पीछे 2004 में जाना होगा, तब आजम ने एक्ट्रेस जया प्रदा को रामपुर सीट से चुनाव लड़ने का न्योता दिया था, दरअसल वो कांग्रेस उम्मीदवार बेगम नूर बानो को हराने के लिये एक सेलिब्रिटी चेहरा चाहते थे। जिसमें जया प्रदा बिल्कुल फिट बैठती थीं, जया प्रदा ने 2004 में जीत हासिल की, और आजम खान ने रामपुर के नवाब खानदान को जमीनी हकीकत से रुबरु करा दिया था।

अमर सिंह के करीब पहुंची
हालांकि आजम और जया प्रदा का रिश्ता जल्द ही तल्ख हो गये, जिसके बाद जया प्रदा अमर सिंह के साथ हो गई, क्योंकि उन्होने ही उनकी सपा में एंट्री कराई थी। मुलायम सिंह यादव से तमाम शिकायतें करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होता था, फिर 2009 चुनाव से ठीक पहले आजम सपा से बाहर निकल गये। इसके बाद जया प्रदा एक बार फिर चुनावी मैदान में थी, इस बार नूर बानो के साथ-साथ आजम खान भी सामने थे, लेकिन अमर सिंह के प्रबंधन से जया प्रदा फिर से चुनाव जीत संसद पहुंचने में सफल रही।

2019 में फिर एक बार आजम बनाम जया प्रदा
आपको बता दें कि अमर सिंह का अभी चार साल का राज्यसभा कार्यकाल बचा है, वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन वो अपने लिये चुनौती मान रहे हैं कि किसी तरह जया प्रदा को संसद पहुंचाना है, इसके लिये वो फिर से रामपुर का रुख कर रहे हैं, दरअसल अगर आजम खान के क्षेत्र से जया प्रदा को लोकसभा भेजने में सफल रहे, तो उनका रुतबा भी बढेगा। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने रामपुर से जया प्रदा को टिकट देने की बात फाइनल कर दी है, इसी वजह से अमर सिंह और जया प्रदा दोनों आजम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।