राम मंदिर – सुप्रीम कोर्ट में फैसला टलने के बाद कपिल सिब्बल का बड़ा बयान, 4 साल कहां सो रहे थे ?

कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार राम मंदिर पर कानून लाना चाहती है, तो वो कानून ला सकती है। कांग्रेस उसे रोक नहीं रही है।

New Delhi, Oct 31 : अयोध्या मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि मामला नये साल में सुना जाएगा, अह इस मामले पर नेताओं और अन्य लोगों की बयानबाजी शुरु हो गई है। मंगलवार को कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले पर बयान देते हुए बीजेपी को घेरने की कोशिश की, उन्होने कहा कि अयोध्या मामले की सुनवाई किस तारीख को होना है, ये तो कोर्ट तय करेगा, ये बीजेपी या कांग्रेस तय नहीं करेंगे।

सरकार लाये कानून
कपिल सिब्बल ने बोलते हुए कहा कि अगर केन्द्र सरकार राम मंदिर पर कानून लाना चाहती है, तो वो कानून ला सकती है। कांग्रेस उसे रोक नहीं रही है, कांग्रेस नेता ने बीजेपी की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो इस मुद्दे को आगामी लोकसभा चुनाव की वजह से उठा रही है, उन्होने सवाल पूछने के लहजे में कहा कि क्या सरकार पिछले चार साल से सो रही थी क्या ?

कोर्ट में टल गई थी सुनवाई
मालूम हो कि अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राम मंदिर मामले की सुनवाई टल गई थी, सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिम के एम जोसेफ की बेंच में मामले को अगले साल जनवरी तक के लिये टाल दिया है। कोर्ट जनवरी में मामले की सुनवाई के लिये अगली तारीख तय करेगा, इसके साथ ही उसी दिन ये भी तय किया जाएगा, कि मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ही मामले की सुनवाई करेगी, या फिर इसके लिये नये बेंच का गठन किया जाएगा।

बीजेपी उछालती है मुद्दा
पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि ये एक जानी पहचानी कहानी है, हर पांच साल में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को उछालती है, चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस का रुख साफ है, मामला सुप्रीम कोर्ट में है, हम सभी को इंतजार करना चाहिये।

ओवैसी ने दी चुनौती
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने इस मामले में कहा कि अगर केन्द्र सरकार इस मामले में अध्यादेश लाती है, तो फटकार पड़ेगी, सरकार राम मंदिर निर्माण के लिये अध्यादेश लाकर तो दिखाये, ओवैसी ने कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको मानना पड़ेगा, फैसले का विरोध करना ठीक नहीं है, देश किसी की मर्जी से नहीं बल्कि संविधान से चलता है।