कुमार विश्वास ने विपक्षी एकता पर भी कटाक्ष किया, उन्होने कर्नाटक में जुटे कुमारस्वामी के मंच पर नेताओं को कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे फ्यूज बल्बों की झालर लटक रही हो।
New Delhi, Aug 15 : स्वतंत्रता दिवस से पहले एक निजी न्यूज चैनल ने खास कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें कविराज डॉ. कुमार विश्वास भी शामिल हुए। कुमार ने इस कार्यक्रम में अपने चिर-परिचित अंदाज में एक के बाद एक सबको धोया, उन्होने इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि वो अटल स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के छात्र हैं, इसके साथ ही उन्होने ये भी कहा कि आज देश के लोकतंत्र में पार्टियां है, लेकिन पार्टियों में लोकतंत्र नहीं है।
विपक्षी एकता पर कटाक्ष
कुमार विश्वास ने विपक्षी एकता पर भी कटाक्ष किया, उन्होने कर्नाटक में जुटे कुमारस्वामी के मंच पर नेताओं को कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे फ्यूज बल्बों की झालर लटक रही हो, आपको बता दें कि मई में कुमारस्वामी के शपथ ग्रहन समारोह में विपक्ष के 42 नेता एक मंच पर पहुंचे थे। कुमार ने आगे कहा कि महागठबंधन का एक ही एजेंडा है, मोदी हटाओ, अरे भाई, मोदी हट जाएगा, तो कोई और आ जाएगा, आपका आगे का एजेंडा क्या है? स्वास्थ्य, शिक्षा, विदेश पर आपका क्या एजेंडा है।
राजनीति में हाशिये पर हैं कुमार विश्वास
डॉ. कुमार विश्वास इन दिनों राजनीति के हाशिये पर हैं, वो ना तो पहले जितने सक्रिय दिख रहे हैं, और ना ही उन्हें उनकी पार्टी ज्यादा पूछ रही है, पार्टी का एक खेमा लगातार उनके खिलाफ बयानबाजी भी करता रहता है। पिछले दिनों उन्हें राजस्थान का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन कुछ महीने पहले उनसे पार्टी ने ये कहकर उनका पद ले लिया, कि वो समय नहीं दे पा रहे हैं।
राज्यसभा ना भेजे जाने से नाराज
इसी साल फरवरी में आम आदमी पार्टी ने तीन सदस्यों को राज्यसभा भेजा, दो साल पहले से कहा जा रहा था कि आप कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजेगी, लेकिन ऐन मौके पर पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल से मतभेद होने के बाद उनका नाम काट दिया गया। जिसके बाद कुमार ने शब्दों के जरिये अपना दर्द भी बयां किया था। हालांकि पिछले कुछ समय से वो लगातार आप सुप्रीमो पर हमलावर हैं, उन पर तंज कसने का कोई मौका वो नहीं छोड़ते।
बीजेपी से राज्यसभा जाने की चर्चा
हाल ही में ये भी दावा किया जा रहा था कि कुमार बिना बीजेपी ज्वाइन किये ही राज्यसभा के सदस्य होंगे, भारतीय जनता पार्टी उन्हें नामित कर सकती है, हालांकि लगता है, यहां भी बात नहीं बन पाई, क्योंकि इनकी जगह संघ विचारक राकेश सिन्हा को राज्यसभा के लिये नामित कर दिया गया। भले राजनीति में हाशिये पर कुमार विश्वास हो, लेकिन युवाओं में उनकी गजब की लोकप्रियता है, यही वजह है कि उनसे जुड़ी हर चीज खबर बन जाती है।