एनडीए में सीट शेयरिंग का मामला सुलझा, तो महागठबंधन में आ गया पेंच, राजद-कांग्रेस के अलग-अलग सुर

राजद विधायक और प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने दावा किया, कि महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला नवंबर के आखिर में या दिसंबर के शुरुआत तक तय कर लिया जाएगा।

New Delhi, Oct 28 : बिहार की सत्ताधारी एनडीए ने प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिये सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला सुलझा लिया है, इसकी घोषणा खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने की। लेकिन अब महागठबंधन के दो प्रमुख दल राजद और कांग्रेस में सीटों के बंटवारे को लेकर अलग-अलग सुर सुनाई दे रहे हैं। बिहार कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने ऐसा बयान दिया है, जिससे राजद के नेता परेशान हो सकते हैं, उन्होने कहा कि गठबंधन के लिये सीटों के बंटवारे पर राजद और कांग्रेस हाईकमान के जरिये आखिरी फैसला किया जाना है। ये प्रक्रिया पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद पूरी होने की उम्मीद है।

सीट बंटवारे पर अलग-अलग सुर
राजद विधायक और प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने दावा किया, कि महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला नवंबर के आखिर में या दिसंबर के शुरुआत तक तय कर लिया जाएगा, महागठबंधन में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की हम और वाम दल भी शामिल हैं, कौकब कादरी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि राजद नेता किस आधार पर ये दावा कर रहे हैं, मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं, कि कांग्रेस हाईकमान के जरिये ऐसा कोई भी फैसला प्रदेश ईकाई की चुनाव समिति की अनुशंसा के आधार पर ही लिया जाएगा, स्वाभाविक रुप से राजद सर्वोच्च नेतृत्व को इस प्रक्रिया से अवगत कराएगा।

कांग्रेस ने कहा बड़ा दिल दिखाए राजद
बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने बीजेपी-जदयू के 50-50 फॉर्मूले पर बोलते हुए कहा कि बीजेपी ने बड़ा दिल दिखाया है, उसी तरह राजद को भी चाहिये, कि वो बड़ा दिल दिखाए और कांग्रेस को अपने बराबर सीटें दी। हालांकि इसकी उम्मीद नहीं दिखती, लेकिन कांग्रेस पूरी मजबूती से लालू प्रसाद के सामने अपनी मांग रखेगी।

विधानसभा चुनाव में व्यस्त
कौकब कादरी ने कहा कि चुनाव समिति अभी गठित किया जाना है, जो दिसंबर से पहले होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि पार्टी की पूरी मशीनरी एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ और तेलंगाना विधानसभा चुनावों में व्यस्त है। इसलिये अभी ये नहीं लग रहा है, कि कांग्रेस इन चुनावों को छोड़ बिहार पर ज्यादा ध्यान देगी, यहां से चुनाव खत्म होने के बाद बिहार पर हाईकमान ध्यान देंगे।

सबसे पहला पैमाना जीत
आपको बता दें कि 2009 लोकसभा चुनावों में और 2010 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और राजद के बीच सीटों पर बात नहीं बन पाई थी, जिसके बाद दोनों पार्टी अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरे थे, हालांकि इसका खामियाजा दोनों को भुगतना पड़ा था, इन दोनों चुनावों में एनडीए को जबरदस्त जीत हासिल हुई थी, कादरी ने कहा कि कांग्रेस कितनी सीटों पर दावा ठोंकेगी, ये आने वाले समय में पता चलेगा, लेकिन हमारा पहला मकसद जीत होगा, हम संबंधित पार्टी के लिये सीटों की संख्या पर जुबानी जंग में नहीं पड़ेंगे।