मजदूर से मंत्री तक का सफर, दिलचस्प है योगी के इस मंत्री की कहानी

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2012 विधानसभा चुनाव में बसपा के फेरनलाल अहीरवार से सिर्फ 1700 वोटों से हारे थे, लेकिन 2017 में बीजेपी ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया, वो 99 हजार से ज्यादा वोटों से जीते।

New Delhi, Mar 26 : मनोहर लाल पंथ उर्फ मन्नू कोरी 2017 में जब पहली बार बीजेपी के लिये चुनाव जीते थे, तभी उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया गया था, अब 2022 में उन्होने बीजेपी के लिये दूसरी बार ललितपुर के महरौनी विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है, वो सिर्फ 10वीं तक पढे हैं, क्योंकि उनके परिवार का आर्थिक स्थित खराब थी, मूर्ति बनाने का काम करने वाले पिता की संतान के तौर पर कोरी कभी इस काम में मदद और मजदूरी किया करते थे, उनका सियासी सफरनामा यूपी की राजनीति में दिलचस्पी के साथ जाना जाता है।

सियासी उदय
बुंदेलखंड के चर्चित बुंदेला परिवार के संपर्क में आने के बाद कोरी का सियासी उदय हुआ, साल 1995 में वो पहली बार जिला पंचायत में शामिल हुए, शुरु से ही बीजेपी के साथ रहे कोरी जिला पंचायत से लेकर विधानसभा तक का सफर तय कर चुके हैं।

2012 में हार
2012 विधानसभा चुनाव में बसपा के फेरनलाल अहीरवार से सिर्फ 1700 वोटों से हारे थे, लेकिन 2017 में बीजेपी ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया, वो 99 हजार से ज्यादा वोटों से जीते, BJP इसके बाद उनकी सियासी पकड़ और साख दोनों मजबूत होती गई, उनके बेटे चंद्रशेखर भी अब राजनीति में सक्रिय हैं।

बड़ी जीत
2022 में ललितपुर की महरौनी विधानसभा में योगी सरकार में राज्यमंत्री कोरी ने 1,84,778 वोट पाकर बड़ी जीत हासिल की है, उन्होने बसपा उम्मीदवार किरण रमेश खटीक को 1,10,451 वोटों से हराया, BJP (1) यहां सपा उम्मीदवार रामविलास रजक तीसरे स्थान पर रहा।