#MeToo अगर आपकी टाइमलाइन पर भी फ्लैश कर रहा है तो जानिए क्या है ये नया ट्रेंड और लोग इसे इतना क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं ।
New Delhi, Oct 17 : ट्विटर, फेसबुक पर इन दिनों #MeToo ट्रेंड कर रहा है । सोशल मीडिया पर अगर किसी मुद्दे पर बात या बहस करनी है या उस पर सभी को एकजुट करना है तो हैशटैग के साथ वो शब्द जोड़कर इसे पोस्ट किया जाता है । #MeToo भी एक मुद्दा है जिसपर लोग सामने आ रहे हैं और अपने साथ हुए असॉल्ट का सच बयां कर रहे हैं । लोग बता रहे हैं कि कैसे उनके साथ बचपन में या कहीं और शोषण हुआ था ।
#MeToo का ये है मतलब
इस ट्रेंड को शुरू करने का मकसद है उन लोगों को सामने लाना जो कभी ना कभी अपनी लाइफ में यौन शोषण का शिकार हुए थे । हैरानी इस बात की कि इस हैशटैग पर एक दिन में ही एक लाख से ज्यादा ट्वीट किए गए हैं । लोगों ने अपने हैरान करने वाले एक्सपीरियंसेज शेयर किए हैं । इन्हें पढ़कर पता चलता है कि यौन शोषण का ये मामला देश में ही नहीं पूरी दुनिया में ही चिंता का विषय है ।
असॉल्ट के दिल दहला देने वाले मामले
#MeToo के जरिए कुछ ऐसे सेलेब्स भी सामने आए जिन्होने अपने ऐसे सच को दुनिया के सामने रखा जिसे उन्होने अब तक किसी को नहीं बताया है । विदेशों से शुरू हुआ ये ट्रेंड अब भारत में भी कई लोग फॉलो कर रहे हैं और अपने साथ हुए ऐसा हादसों को शेयर कर रहे हैं । फेसबुक पर भी इस हैशटैग की बाढ़ सी आ गई है । लोग अपने साथ हुए इस अत्याचार का मानों न्याय पाना चाहते हैं ।
महिलाएं ही नहीं पुरुष भी शामिल
हैशटैग के जरिए यौनाचार की कहानी बताने वालों में सिर्फ महिलाएं ही शामिल नहीं है । पुरुष भी इसके जरिए अपना दर्द बयां करने में पीछे नहीं । यौन शौषण पर हुए एक शोध में ये बात सामने आ चुकी है कि पुरुषों के साथ यौन शोषण की दर महिलाओं से कम नहीं है । घरों में संबंधियों द्वारा यौनाचार के शिकार मासूम लड़के भी होते हैं, जिनकी आवाज को शर्म के डर से दबा दिया जाता है ।
अमेरिकन फिल्म प्रड्यूसर हार्वे विंस्टन स्कैंडल के बाद हुई #MeToo की शुरुआत
जानकारी के अनुसार इस हैशटैग के साथ सबसे पहला ट्वीट एक्ट्रेस एलिसा मिलानो ने किया था । अमेरिकन फिल्म प्रड्यूसर हार्वे विंस्टन पर कई महिलाओं ने यौनाचार के आरोप लगाए थे । जिसके बाद उनकी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया । इस यौनाचार स्कैंडल के बाद दुनियाभर की महिलाओं ने हैशटैग के जरिए अपने साथ हुए ऐसे मामलों को शेयर करना शुरू किया ।
आ रहे हैं ऐसे-ऐसे मैसेज
हैशटैग के जरिए कुछ लोग खुद के साथ हुए उस गंदे सच को उजागर कर रहे हैं तो कुछ इन लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं । हैरानी होती है ये जानकर कि कई लोग जिन्होने अपना पास्ट शेयर किया है वो कई-कई सालों तक असॉल्ट के शिकार होते रहे लेकिन कुछ कर नहीं पाए । घर परिवार ने भी इसमें उनकी मदद नहीं कि उल्टा मुंह बंद करने की ही सलाह दी ।
अपने ही होते हैं शामिल
भारत के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के आंकड़ों के मुताबिक साल 2013में दर्ज दुष्कर्म के मामलों में 98 फीसदी केस ऐसे थे जिसमें अपने ही इस क्राइम में शामिल थे । यौन शोषण के ज्यादातर मामलों में आरोपी नजदीकी ही होता है, ऐसा इसलिए भी क्योंकि हम उन पर विश्वास करते हैं और अपने मासूम बच्चों को उनके हवाले कर देते हैं । मानसिक विकार वाले व्यक्ति इसका गलत फायदा उठाते हैं ।
#MeToo कर रहा है टॉप ट्रेंड
महिलाओं के लिए अब तक जितने भी हैशटैग वायरल हुए हैं उनमें ये सबसे ज्यादा ट्रेंड कर रहा है । एक दिन में लाखों ट्वीट के बाद ये बात भी सच साबित हुई है कि महिलाएं और पुरुष दोनों ही ऐसे मामलों के शिकार हैं । इस तरह का सोशल अभियान एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है जहां लोग अपनी आवाज रख सकें और खुद को दोषी ना मानते हुए अपना वो सीक्रेट सबके सामने ला पाएं ।
समस्या गंभीर है
अपने आसपास हो रही चीजों पर नजर डालिए, अपने घर में उन लोगों को पहचानिए जो बच्चों को इस तरह से हैरास कर सकते हैं । अपने दोस्तों में, ऑफिस कलीग्स में उस कुत्सित मानसिकता के व्यक्ति को पहचानना भले मुश्किल हो लेकिन नामुमकिन नहीं । आपकी सजगता ही ऐसे मामलों को कम कर सकती है । ऐसे अपराध अक्षम्य होते हैं और #MeToo के जरिए ये बात कहने की हिम्मत अब तक लाखों लोग कर चुके हैं ।