ऐसी कटी मुख्‍तार अंसारी की बांदा जेल में पहली रात, खुद जेलर ने बताया- कैसी है व्‍यवस्‍था

मुख्‍तार अंसारी बांदा जेल पहुंच चुका है, मेडिकल के बाद उसे बैरक नंबर 15 में शिफ्ट कर दिया गया है । उसकी पहली रात कैसी कटी, खुद जेलर ने इस बारे में जानकारी दी है ।

New Delhi, Apr 08: 22 महीने से पंजाब के रोपड़ जेल में बंद मुख्‍तार अंसारी की बांदा जेल के बैरक नंबर 16 में कटी पहली रात बड़ी बेचैनी से गुजरी । जेल सूत्रों के मुताबिक डॉन आधी रात तक सो नहीं पाया, पूरी रात वह करवटें बदलता रहा । मुख़्तार अंसारी को जेल में कोई वीआईपी सुविधा नहीं दी गई है । आम कैदियों की तरह ही उसका बिस्तर भी जमीन पर लगाया गया था, जिस पर उसे नींद नहीं आई । खाने में भी उसने सिर्फ एक रोटी और थोड़ी सी दाल ही खायी ।

बैरक नंबर 15 में किया गया शिफ्ट
मुख्‍तार अंसारी को बुधवार तड़के करीब साढ़े चार बजे बांदा जेल लाया गया था, सारी औपचारिकताएं और कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे उसके पुराने बैरक नंबर 15 में शिफ्ट कर दिया गया । आपको बता दें, मुख़्तार बांदा जेल में बंद जरूर है, लेकिन उसकी निगरानी लखनऊ से हो रही है । अत्याधुनिक कैमरों के जरिए मुख़्तार अंसारी पर नजर है । लखनऊ में कमांड कण्ट्रोल सेंटर बनाया गया है, उसके स्वास्थ्य को लेकर भी पूरी व्यवस्था की गई है । जेल के डॉक्टर के अलावा मेडिकल कॉलेज के चार डॉक्टर ऑन कॉल 24 घंटे उपलब्ध हैं ।

पंजाब मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट की खुल गई पोल
बांदा जेल पहुंचते ही मुख़्तार अंसारी एकदम स्वस्थ नजर आया, पंजाब में व्हीलचेयर पर नजर आने वाला डॉन बांदा जेल में खुद अपने पैरों पर चलता दिखा । पंजाब मेडिकल बोर्ड की उस रिपोर्ट का भी सच सामने आ गया, जिसमें उसे 9-9 गंभीर बिमारियों से ग्रस्त बताया गया था । डीजी जेल आनंद कुमार ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज बांदा के डॉक्टरों ने उसकी पूरी जांच की है, जांच रिपोर्ट में वह पूरी तरह स्वस्थ्य मिला है । उसे किसी तरह की कोई समस्या नहीं है ।

जेलर ने दी जानकारी
बांदा जेल के जेलर पी के त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत कर जानकारी दी, उन्‍होंने बताया कि मुख्‍तार के लिए जेल में कोई खास व्‍यवस्‍था नहीं की गई है, उसे कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा । लेकिन सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजामात किए गए हैं । उन्‍होंने कहस – ‘’हमने मुख्तार के लिए समान्य कैदियों की तरह ही व्यवस्था की है। फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से मुख्तार के परिजनों को उनसे मिलने नहीं दिया जाएगा । हालांकि मुख्तार की ओर से भी किसी तरह की कोई मांग नहीं की गई है । मुख्तार को जिस बैरक में रखा गया है, उसे तन्हाई बैरक कहते हैं । बैरक के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ।

52 आपराधिक मुकदमे
गौरतलब है कि लखनऊ में एमपी एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत ने 12 अप्रैल को अभियुक्त मुख्तार अंसारी को साल 2000 में कारापाल और उप कारापाल पर हमला करने, जेल में पथराव तथा जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब किया है । आपको बता दें उत्तर प्रदेश और अन्‍य राज्‍यों में अंसारी के खिलाफ 52 मामले दर्ज हैं और इनमें 15 में तफ्तीश चल रही है । उत्तर प्रदेश सरकार ने अंसारी गिरोह के गुर्गों और उसे शरण देने वालों पर आर्थिक कार्रवाई की और उसके सहयोगियों की करीब 192 करोड़ की संपत्ति जब्त एवं नष्ट की है ।

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