आईपीएस अमिताभ ठाकुर मामले में मुलायम सिंह यादव ने मारी पलटी, कहा मैंने ही फोन किया था

24 सितंबर 2015 को आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने हजरंतगंज थाने में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।

New Delhi, Aug 16 : यूपी के चर्चित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने का मामला निर्णायक दौर में पहुंचता दिख रहा है, मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने सीजेएम कोर्ट में कहा कि पूर्व सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने माना, कि फोन में आवाज उनकी ही है। आपको बता दें कि सपा सरकार के दौरान आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मामला दर्ज कराया था, कि उन्हें फोन पर धमकी दी गई है।

क्या है मामला ?
10 जुलाई 2015 को आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मामला दर्ज कराया था, कि उन्हें मोबाइल पर फोन कर धमकी दी गई। मामले में तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर आरोप लगाया गया था। अब इस मामले में मुलायम सिंह ने अपनी आवाज का नमूना देने से इंकार कर दिया है, उन्होने स्वीकार किया है कि कथित ऑडियो क्लिप में उनकी ही आवाज है।

जांच अधिकारी ने कोर्ट में क्या कहा ?
मामले की जांच कर रहे सीओ बाजारखाला अनिल कुमार ने इस मामले में सीजेएम लखनऊ कोर्ट में अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा कि वो बीते 4 अगस्त 2018 को 3/111, सुशांत गोल्फ सिटी, गोसाईगंज स्थित आवास पर पूर्व सपा सुप्रीमो से मुलाकात की थी, उन्होने उनसे आवाज का नमूना देने को कहा, जिस पर पूर्व सीएम ने स्वीकार किया, कि आवाज उनकी ही है, और वो अपनी आवाज का नमूना नहीं देना चाहते हैं।

मुलायम सिंह यादव ने दी सफाई
जांच अधिकारी के रिपोर्ट के अनुसार मुलायम सिंह यादव ने उनसे कहा कि उन्होने मात्र समझाने के लिये अमिताभ ठाकुर को कॉल किया था, जिसे उन्होने अनावश्यक रुप से बढा-चढाकर पेश किया। उनका इरादा ना तो उन्हें धमकी देने की थी, और ना ही उन्होने ऐसा किया, आपको बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने दो साल पहले 20 अगस्त 2016 को जांच अधिकारी को मुलायम सिंह की आवाज का नमूना लाने के लिये आदेश दिया था।

अमिताभ ठाकुर ने दर्ज करवाया था केस
आपको बता दें कि 24 सितंबर 2015 को आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने हजरंतगंज थाने में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था, उन्होने आरोप लगाया था कि उन्हें फोन पर धमकी दी गई। आपको बता दें कि आईपीएस अमिताभ की गिनती यूपी के तेज-तर्रार और ईमानदार अधिकारियों में की जाती है, लेकिन सपा-बसपा सरकार में उन्हें साइडलाइन कर दिया गया था।